[ ट्राइकोडर्मा कीटनाशक क्या है 2024 ] ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार, स्प्रे कैसे करें | Trichoderma Viride, Fungicide

Last Updated on January 25, 2024 by krishisahara

ट्राइकोडर्मा लिक्विड कीमत | गन्ने में ट्राइकोडर्मा का उपयोग | ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार कैसे करें | ट्राइकोडर्मा का स्प्रे कैसे करें

जैविक तरीकों से खेती करने वाले किसानों के लिए, ट्राइकोडर्मा घुलनशील कीटनाशक वरदान साबित होता जा रहा है | ट्राइकोडर्मा कीटनाशक खेती बाड़ी की फसलों में जैविक फफूंदी नाशक दवा के रूप में काम करता है, जिसका प्रयोग सभी सब्जियों, धान, गेहूं, तिलहनी, दलहनी, आलू, गन्ना किया जा सकता है | तो आइए जानते है, किसानों का भरोसेमंद ट्राइकोडर्मा विरईडे- जैव कीटनाशक के बारें में विस्तृत जानकारी –

ट्राइकोडर्मा-कीटनाशक-क्या-है

यदि आप एक जागरूक किसान है, और आपको ट्राइकोडर्मा कीटनाशक की जानकारी नही, तो फिर आप सही जगह आए हो| इस लेख में आपको ट्राइकोडर्मा कीटनाशक की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी –

ट्राइकोडर्मा कीटनाशक क्या है?

यह एक ऐसी फसल सुरक्षा जैव आधारित दवा है, जो बीज बुवाई, पौध तैयारी के समय से लेकर खड़ी फसलों में उपयोग किया जाता है | फसलों में फफूंद जनित रोगों, तना गलन, उकठा, जड़ों में गांठ, जड़ गलन आदि रोगों से निजात मिलती है| ट्राइकोडर्मा कीटनाशक कवक, हानिकारक सूक्ष्म जीव से जड़ की सुरक्षा में काम करता है |

ट्राइकोडर्मा लिक्विड Price लिस्ट –

यह दवा बाजार में कई पैकिंग रूप में मिलती है, जिनकी वर्तमान समय के अनुसार लगभग कीमत निम्न प्रकार है –

ट्राइकोडर्मा किस काम आता है ?

ट्राइकोडर्मा का उपयोग विभिन्न प्रकार की तिलहनी फसलों, दालों, कपास, गन्ना, फल बागवानी- आम, केला, अमरूद, संतरा, कई सब्जियां जैसे की- फूलगोभी, बैंगन, टमाटर, मिर्ची, आलू, प्याज, मटर आदि किया जाता है| पेड़-पौधों में ट्राइकोडर्मा मृदाजनित रोग, कंद, जड़ गलन, आंद्ररपतन, विगलन आदि रोक / कीटो को नियंत्रित करता है|

ट्राइकोडर्मा लिक्विड पैकिंग मात्राट्राइकोडर्मा कीमत/ प्राइस
100 ml112 रुपए के आस-पास
500 ml180 रुपए के आस-पास
1 लीटरलगभग 275 रुपए प्रति लीटर

ट्राइकोडर्मा का उपयोग कैसे करें ?

इसका उपयोग किसान भाई कई तरीकों और आवश्यकता के समय कर सकते है | इसमें आप बीज बुवाई से पहले उपचारित करें हेतु, खेत/नर्सरी की मिट्टी का उपचार और जड़ उपचार के साथ, या खड़ी फसलों में भी रोग-लक्षणों के समय ट्राइकोडर्मा का छिड़काव कर सकते है|

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ट्राइकोडर्मा से मिट्टी उपचारित कैसें करें –

मिट्टी को उपचारित करने के लिए, खेत को तैयारी के समय दूसरी जुताई में सड़ी गोबर खाद या कंपोस्ट खाद या वर्मी कंपोस्ट में एक किलोग्राम ट्राइकोडर्मा मिला कर प्रति एकड़ खाद को डाल सकते है |

ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार करने की सरल विधि –

बीजों की बुआई से पहले आपको, सबसे पहले बीजों को ट्राइकोडर्मा से उपचार कर लेना है| इसके लिए आपको 5 से 8 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर का उपयोग प्रति किलोग्राम बीज की दर से काम में लेना है|

जड़ उपचारित करने की सरल विधि –

यदि विधि सर्वाधिक गन्ने और धान की बुवाई के समय जड़ों को उपचारित करने के लिए उपयोग में ली जाती है | पौधों की रोपाई से पहले 15 लीटर पानी में 250 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिला कर, एक घोल तैयार कर लेना है| घोल में पौधे की जड़ों को आधा घंटे तक डुबाकर रखना है, इसके बाद तैयार खेत/मिट्टी में पौधे की बुआई कर देनी है|

ट्राइकोडर्मा-कीटनाशक

ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार कैसें करें ?

  • बीज उपचार के लिए आपको सबसे पहले 5 से 8 ग्राम ट्राइकोडर्मा लेना है, प्रति किलो बीज की दर से इस दवा पाउडर में अच्छे से मिलाकर बीजोपचार कर देना है|
  • ट्राइकोडर्मा सभी बीजों में समान रूप से चिपकना चाहिए|
  • आवश्यकता अनुसार आप 5 से 10 ml पानी का छिड़काव भी कर सकते है|
  • फिर आपको बीज को 2 से 3 घंटे तक छाव में रख देना है, ध्यान दे उपचार बीजों को धूप में न रखे|
  • इसके बाद आपको बीजों की बुआई कर देनी है|

ट्राइकोडर्मा से क्या लाभ है?

  • ट्राइकोडर्मा हमारी फसल को मिट्टी, बीज और जड़ों के द्वारा फैलने वाले रोग-कीटों से बचाता है |
  • यह सूक्ष्म जीवो की वृद्धि को रोकता है, और कुछ समय के बाद पूरी तरह से खत्म भी कर देता है|
  • ट्राइकोडर्मा पौधे की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है|
  • यह मिट्टी में कार्बनिक तत्व/प्रदार्थ को बढ़ाता है, पौधे की जड़ों के आस-पास जैव उर्वरक के रूप में भी काम करता है|
  • यह पौधे में एंटीऑक्साइड गतिविधि को बढ़ता है|
  • ट्राइकोडर्मा से मिट्टी में मौजूद केंचुआ जीव के ऊपर कोई प्रभाव नही पड़ता है|
  • ट्राइकोडर्मा के उपयोग से किसानों को अन्य किसी भी कवकनाशी रासायनिक दवा का उपयोग नहीं करना पड़ता है |

ट्राइकोडर्मा कितने प्रकार के होते है?

ट्राइकोडर्मा दवा के 2 प्रकार खेती कार्यों में विशेष रूप से काम मे लिए जाते है – ट्राइकोडर्मा विरिडी और ट्राइकोडर्मा हरजियानम | यह जैव कवकनाशी तथा विभिन्न प्रकार की कवकजनित रोगों को रोकती है| इसका उपयोग प्राकृतिक रूप में सुरक्षित माना जाता है|

ट्राइकोडर्मा कीटनाशक कहाँ मिलेगा ?

एक जागरूक किसान जैविक कीटनाशक के रूप में ट्राइकोडर्मा कीटनाशक का ही उपयोग करता है| यह अपको आसानी से भारतीय बाजार, कृषि दवाई स्टोर या फिर आपको ऑनलाइन माध्यम से भी आसानी से मिल जाएगी|

ट्राइकोडर्मा बनाने की विधि /ट्राइकोडर्मा घर पर कैसे बनाएं?

  • यदि आप घर बैठे ट्राइकोडर्मा बनाना चाहते है, तो इसके लिए आपको सर्वप्रथम गोबर का उपयोग करना पड़ेगा|
  • गोबर से निर्मित कांडो को सबसे पहले छोटे-छोटे आकार में तोड़ कर बारीक कर ले|
  • इसके बाद आपको इसमें 28 किलो ग्राम का कांडो से निर्मित पाउडर लेना है|
  • फिर आपको इसमें अपनी आवश्यकता अनुसार इसमें पानी डाल देना है, और साथ ही इसे अच्छे से मिला लेना है|
  • इसके बाद आपको उच्च कोटि का ट्राइकोडर्मा शुद्ध कल्चर 60 ग्राम इसमें मिला देना है, और फिर इसको अच्छे से ढक देना है|
  • इसमें आपको समय-समय पर पानी का छिड़काव कर देना है, अर्थात सूखने नही देना है|
  • अंत में 15 दिनों के अंदर यह ट्राइकोडर्मा तैयार हो जाएगा|

ट्राइकोडर्मा पाउडर price?

ट्राइकोडर्मा पाउडर का भाव 140 से लेकर 200 रुपए प्रति किलो है, आपके क्षेत्र के अनुसार भाव में अंतर हो सकता है – ट्राइकोडर्मा पाउडर रेट/कीमत

गन्ने में ट्राइकोडर्मा का प्रयोग कब और कैसें करें?

ट्राइकोडर्मा का प्रयोग आप गन्ना बीज, मिट्टी, जड़ उपचार में कर सकते है | गन्ने में ट्राइकोडर्मा का उपयोग आपको 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर से 75 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग करना है|

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