Last Updated on January 17, 2023 by krishisahara
एक देश एक कृषि बाजार | One country one market for farmers | ‘एक देश-एक बाजार’ नीति से बढ़ेगी कृषि आय | एक देश एक बाजार योजना क्या है | Ek Desh Ek Bajar kya hai | एक देश, एक कृषि बाजार नीति और आशाएँ-
देश की कृषि में एक लंबे समय से ही मांग रही है, कि खेती को मुनाफा और कृषि आय में बढ़ोतरी हो तथा कृषि क्षेत्र की असमानता दूर होकर मजबूती मिले | सरकार का मानना है, कि जिस तरह से देश का विकास और समय बिता है उस तरह से हर क्षेत्र में तकनीकी का विस्तार हुआ है लेकिन कृषि सेक्टर में टेक्नोलॉजी, नए बाजार को बढ़ावा नहीं मिला |
“एक देश एक कृषि बाजार” किसानों के हित में यह एक बड़ा फैसला होने जा रहा है | सरकार ने देश में कृषि उत्पादों का एक बाजार बनाने की तर्ज पर आवश्यक वस्तु अधिनियम और एपीएमसी दोनों में काफी बदलाव किए गए है | सरकार का मानना है, कि एपीएमसी में किसानों की शुरू से ही बड़ी मांग थी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू पर लगने वाली लगान से इनको बाहर किया गया है |
एक कृषि बाजार से सरकार का मानना है कि इससे लघु और मध्यम वर्ग के किसानों को फायदा होने जा रहा है |
एक देश, एक कृषि बाजार नीति और आशाएँ ?
कृषि बाजार को बढ़ावा देने के लिए सरकार का मानना है, कि किसान को ज्यादा से ज्यादा क्रेडिट मिले | सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले में आस है, कि बाजार में सुधार लाना है | बाजार में सुधार लाने के लिए सरकार ने तीन महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं जो अध्यादेश के जरिए हाल ही में जारी हुए हैं |
सरकार और विशेषज्ञों की मानें तो किसान हित में यह महत्वपूर्ण फैसला है | और यह पहली बार ऐसा हुआ है कि कृषि सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर से जोड़ा जाए और कृषि क्षेत्र में खरीद-बिक्री की प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए जिससे किसान को और कृषि क्षेत्र को व्यापार की ओर बढ़ावा मिले |
आज देश का एग्रीकल्चर सेक्टर इस स्तर पर है, कि यहां सरकार और कुछ लोकल बाजार ही कृषि उत्पाद खरीद पाते हैं और यहां किसानो को अच्छा लाभ-कीमत नहीं मिल पाती है | क्योंकि कृषि सेक्टर में कंपटीशन /प्रतिस्पर्धा कम है |
एक देश एक कृषि बाजार नीति का मुख्य उधेशय देश से कृषि क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों और लोगों को शामिल करना है | कृषि क्षेत्र में कृषि उत्पाद की कीमत की गणित को बढ़ाना, किसानों को लाभ पहुचना इसी मतलब से सरकार ने अध्यादेश जारी किए हैं |
एक देश एक बाजार से क्या फायदा ?
- किसानों के हित के इस फैसले में सरकार 1 लाख करोड रुपए कृषि आर्थिक पैकेज के रूप में कृषि क्षेत्र में व्यय करेगा |
- सरकार की एक देश एक बाजार नीति से बाजार में सुधार पर जोर दिया गया है जिससे किसान को सुविधाओ से युक्त बाजार मिलता रहे |
- बिक्री के बहुविकल्प होने से किसान अपने उत्पाद को जहां चाहे जिसे चाहे बेच सकता है | सरकार की मंडियों में या अपने नजदीकी व्यापारियों या देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद को बेच सकता है |
- मार्केट के इंफसटेक्चर, को-ऑपरेटिव सोसाइटीज आदि को मजबूती मिलेगी |
सरकार का मानना है कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पहले राज्य सरकारों को बाजार सुधार हेतु एक देश एक बाजार नीतियों को धीरे-धीरे काम मे ली जाए | लेकिन यह नीतियां अच्छे तरीके से काम नहीं कर रही थी इसी तर्ज पर केंद्र सरकार ने केंद्र की ओर से सभी राज्यों के लिए समान रूप से यह नीति लागू करने का फैसला लिया |
इस देश का हर किसान और बाजार से एक साथ जुड़ पाएगा और देश में अलग-अलग राज्यों में कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री एवं कीमतों में हो रही है असमानता को दूरियां मिलेगी | किसान छोटे होते हैं उद्योग धंधे बड़े और उनके लीडर भी बड़े तौर पर होते हैं इसलिए कृषि को एक बड़ा रूप देकर कृषि उत्पादों को एक अच्छा कीमत साथ ही कृषि क्षेत्र को स्ट्रांग/ मजबूत करना है |
सरकार की इन बहुउधेशय कानून नीतियों का देश मे वर्तमान मे बहुत विरोध प्रदर्शन हो रहा है | देश के किसानो का मानना है की इन कानूनों से देश का किसान बेघर हो जाएगा, किसान परिवारों की आर्थिक स्थति पूँजीपतियों के हाथों मे चली जाएगी |
कृषि बिलों को किसान हित मे काला कानून मानते हुए केन्द्रीय मंत्री हरसिमर्थ कोर ने दिया इस्तीफा देखे वीडियो –
यह भी जरुर पढ़े…