[ काली गाजर की खेती 2024 ] जानिए बुवाई का सही समय, सिंचाई, कमाई | Black Carrot Cultivation

Last Updated on February 11, 2024 by krishisahara

जागरूक किसान बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए, उन्नत तरीकों से फसलों की खेती करते है| गुणकारी और अच्छी मांग वाली सब्जियों में सीजन के समय काली गाजर की डिमांड देखी जाती है| किसानों का काली गाजर की खेती को लेकर काफी उत्साह और जागरूकता है, वर्तमान समय में काले रंग की गाजर की बुवाई और मांग चालू है, इसलिए इसकी खेती को लेकर आज विस्तृत चर्चा करने वाले है –

काली-गाजर-की-खेती

इस लेख में आपको काली गाजर की खेती की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी, जैसे की – काली गाजर की खेती कैसें करें? काली गाजर फसल? काली गाजर कैसे उगाई जाती है? काली गाजर की खेती करने का उपयुक्त मौसम /समय –

काली गाजर फसल क्या है?

बता दे की, काली गाजर का रंग एंथोसायनिन के कारण इस गाजर का रंग काला होता है| सबसे पहले इस किस्म की गाजर का बीज स्विजरलैंड में तैयार किया था, अब इसकी खेती लगभग सभी देशों में की जाती है| वर्तमान समय में भारतीय बाजार में कई तरह की गाजर उपलब्ध है, जैसे की नारंगी रंग की गाजर, लाल गाजर, काली गाजर और पीली गाजर आदि रंग की गाजर बाजार में उपलब्ध है, जो अपने गुणों के कारण डिमांड में रहती है|

काली गाजर में तांबा, आयरन, पोटेशियम, जस्ता, फास्फोरस, Vitamin A,B,C, तथा Vitamin E का अच्छा स्रोत माना जाता है| इस गाजर को सेवन करने से आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ती है, नारंगी गाजर से काली गाजर में काफी अच्छा स्रोत होता है|

काली गाजर की खेती कैसें करें?

किसान भाइयों सामान्य गाजर की जैसे ही काली गाजर की फसल तैयार की जाती है, कुछ विशेष जानकारी के लिए –

  • पुरानी फसल की अच्छे से कटाई करने के बाद, बिना अवशेष छोड़े, खाली खेत में 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी गोबर डाल देनी है|
  • इसके बाद आपको 3 से 4 बार अच्छे से जुताई कर लेनी है, अंत में खेत को समतल करा ले |
  • इसके बाद आपको काली गाजर के अच्छे किस्म के बीज का चयन करना होगा|
  • इसका बीज आपको बाजार, कृषि भंडार या ऑनलाइन माध्यम से आसानी से मिल जाएगा|
  • आपको एक बार अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा लेना है, आपके खेत की मिट्टी का पीएच (pH) मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए|
  • बुआई से पहले आपको ध्यान देना होगा, मिट्टी में नमी है या नही, यदि आपके खेत में नमी अच्छी नही है, तो फिर अपको एक बार सिंचाई कर लेनी है|
  • प्रत्येक 15 दिन के अंतराल में रोग-कीट की देखरेख और खरपतवार निवारण करना चाहिए|
  • गाजर की पूरी फसल में मिट्टी और उपजाऊपन के अनुसार 5 से 7 सिंचाई पानी देना चाहिए|

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काली गाजर की खेती करने का उपयुक्त मौसम /समय?

बीज वेरायटी के अनुसार किसान अगेती, पछेती, समय वाली किस्मों का चयन करके बुवाई कर सकते है| सामान्य और सबसे उत्तम समय की बात करें तो, काली गाजर की बुवाई बुआई सितंबर से अक्टूबर के मध्य की जाती है| यह फसल दिसंबर से जनवरी तक पूरी तरह से तैयार भी हो जाती है|

जलवायु एवं मिट्टी –

इसकी किस्म को ठंडी जलवायु में उपयुक्त माना गया है| इसकी खेती करने के लिए सबसे अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है| काली गाजर की खेती आप काली मिट्टी के खेती में भी कर सकते है|

खेत की तैयारी और खाद उर्वरक?

खेत तैयारी के समय दूसरी बुवाई में 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी गोबर डाल देनी है, और कुछ दिनों के बाद फिर आपको अंतिम जुताई के साथ 50 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फास्फोरस और 1 कुंटल पोटेशियम/हेक्टेयर की दर से डाल सकते है| ध्यान रखे आपको नाइट्रोजन का उपयोग अधिक मात्रा में नही करना है, यह जड़ की गुणवत्ता को कम कर देता है|

काली गाजर की बीज बुवाई की विधि?

काली गाजर के बीज आपको समतल क्यारी में लगाना चाहिए| बीजों को पंक्ति के बीच 30 सेंटीमीटर की दूरी होना चाहिए और बीज की गहराई 5 सेंटीमीटर तक होना चाहिए| बुआई के 5 से 8 दिनों के मध्य बीज पूरी तरह से अंकुरित हो जाता है|

काली गाजर की खेती में सिंचाई कैसें करें?

  • प्रथम सिंचाई आपको बुआई के 2 से 3 दिनों पहले ही कर देनी है|
  • दूसरी सिंचाई किसान भाई 3 या 4 दिन बाद कर सकते है |
  • तीसरी और अगली सभी सिंचाई आपको 10 दिनों के अंतराल में कर देना है|
  • खेत की मिट्टी के अनुसार हल्की भूमियों में कुल सिंचाई 7 से 8 और भारी मिट्टी में 5 से 6 सिंचाई काफी मानी जाती है|

काली गाजर में औषधीय गुण और प्रमुख फ़ायदे?

  • काली गाजर में भरपूर औषधीय गुण पाए जाते है|
  • मानव शरीर के पाचन तंत्र को स्ट्रॉंग और क्षमता में सुधार करता है|
  • काली गाजर से कैंसर रोग को रोकने में मदद मिलती है|
  • काली गाजर का मिठास का स्वाद अनोखा होता है, ज्यूस और पेय प्रदार्थ बनाने में किया जाता है|
  • इसका सेवन करने से हमारी आखों की कमजोरी दूर हो जाती है|
  • काली गाजर में मैंगनीज और विटामिन-B, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन-ए, विटामिन-सी आदि पोषक तत्व होते है|
  • शरीर में सूजन रोग और चोट के समय शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है|

काली गाजर की खेती से कमाई/मुनाफा?

काली गाजर की खेती से आप अच्छी खासी कमाई कर सकते है, 80 हजार से 1 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से इसकी खेती में आपको मुनाफा हो सकता है| कमाई के हिसाब कम ज्यादा बाजार में मिलने वाले भावों पर भी काफी निर्भर होता है|

काली गाजर की खेती कहाँ-कहाँ होती है?

भारत काली गाजर की खेती की बात करें तो सर्वोधिक सभी बड़े शहरों के नजदीक इलाकों, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा आदि में की जाती है| विदेशों में बात करें तो, सबसे ज्यादा सीरिया, यूएस, भारत, पाकिस्तान, इजिप्ट, चीन और टर्की में होती है|

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