Last Updated on February 15, 2024 by krishisahara
राजस्थान कृषि आंकड़े | राजस्थान में कृषि जोत का औसत आकार, राजस्थान की कृषि फसलें | राजस्थान में कृषि उत्पादन | प्रदेश की कुल जीडीपी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान
राजस्थान में कृषि का नाम लेते ही, रेतीले धोरों और अरावली की पहाड़ियों का विचार आता है | यहाँ का अधिकतर कृषि भूभाग फसलों के लिए बारिश पर निर्भर है | शुरू से ही राजस्थान में कृषि की स्थति को सुधार में इंद्रा गांधी नहर परियोजना चलाई जो, आज भी प्रदेश की प्यास और भूख मिटाने में अपना अमूल्य योगदान दे रही है |
राजस्थान में कृषि की स्थिति के बारे में जानकारी ?
क्षेत्रफल की नजर से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जो उत्तरी भारत में स्थित है | यहाँ की कृषि मुख्य रूप से अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के निचले मैदानों और तर, वर्षा जलभराव क्षेत्रों में की जाती है| राजस्थान की कृषि में मुख्यतः गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का, चना, मूंगफली, तिल, उड़द, इसबगोल, इमली और धनिया जैसी अन्य फसलों की खेती होती है | राजस्थान में मिल्क, दूध उत्पादन और फलों जैसे आम, अंगूर, संतरे, अनार, बेर और आलू आदि की उत्पादन भी होता है|
राजस्थान में कृषि का महत्व ?
राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ लगभग 70% जनसँख्या कृषि पर निर्भर करती है| राजस्थान के कुछ भागों में बारिश कम होने के कारण कृषि बहुत कठिन होती है, लेकिन फिर भी कृषि इस राज्य की आर्थिक विकास का मुख्य आधार बनी हुई है|
राजस्थान की कृषि राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |
राजस्थान कृषि में लगभग 45% बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करती है | इसके अलावा, कृषि उत्पादों की खेती से निकली जाने वाली खाद्य सामग्री का उत्पादन अन्य उद्योगों के लिए भी महत्वपूर्ण है |
राजस्थान में कृषि उत्पादन एव आकड़ें ?
राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है और यह भारत के कृषि उत्पादन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है | राजस्थान में कृषि उत्पादन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण आकड़े निम्नलिखित हैं : –
- राजस्थान में कुल खेतीबाड़ी क्षेत्र का विस्तार 20.35 मिलियन हेक्टेयर है |
- 2022 रिकॉड के अनुसार, राजस्थान में कुल खाद्य अनाज उत्पादन 211.18 लाख टन है |
- राजस्थान में सबसे ज्यादा उत्पादन होने वाले खाद्य अनाज फसल हैं – बाजरा, जौ, गेहूं और चना |
- राजस्थान में तिलहन, मेथी, उड़द, मोठ, धनिया, इसबगोल, मूंगफली, अरंडी, जीरा, अदरक जैसी फसलें भी उत्पादित की जाती हैं |
- राजस्थान में घरेलू उत्पादों का उत्पादन भी होता है, जिसमें ताम्बूल, अचार, मुरब्बा, चटनी आदि शामिल हैं |
- राजस्थान में कृषि के लिए प्रयुक्त कुल जल संसाधनों का विस्तार 1.86 करोड़ हेक्टेयर है |
- राजस्थान में कृषि उत्पादकों को सरकार द्वारा अनेक प्रकार से संबल एव योजनाओ से सहारा प्रदान करती है |
राजस्थान की कृषि एवं फसलें ?
राजस्थान, अपनी विविधता एवं कठोर जलवायु के कारण अलग-अलग फसलों के उत्पादन में सफलता प्राप्त करता है | इसके अलावा, राजस्थान में पशु पालन भी एक महत्वपूर्ण खेती का उदाहरण है : –
- बाजरा – राजस्थान की राज्य फसल बाजरा ही है | इसे मारवाड़, मालवा, मेवाड़, धौलपुर, नागौर, अजमेर, जयपुर आदि क्षेत्रों में उत्पादित किया जाता है |
- जौ – जौ राजस्थान की अन्य महत्वपूर्ण फसल है | इसका प्रयोग खाद्य वस्तुओ एव पशुओं के गुणकारी चारे के लिए भी उपयुक्त होता है |
- गेहूं – राजस्थान में गेहूं की पैदावार भी अच्छे रकबे में ली जाती है | यह श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, टोंक, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर आदि क्षेत्रों में उत्पादित किया जाता है |
- उड़द, चना – राजस्थान में कृषि के लिए यह एक दलहनी महत्वपूर्ण फसल है | इसे तथापि सीमित स्थानों में ही उत्पादित किया जाता है|
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राजस्थान में कृषि के प्रकार ?
राजस्थान में विभिन्न प्रकार की कृषि की जाती है | कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं : –
- अन्न एव खाध्ययनों के लिए कृषि – यह कृषि अधिकतर अनाज उत्पादन पर आधारित होती है | बाजरा, जौ, चना, मक्का, गेहूं आदि इस वर्ग में आते हैं |
- तेज़ रोपण कृषि – यह कृषि फल, सब्जियां, मसाले उत्पादन पर आधारित होती है | इसमें टमाटर, प्याज, आलू, गाजर, पत्ता गोभी, बैंगन, तोरई, लौकी आदि शामिल हैं |
- फलों व फूलों की खेती – राजस्थान में अनेक प्रकार के फल और फूल पैदा किए जाते हैं | इनमें आम, अंगूर, नाशपाती, सेब, अदरक, प्याज, लहसुन, मिर्च, करैला आदि शामिल हैं।
- बागवानी – यह कृषि बगीचे और फलदार पौधों की खेती पर आधारित होती है | आवला, नींबू, अनार, अमरूद, चिकू, आम, बेर, बबूल आदि इस वर्ग में आते हैं |
- पशु पालन – राजस्थान में पशु पालन भी एक महत्वपूर्ण कृषि विकास क्षेत्र है | गाय, भेड़, बकरी, मुर्गी आदि पालते है, खाद, उर्वरक और नगद आमदनी का जरिया बना लेते है |
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान कितना है?
कृषि सेक्टर राजस्थान राज्य की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, प्रदेश की कुल GDP में 25% तक कृषि अर्थव्यवस्था का योगदान रहता है –
कृषि राजस्थान के लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या के लिए रोजगार का स्रोत है और लगभग 60 प्रतिशत के किसान इस सेक्टर में रोजगार करते हैं | इसके अलावा, राजस्थान के व्यापक कृषि सेक्टर से विभिन्न फसलों का उत्पादन होता है जो अन्य राज्यों में भी बेचे जाते हैं |
कृषि सेक्टर राजस्थान राज्य की आर्थिक विकास में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) का लगभग 25 प्रतिशत कृषि सेक्टर से आता है |
राजस्थान की कृषि विकास दर कितनी है?
राजस्थान की कृषि विकास दर अंतिम कुछ वर्षों में सुधार हुआ है, लेकिन वह अभी भी देश की औसत से कम है | राजस्थान की कृषि विकास दर 2023 के लिए 5.8 प्रतिशत थी |
राजस्थान सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नीतियों को अमल में लाया है, जैसे कि सिंचाई योजनाएं, बिजली सुधार, बीज आपूर्ति, विशेष ध्यान व अनुदान कृषि उत्पादों जैसे फसलों के लिए | सरकार ने भी कृषि विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अनेक पहल की हैं, जैसे कि कृषि उपज विमोचन पोर्टल एवं इलेक्ट्रॉनिक मंडी योजना |
राजस्थान में सर्वाधिक कृषि उपज उत्पादन वाला जिला ?
राजस्थान में सर्वाधिक कृषि क्षेत्र वाला जिला कौन सा है – नागौर को प्रदेश का सर्वाधिक कृषि क्षेत्र वाला जिला माना गया है | यह जिला पश्चिम राजस्थान में स्थित है और राजस्थान का एक मुख्य कृषि केंद्र है | यहां गेहूं, बाजरा, जौ, चना, सरसों, तिलहन आदि फसलें उत्पादित की जाती हैं | इसके अलावा, यहां खरगोश, भेड़, बकरी, गाय, बेल, भेस, आदि पालतू जानवर भी पाए जाते हैं |
कृषि उत्पादन में राजस्थान का कौनसा स्थान है?
राजस्थान भारत का एक प्रमुख कृषि राज्य है, जो अपनी विविधता और कठोर जलवायु के बावजूद विभिन्न प्रकार की फसलों की पैदावार लेता है | राजस्थान का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक जिला नागौर है, जो गेहूं, बाजरा, जौ, चना, सरसों, तिलहन, मूंगफली, मक्का, अरंडी, इसबगोल और कपास जैसी विभिन्न फसलों का उत्पादन करता है | राजस्थान के अन्य उत्पादक जिलों में जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, अलवर, अजमेर और भीलवाड़ा शामिल हैं |
राजस्थान में कृषि जोतों का आकार ?
राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो थार मरुस्थल के कारण अर्द्धशुष्क या शुष्क इलाके में आता है | राजस्थान में कृषि जोतों का आकार क्षेत्र के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है | यहां प्रायः तीन प्रकार के कृषि जोत से देखा जा सकता हैं : –
- छोटी जोत – राजस्थान में छोटी जोत का आकार 0.40 हेक्टेयर से कम होता है | ये ज्यादातर राजस्थान के उपजाऊ एवं स्थलीय फसलों की उत्पादन व्यवस्था में प्रयुक्त होते हैं |
- मध्यम जोत – राजस्थान में मध्यम जोत का आकार 0.40 हेक्टेयर से 2.00 हेक्टेयर तक होता है | ये ज्यादातर धान, गेहूं तथा राबी फसलों की खेती में प्रयुक्त होते हैं |
- बड़ी जोत – राजस्थान में बड़ी जोत का आकार 2.00 हेक्टेयर से अधिक होता है | ये ज्यादातर राजस्थान के अधिक उत्पादक फसलों जैसे बाजरा, जौ, ज्वार, चना, मक्का आदि की खेती में प्रयुक्त होते हैं |
Rajasthan में कितने प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है?
राजस्थान एक कृषि आधारित राज्य है, जहां कृषि एक मुख्य आर्थिक गतिविधि है | राजस्थान की कुल जनसंख्या के आधार पर, लगभग 54 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर पूर्ण निर्भर है |
कृषि राजस्थान के अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की बेहतरी के लिए कई नीतियां बनाती है |
राजस्थान की जीडीपी में कृषि का योगदान?
राजस्थान की जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) में औसतन 25% तक कृषि योगदान रहता है, वही हाल ही में राजस्थान की जीडीपी का कृषि क्षेत्र का योगदान 22.5% था | इससे पता चलता है कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि अहम भूमिका निभाती है |
राजस्थान को कितने कृषि क्षेत्र में बांटा गया है?
राजस्थान को चार कृषि क्षेत्रों में बांटा गया है जो निम्नलिखित हैं : –
दक्षिण-पश्चिमी छोटी ठाकुरी जोन |
उत्तर-पश्चिमी छोटी ठाकुरी जोन |
हाड़ोती जोन |
उत्तरी बंसवाड़ा जोन |
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