Last Updated on March 20, 2024 by krishisahara
Soybean yield per acre | सोयाबीन की खेती में खाद | सोयाबीन की खेती कहां होती है | सोयाबीन की खेती में लागत और कमाई | सोयाबीन की खेती कैसे करें
देश में हर साल अच्छे क्षेत्र में सोयाबीन फसल की खेती की जाती है | सोयाबीन मुख्यतः खरीफ सीजन की फसल है, जो मानसून बारिश में होती है | सोयाबीन बीज का उपयोग दलहन और खाध्य तेलों के रूप में किया जाता है, जिसकी मांग साल भर अच्छे भावों में बनी रहती है | पिछली बार सोयाबीन किसानों को अच्छा मुनाफा दिया – भाव MSP से भी दुगने मिले –
आइये आज जानते है, Soyabean Ki Kheti से जुडी हर एक जानकारी के बारें में विस्तार से –
सोयाबीन की खेती कैसे करें सम्पूर्ण जानकारी –
भारत में भी यह खेती बड़े पैमाने पर खरीफ फसल के रूप में की जाती है | यह फसल आमतौर पर 90- 100 दिन मे तैयार हो जाती है | अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान को निम्न प्रकार की जानकारी, सावधानियां जैसे – खेत की तैयारी, बीजों/किस्म का चयन, बुवाई का तरीका, खेती में खाद-उर्वरक, निराई-गुड़ाई, मौसम आदि के प्रति सचेत रहना चाहिए, तब जाकर किसान अच्छी पैदावार ले सकता है |
सोयाबीन की खेती का समय –
यह मुख्यतः खरीफ फसल है जिसे किसान मानसून की स्थति यानि आवक के अनुसार बुवाई कर सकता है| कई ऐसे किसान भाई भी है जो सोयाबीन की अगेती और पछेती खेती भी करते है, उनके लिए अलग किस्म के बीज काम में लेना चाहिए जिससे उत्पादन अच्छा बना रहे |
सोयाबीन की खेती के लिए जलवायु ?
भारत में इसकी फसल बरसाती मानसून में फलती-फूलती है, गर्म शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी अच्छी पैदावार देखने को मिलती है | जून-जुलाई के महीनों में इसकी बुवाई की जाती एव सितम्बर अक्टूम्बर के माह में फसल काट ली जाती है |
सोयाबीन की फसल कौन से महीने में बोई जाती है?
अगेती बुवाई | सामान्य बुवाई का उत्तम समय | सोयबीन की पछेती बुवाई |
अगेती बुवाई के लिए 1 जून से लेकर 1 जुलाई का समय | | सामान्य बुवाई का उत्तम समय जुलाई का पहला और दूसरा सप्ताह सबसे अच्छा माना गया है | | सोयबीन की पछेती बुवाई – 20 जुलाई बाद का समय होता है, जिसमे जुलाई लास्ट तक बुवाई कर सकते है | |
सोयाबीन की बुवाई कैसे की जाती है?
किसी भी प्रकार की फसल हो उसकी बुवाई का तरीका और मापदंड भी पैदावार को बढ़ाते है| सोयाबीन का बीज मोटा होने के कारण 2 से 3 सेमी गहरा बीज में बुवाई करना चाहिए | बीज से बीज की दुरी 5 से 7 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दुरी 30 से 45 सेंटीमीटर तक की दुरी रहना उचित माना जाता है| बुवाई के समय ध्यान रखे खेत की मिटटी में 10 सेमी गहराई तक नमी का होना जरुरी है |
सोयाबीन की खेती में खाद –
अच्छी उपज लेने के लिए अप्रेल माह में अच्छी हल या कल्तिवेटर की मदद से खेत की 2 जुताई करा देनी चाहिए | दूसरी जुताई में 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर डालनी चाहिए | यह फसल 90 से 100 दिन की होती है, इसलिए 2 बार NPK की ग्रेड वाली और यूरिया उर्वरक का छिडकाव करना चाहिए | पहला छिडकाव जब फसल 15-20 दिन की हो जाये, दूसरा छिडकाव जब फसल 40 दिन की हो जाये |
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सोयाबीन की किस्में (soybean variety) ?
आज के समय खेती में घर का पुराना बीज काम में लेना घाटे का सोदा बनता दिखाई दे रहा है| सरकार भी कृषि क्षेत्र में उन्नत बीजों को काम में लेने की सलाह और प्रयास करती है – देश की कई कृषि संस्थानों द्वारा उन्नत किस्म के मानक सोयाबीन बीज विकसित किये है जो निम्न है –
- शिलाजीत
- PK-472
- सोयाबिन प्लांट
- अंकुर
- ब्रेग
- DOC स्पोर्ट सोयाबीन
- पंत सोयाबीन 692
- PK-262
- PK-327
- PS- 247
- सोयाबीन की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
सोयाबीन की पैदावार कितनी होती है ?
बात करें उपज पैदावार की तो अच्छी तरह से सभी प्रकार की देखभाल और सावधानियो के साथ फसल को तैयार करता है तो, प्रति एकड़ सामान्य 15 क्विंटल/हे. और अधिकतम 40 क्विंटल/हेक्टेयर (MAUS -612 किस्म) तक का पैदावार ले सकता है |
सोयाबीन का उपयोग क्षेत्र ?
सोयाबीन एक बहु उपयोगी फसल है, इसको उपयोग दाल, सब्जी, तेल, आदि के रूप में उपयोग करते हैं | यह तिलहन के रूप में उपयोग होती है, सोयाबीन का तेल निकालने के बाद इसकी खली जो बचती है| उसके विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट या उधोगो में भेजते हैं जैसे – नमकीन, सोयाबीन का दूध (सोया मिल्क) सोया-पनीर, सोयाप्रोटीन आदि विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने के लिए बाजार में बहुत सारी कंपनियां उतरी हुई है |
सोयाबीन की खेती में लागत ?
किसान भाई अच्छी जुताई एव खाद-बीज से खेती करता है, तो पार्टी हेक्टेयर 35 से 40 हजार रूपये तक का खर्चा आता है | इस खेती में अच्छी मात्रा में जैविक खाद एव बीज डालना चाहिए, जिससे लागत की तुलना में अधिक लाभ कमाया जा सके |
सोयाबीन की खेती से मुनाफा/कमाई ?
किसान खरीफ की इस फसल से 30 हजार से 50 हजार रूपये/एकड़ तक की कमाई कर सकता है | यह कमाई फसल की देखभाल, बारिश-मौसम, बाजार भाव आदि के अनुसार तय होती है | कृषि काम जोखिम भरा काम है, जिसमे फसल का उत्पादन लेना कई प्रकार की सावधानियों के साथ लिया जाता है |
पिछले साल महाराष्ट्र के कई सोयाबीन किसान बैमोसम बारिश के कारण लागत को जुटाना भारी हो गया, जिसके चलते सरकार द्वारा मुवावजा दिया गया – सोयाबीन की खेती PDF
एक बीघा में कितनी सोयाबीन बोई जाती है?
किसान को बीज वैरायटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार बोवाई करना चाहिए, वैसे सामान्यत 14 से 18 किलोग्राम प्रति बीघा बुवाई बीज अच्छा रहता है |
सोयाबीन कितने दिन में तैयार हो जाती है?
यह फसल खरीफ सीजन की फसल है, मानसून के प्रारम्भ में बोई जाती है | लगभग सभी प्रकार की सोयाबीन बीज वेराईटीयां 85 से 95 दिन में पककर तैयार हो जाती है |
सोयाबीन का भाव क्या चल रहा है मंडियों में ?
वर्तमान में देश की मंडियों में सोयाबीन का मंडी भाव – 4800 रु/क्विंटल के आस-पास भावों में बिकता नजर आ रहा है |
सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है ?
भारत में तिलहन फसलों में सोयाबीन का प्रथम स्थान है, जो देश में सर्वाधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में होता है, इसके आलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, प्रमुख उत्पादक राज्य हैं, जहाँ पुरे उत्पादन का 80% पैदावार ली जाती है | भारत के इन राज्यों मे सोयाबीन का सबसे ज्यादा पैदावार होती है |
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