[ कृषि पर आधारित उद्योगों के नाम 2024 ] जानिए कृषि आधारित उद्योग लोन स्कीम | Agro Based Business

Last Updated on March 5, 2024 by krishisahara

कृषि उद्योग लोन | कृषि उद्योग एवं व्यापार | कृषि आधारित उद्योग के प्रकार | कृषि उद्योग की जानकारी | कृषि आधारित उद्योग

कृषि भारत में रोजगार के क्षेत्र का सबसे बड़ा उद्योग है | भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान और महत्व रहा है | आज के समय कृषि आधारित उद्योग को बढ़ाव और प्रोत्साहित करने का मुख्य कारण – भारत की कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के स्थिति पिछड़ी हुई है तथा ग्रामीण आबादी का शहरों की और पलायन बढ़ रहा है| लोग कृषि की और कम ध्यान लगा रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या शहरों की और बढने के कारण शहरों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है |

कृषि-आधारित-उद्योग

सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा और प्रोत्साहित देने के लिए कृषि उद्योग लोन स्कीम जैसी सुविधाओ को आगे ला रही है तथा उन्हें प्रोत्साहित कर रही है | सरकार का प्रयास है, कि कृषि उद्योगों के बढ़ावे से कृषि का ढांचा खूब सुधर पायेगा, जिससे ग्रामीण आबादी को रोजगार और देश की आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध हो पाएगी |

आइए जानते हैं, कृषि आधारित प्रमुख उद्योग और सरकारी प्रयास, कृषि उद्योग लोन स्कीम, कृषि उद्योग की जानकारी –

भारत में कृषि आधारित उद्योगों का महत्व ?

कृषि उद्योग जिनका कच्चा माल या उत्पाद कृषि पर निर्भर रहता है | इन उद्योगों को कच्चा माल किसानों के खेतों से प्राप्त होता है और वही से कृषि उद्योग की ABCD शुरू होती है, कृषि आधारित उद्योग कहलाते हैं | आज के समय खेती पर आधारित उद्योग से ही किसान की आय को सुधारा जा सकता है |

किसान और उद्योग के अलावा मध्यस्थ किसान/मजदूर/परिवहन/बाजार/दुकानदार/आड़ती आदि को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं| कृषि उद्योग से देश में रोजगार का एक अन्य क्षेत्र में भारी आवश्यकताएं बनी हुई है तथा आगे भी और ज्यादा बन सकती है |

कृषि उपज के रंग, रूप, गुण, आकार, स्वाद आदि में परिवर्तन करके कृषि मूल्य संवर्धन किया जाता है, बस यही समर्थन ही कृषि उद्योग का रूप है |

कृषि और उद्योग का संबंध ?

खेती-बाड़ी और उद्योग दोनों ही अलग-अलग है, लेकिन आज के समय सरकारी प्रयास और आबादी की आवश्यकताओं के अनुरूप देखे तो कृषि और उद्योग दोनों एक होते नजर आ रहे हैं | उद्योग, कृषि पर निर्भर हो रहे हैं और कृषि, उद्योगों पर निर्भर हो रही है |

आज के समय खेती/कृषि करना बिना उद्योग के असंभव है तथा उद्योग ही एक ऐसा साधन है जिससे कृषि की आय को बढ़ाया जा सकता है | कृषि को उद्योग में शामिल करने से अधिक मूल्य प्राप्ति हो सकती है | किसान और उद्योगों के बीच में मध्यस्था वाले जोड़ में भारी रोजगार उत्पन्न हो सकते |

कृषि-आधारित-उद्योग

उद्योगों से अब जो कृषि उत्पाद की बर्बादी पर रोक लग सकती है, यानी उसे कम समय में ही बाजार का मिल जाए तो है, समय पर ही कृषि उपजो का प्रयोग कर इन्हें बर्बादी से बचाया जा सकता है |

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देश के प्रमुख कृषि आधारित व्यवसाय ?

कृषि आधारित उद्योग में ये एक प्रकार से ऐसे उद्योग है, जिनका कच्चा माल कृषि/किसानों के खेतों से आता है| जैसे सूती वस्त्र के लिए कपास, चीनी के लिए गन्ना, जुट के लिए पटसन, तेल आधारित उद्योग तिलहनी फसलें आदि का कच्चा माल किसान अपने खेतों से करता है –

  • सूती वस्त्र उद्योग/कपड़ा उद्धोग
  • चीनी उद्योग 
  • जुट आधारित उद्योग
  • रबर उद्योग
  • वनस्पति तेल उद्योग
  • कृषि यंत्र उद्योग
  • कृषि जिंसों पर आधारित उद्योग जैसे – आटा, दलिया, पापड़, गुलकंद, मिर्च-धनिया पाउडर, मक्खन-घी-पनीर, शक्कर, चिप्स, जूस, शरबत, अचार, सोस, मुरब्बा, जेली, आदि |
  • खाद बीज उत्पादन उद्धोग
  • दुग्ध व्यवसाय
  • पशुआहार/खल उद्धोग

सूती वस्त्र उद्योग/कपड़ा उद्धोग –

सूती वस्त्र उद्योग भारत में कृषि के बाद में दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है | सूती वस्त्र का उद्योग का उपयोग प्राचीन और ऐतिहासिक श्रंखला क्रम मिलता है | भारत में पहले सूती वस्त्र उद्योग, कुटीर उद्योग के रूप में सूती वस्त्र का उत्पादन होता था |

अंग्रेजी काल में भारत के उच्च गुणवत्ता के सूती वस्त्र, रेशमी कपड़े आदि भारत से विदेशों में ले जाए जाते थे | आज भी सूती वस्त्र का उद्योग भारत में बरकरार है, जो भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि को महत्वपूर्ण बनाए हुए हैं |

जूट आधारित एग्रो उद्योग –

कृषि आधारित उद्योगों में जूट भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है | संसार में एक समय ऐसा था, जब भारत जूट उत्पादन में अपना प्रथम स्थान रखता था | जूट उद्योग का कच्चा माल पटसन है, पटसन की कताई का काम भारत में बहुत ही अच्छा माना जाता है |

जूट से दरी, बोरे, रस्सी, बैग, पैकिंग समान आदि का निर्माण किया जाता है | लेकिन जूट के लिए आज के समय बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दुनिया में नई-नई तकनीक के विकास से प्लास्टिक से पैकिंग उत्पाद आ रहे है |

जूट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऐसी नीतियां बना रही है, जिनसे प्लास्टिक को कम किया जा रहा है तथा पर्यावरण सहायक नीतियों को अपनाया जा रहा है |

कृषि-आधारित-उद्योग

चीनी कृषि आधारित उद्योग –

यह उद्योग मुख्य रूप से गन्ने पर निर्भर है, गन्ना एक प्रकार से भारत क्षेत्र में उत्पादित किया जाता है | भारत गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और चीनी/शुगर के उत्पादन से देखा जाए तो दूसरा स्थान है | चीनी उद्योग से चीनी, गुड, शराब, स्प्रिट, एथेनाल जैसे कई रसायन केमिकल बनाए जाते हैं |

प्रमुख कृषि उद्योग स्कीम/कृषि उद्योग लोन –

सरकार किसानों की आय को बढ़ाने तथा करते उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कृषि के आधारित हर विभाग के उद्योगों में नई नई योजनाएं ला रही है |

  • इन योजनाओ से किसानों को मूल्य संवर्धन संबंधित आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है |
  • आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था दी जाती है |
  • वित्त की आपूर्ति कराई जाती है |
  • उद्धोग व्यवस्था प्रचार प्रसार कार्यों पर ध्यान दे रही है |

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कृषि और उद्योग एक दूसरे के पूरक है कैसे ?

खेती-बाड़ी और उद्योग दोनों ही अलग-अलग है, लेकिन आज के समय सरकारी प्रयास और आबादी की आवश्यकताओं के अनुरूप देखे तो कृषि और उद्योग दोनों एक होते नजर आ रहे हैं – उद्योग, कृषि पर निर्भर हो रहे हैं और कृषि, उद्योगों पर निर्भर हो रही है |

कृषि आधारित उद्योग कौन कौन से हैं ?

सूती वस्त्र उद्योग /कपड़ा उद्धोग
चीनी उद्योग 
जुट आधारित उद्योग
रबर उद्योग
वनस्पति तेल उद्योग
कृषि यंत्र उद्योग
कृषि जिंसों पर आधारित उद्योग जैसे – आटा, दलिया, पापड़, गुलकंद, मिर्च-धनिया पाउडर, मक्खन-घी-पनीर, शक्कर, चिप्स, जूस, शरबत, अचार, सोस, मुरब्बा, जेली, आदि |

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