Last Updated on January 1, 2023 by krishi sahara
पीला मोजेक रोग | सोयाबीन में पीला मोज़ेक वायरस – Yellow mosaic virus | पीला चितेरी रोग | मोजेक वायरस | मोजेक रोग क्या है | पीला मोजेक की दवा | उड़द में लगने वाले रोग
यह रोग दलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है, जो सामान्यतः दलहन फसलों में लगता है| उड़द, सोयाबीन, मूंग, आदि प्रकार के दलहन फसलों में काफी तेजी से फैलता है | पीला चितेरी फ़सली रोग इतना खतरनाक है, की पूरे खेत की फसल को दो सप्ताह मे सुखा देता है –
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पीला मोजेक रोग समान्यतः सफेद मक्खी के कारण फैलता है, जो पौधे को अंतत है सुखा कर खत्म कर देता है | बिना निवारण से, किसानों को इस फसल बीमारी के प्रभाव से काफी ज्यादा नुकसान भुगतना पड़ सकता है |
पीला मोजेक रोग के फसलों में लक्षण ?
- इस रोग के कारण फसल के शुरुआत में पत्तों पर हल्के पीले बिखरे हुए धब्बे दिखाई देते हैं |
- इन लोगों का कार्य धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और दे बाद में पौधे की पूरी पत्ती लुप्त हो जाती है यानी सूख जाती है |
- रोगी पौधे की ग्रोथ होना रुक जाती है तथा अन्य स्वस्थ पौधों की तुलना में देर से फसल देता है |
- रोगी पौधे पर फूल और फलियां भी कम आती है, और फलियों का आकार भी कम, टेडी-मेडी होती है, जिसमें दाना भी सही ढंग से नहीं बनता है |
- पीला मोजेक रोग फसलों में श्वेत मक्खी के द्वारा फैलता है |
- यदि इस रोग की रोकथाम शुरुआत में नहीं करने पर धीरे-धीरे रोगी पौधे से सुस्त पौधों की ओर धीरे धीरे बढ़ता जाता है और पूरी फसल को खराब कर सकता है |
- 2020 के शुरुआत मे उतरी भारत के राज्यों मे सोयाबीन में पीला मोज़ेक वायरस बहुत अधिक गति से फेला था |
पीला मोजेक रोग प्रबंधन कैसे करें ?
- पीला मोजेक की दवा किसान इस रोग के लिए जैविक और रासायनिक कीटनाशक का उपयोग कर सकता है |
- जैविक कीटनाशक के लिए किसान को नीम पत्तियों का घोल का खेत मे हल्का छिड़काव करना है |
- किसान के खेत मे यह रोग ज्यादा प्रभावी हो जाता है, तो किसान को नजदीकी कृषि खाद बीज या कृषि विभाग से सलाह ले कर फसल को रोग मुक्त कराए |
- इस प्रकार के रोगों से बचाने के लिए बीजों को बोलने से पहले उपचारित करना चाहिए ( Dimithoate / Imidaclopride ko 5 mili/ kg bij )
- खेत की बुवाई करते समय इस फसल के चारों ओर लगभग एक कतार ज्वार की फसल को देनी चाहिए |
- खेत मे दलहन फसल के आस-पास खरपतवार कम से कम होने दे |
- फसल में पीला मोजेक के कुछ भी लक्षण दिखाई दे तो उस पौधे को शुरुआत में ही उखाड़ फेंक देना चाहिए खेत से बाहर या इस पौधे को जला दें |
- यह रोग श्वेत मक्खी के कारण से ही फैलता है, इसलिए श्वेत मक्की के प्रमुख रोकथाम के लिए भी व्यवस्था करें |
- Mithail Demeton 25 EC / Dimithoat 30 ECइस दवा का 500 मिली दोष के हिसाब से के प्रति हेक्टर में खड़ी फसल पर छिड़काव करें |
- मुख्यतः किसानों को श्वेत मक्खी की रोकथाम करनी चाहिए और दवा का छिड़काव 7 से 10 दिन के अंतराल मे करे |
मोजेक रोग किस पौधे में होता है ?
खेती में इस रोग को सर्वाधिक दलहन फसलों में देखा जाता है, जो किसान को लागत और मुनाफे मे भारी नुकसान पहुचाता है – उड़द, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, मसूर, चना आदि प्रकार के दलहन फसलों में काफी तेजी से फैलता है |
पीला मोजेक रोग का रोगजनक है ?
श्वेत मक्खी और मिट्टी द्वारा जनित कारकों को इस रोग का जिम्मेदार माना जाता है, रोग प्रबंधन के लिए मिट्टी की जाँच कराए, अच्छी और तेज धूप के समय 2 से 3 गहरी जुताई कराए, उपचारित बीजों का प्रयोग करें, कीट रोगों के प्रति समय पर प्रबंधन करना चाहिए |
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