Last Updated on December 27, 2022 by krishi sahara
इलायची का पौधा कितने दिन में फल देता है | Elaichi ki kheti | इलायची की खेती कैसे करें | Cardamom Farming | इलायची की खेती का समय | इलायची की पहाड़ियां –
भारत मे इलायची की खेती और इसके उत्पादन से किसानों के प्रति खेती का रुझान बढ़ रहा है| यह भारतीय मसालों में सबसे महंगा मसाला है, किसानों को इसके कम उत्पादन बाजार मांगों से किसानों को मिल रहे है, अच्छे दाम, भारत के मसाला तकनीकी संस्थान तथा इन संस्थानों के शोध उपायों ने इलायची की फसल की खेती की उत्पादन क्षमता को ही बदल दिया है |
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उच्च उपज वाली इलायची की प्रजातियां, स्वस्थ पौधे, लहराते लहरदार बागान और सबसे बढ़कर शीर्ष उत्पादक राज्यों के किसान संतुष्टि | आइए जानते है इस खेती के बारे में पूरी जानकारी –
इलायची का वैज्ञानिक नाम –
Elettaria Cardamomum(Ekachi)
इलायची की खेती के बारे में जानकारी –
आज के समय मे खेती को आधुनिक व्यवसाय रूप मे अपनाया जा रहा है | देश के युवा और किसान नगदी और उच्छे भावों वाली फसलों की और आकर्षित होकर अच्छा लाभ कमा रहे है | इलायची की खेती के लिए ज्यादा धूप और ज्यादा पाने की जरूरत होती है | क्योंकि यह एक प्रकार से केले की प्रजाति का पौधा है जो सरलता से उगाया जा सकता है |
- इलायची का पौधा सदा हरा-भरा तथा ऊंचाई में यह 5 फीट से लेकर 10 फीट तक उचाई मे होता है |
- इसकी खेती करने पर इलायची का पौधा 3 से 4 साल बाद में फल देने के लिए तैयार हो जाता है |
- इसमें गुच्छों के रूप में इलायची के फल लगते है |
- इलायची का पौधा दिखने में हल्दी या अदरक के पौधे के समान दिखता है |
इलायची की खेती कैसे करें –
यह खेती उतम ज्ञान और देखरेख के साथ होतीं है इसलिए किसान को कुछ जानकारी के साथ ही खेती करनी चाहिए यह एक पहाड़ी इलाकों मे ज्यादा विकशीत फसल है| भारत के दक्षिण और मध्य भारत मे इलायची की पहाड़ियां काफी प्रसिद्ध है –
मिट्टी और जलवाऊ –
मिट्टी की बात करे तो काली गहरी दोमट भूमि वाली मृदा आवश्यक मानी जाता है| रेतीली मिट्टी मे इसकी खेती संभव नहीं है | इलायची का पौधा के लिए मिट्टी का PH मान 4.5 से 7.02 तक होना | उष्णकटिबंधीय, गर्म जलवायु तथा उच्च धूप के साथ सिचाई/बारिश की जरूरत वाले स्थान पर संभव है | भूगोलिक दृष्टि से देखे तो समुद्री स्तर से 600 मीटर से 1500 मीटर तक की उचाई क्षेत्र मे होनी चाहिए |
इलायची की खेती के लिए सामान्य तापमान के अलावा सर्दियों मे कम से कम 10 डिग्री और ग्रीष्म ऋतु मे 35 डिग्री से अधिक ना हो |
सिचाई कैसे करे –
Elaichi ki kheti मे सिचाई की बात करे तो किसान मौसम के अनुकूल सिचाई कर सकता है | वेसे इस खेती मे सदेव सचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह सदेव हरा-भरा पौधे का प्रकार है |
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बता दें कि आपको जो सामान्य इलायची होती है उसके अंदर के बीजों से पौधा तैयार नहीं कर सकते | क्योंकि बाजार में मिलने वाली इलायची कच्ची अवस्था से ही तोड़ ली जाती है और फिर ने सुखा दिया जाता है | इसलिए इनसे इलायची का पौधा तैयार करना असंभव है |
इलायची खेती का समय –
Elaichi ki kheti बारिश के मौसम से पहले जून माह के आस पास कभी भी की पौध लगा सकते हैं तथा एक बार इलायची का पौधा लगाने के तीन से चार साल बाद फल देने के लिए पूर्ण तैयार हो जाता है |
इलायची की कटाई यानी इलायची के तूड़ाई का समय जुलाई से जनवरी माह तक होती है |
इलायची कितने प्रकार की होती है ?
इलायची दो प्रकार की होती है –
- बड़ी इलायची / (black Cardamom)
- छोटी इलायची अथवा हरी इलायची (Green cardamom)
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भारतीय मसाला फसल अनुसंधान (indian institute of spices research), इलायची उत्पादन राज्य के किसानों के सपनों को साकार करने के लिए यह अनुसंधान केंद्र मध्यपूर्ण भूमिका निभा रहे है |
इलायची की खेती कहां होती है?
बता दें कि छोटी इलायची की जैविक खेती के रूप में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है | भारत में इलायची की खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में की जाती है |
इलायची को कैसे उगाए / इलायची का पौधा कैसे लगाए?
इलायची का पौधा कैसे लगाएं इसके लिए पहले से लगे हुए इलायची के पौधे के जड़ों के किनारे जो पौधा उग आते है, उससे अलग नया इलायची का पौधा तैयार कर सकते है |
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