Last Updated on June 26, 2023 by krishi sahara
भारत में किसानों के ऊपर ज्यादा अत्याचार के कारण सबसे पहले संगठित किसान आंदोलन शुरू हुआ, तो वो बिजोलिया किसान आंदोलन | बिजोलिया जो, वर्तमान में राजस्थान के भीलवाडा जिले में पड़ता है | इस किसान आंदोलन को भारत का मेराथन किसान आंदोलन कहा जाता, क्योकि यह आंदोलन 1897 से 1941 यानि 44 साल चला था |

ज्यादातर राजस्थान की जनसख्या कृषि पर निर्भर थी और खेती-बाड़ी का ही काम था | प्रशासन /जगीदार के बढ़ते अत्याचारों से राजस्थान के किसान परेशान थे | यह के किसानों पर एक से बढ़कर एक नए-नए नियम कानून लागू करते रहे थे, इसी को लेकर Bijoliya Kisan Andolan की शुरुआत हुई |
बिजोलिया किसान आंदोलन के मुख्य कारण ?
राज्य के सभी जमीदारों द्वारा जनता पर अत्यधिक बोझ भरे लगान और नियम लागू कर रही थी, जिससे किसान काफी दुखी और अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति नहीं कर पा रहे थे | बिजोलिया किसान आंदोलन के लाने के प्रमुख कारण और लगान –
- अत्यधिक लगान-राजस्व
- लाग-बाग-अनिश्चित
- चवरी लगान-किसान की बेटी की शादी पर कर
- तलवार बंधाई लगान -नए जमीदार के समय
- लट्ट-कुंटा नियम -फसल बटवारा
- बेठ- बेगार लगान
बिजोलिया कहाँ स्थित है ?
बात करें, बिजोलिया स्थान वर्तमान समय में देश के राजस्थान राज्य के भीलवाडा जिले में है |
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल –
बिजोलिया किसान आंदोलन का जनक कौन था?
प्रथम चरण (1897-1916) में Bijoliya Kisan Andolan के नेतृत्वकर्ता या बिजोलिया किसान आंदोलन के जनक साधु सीतारम दास थे | बिजोलिया किसान आंदोलन का नेतृत्व द्वितीय चरण में (1916-1923) विजय सिंह पथिक के द्वारा किया गया |
बिजोलिया किसान आंदोलन का प्रमुख कारण क्या था?
अत्यधिक लगान-राजस्व
लाग-बाग-अनिश्चित
चवरी लगान-किसान की बेटी की शादी पर कर
तलवार बंधाई लगान -नए जमीदार के समय
लट्ट-कुंटा नियम -फसल बटवारा
बेठ- बेगार लगान
यह भी पढ़ें…