[ बाग लगाने की विधि 2024 ] जानिए बाग लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए | Planning Of Orchard

Last Updated on April 2, 2024 by krishisahara

बाग लगाने के लिए सबसे अच्छी भूमि होती है | वृक्ष लगाने की विधि | फलों की खेती pdf | फलदार बगीचा लगाने की विधि | भारत में फलों की खेती | बागवानी की प्रक्रिया क्या है | बाग में पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय कौन सा है

बाग-लगाने-की-विधि

किसान भाइयों आज के समय बाजार में बढती फलों और बागवानी फसलों की मांग ने कृषि को बहुत ही बढ़ा सहारा दिया है | बागवानी खेती सामान्य एवं परम्परागत खेती से कई गुना मुफाफा कमा कर देती है | बागवानी खेती की कई विशेषताए जैसे कम लागत, अधिक मुनाफा, नगद आय, मौसम अनुकूल, प्राक्रतिक नुकसान नही होना, जिससे किसान बागवानी पेड़ों की और जागरूकता अपना रहा है | आइये जानते है, बाग लगाने की विधि और प्रमुख सावधानियों के बारे में –

भारत में फलों की खेती का महत्व ?

आज के समय भारत में फलों की खेती का महत्व बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि यह खेती फलों की मांग, कृषि का आर्थिक विकास और किसानों की आय को मजबूत करने में तेजी से मदद करती है | फलों से मिनरल्स, विटामिन्स, फाइबर, और अन्य पोषण सामग्री का अच्छा स्रोत माना गया है | यह किसानों को नए आय स्रोत प्रदान करती है और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती देती है | फलों की खेती से न केवल किसानों को बल्कि उनके परिवार के लोगों को भी रोजगार की सुविधा मिलती है | बागवानी से फल प्रजातियों का पुनः संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है |

बाग लगाने के लिए क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है?

बाग लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तैयारियाँ होती है, जिन्हें किसानों को ध्यान में रखना चाहिए –

  • सबसे पहली तैयारी बाग की योजना बनाने की होती है| यह योजना उन फसलों और पौधों का चयन करने के आधार पर की जाती है जो आपके क्षेत्र में उचित तरीके से बढ़ सकते है |
  • उपयुक्त भूमि की तैयारी करना महत्वपूर्ण होता है| खेतों या जमीन को तैयार करने के लिए मिट्टी, कोम्पोस्ट, वर्मीकॉम्पोस्ट, आदि का सही मिश्रण तैयार करना होता है|
  • बाग लगाने के लिए आपको उचित किस्मों वाले बीज या पौधे प्राप्त करने की आवश्यकता होती है| आप स्थानीय किसानों से या हाइब्रिड बीज या नर्सरी पौधे प्राप्त कर सकते है|
  • बाग लगाने के लिए आपको कृषि/बागवानी उपकरण और सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे कि खुदाई के उपकरण, झाड़ू, नरम मिट्टी, बाग की जाली, पोट्स, विशेष खाद, आदि |
  • सिंचाई की व्यवस्था के लिए नाली विधि, खुला पानी, ड्रिप सिंचाई सिस्टम, फवारा विधि, स्पिक्लर सिंचाई आदि तकनीकों का चयन करके योजना बनानी चाहिए |
  • बाग की देखभाल और रखरखाव करना बहुत महत्वपूर्ण है | पानी देना, कीट-रोग नियंत्रण, उर्वरक की देखभाल, पौधों की कटाई आदि के कामों की देखभाल करनी होती है |
  • बाग में सही समय पर पौधों की कटाई, खेती की स्थानों के अनुसार पौधों की संख्या की व्यवस्था | 
  • बाग लगाने के लिए सही समय का चयन आवश्यक होता है | यह आपको बीजों को बोने, पौधे लगाने, सिंचाई करने और देखभाल करने के लिए सही समय पर गाइड करेगा |

बाग लगाने के लिए सबसे अच्छी भूमि कौन सी है?

सबसे अच्छी भूमि पौधों की किस्मों, प्रजातियों, प्रकारों पर निर्भर करती है | बाग लगाने के लिए सबसे अच्छी भूमि का चयन करने में कई प्राथमिक आवश्यकताएं होती है| 

  • मिट्टी की गुणवत्ता – उपजाऊ एवं कार्बनयुक्त भूमि
  • बाग की सफलता के लिए सूरज की पर्याप्त रौशनी की आवश्यकता होती है |
  • सिंचाई जल का ठहराव एवं उत्तम निकास, पर्याप्त पानी की उपलब्धता
  • वायुमंडलीय में तापमान, बारिश, और वायुमंडलीय परिप्रेक्ष्य में सामान्यत: कैसी होती है |

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बाग लगाने की विधि / फलदार पौधे लगाने की विधि ?

बाग लगाने की विधि आपकी चयनित फसल और आपके खेती के प्राथमिक विवरणों पर निर्भर करेगी, लेकिन यहाँ पर एक सामान्य फलदार पौधों को लगाने की विधि दी जा रही है –

बीज या पौधों की तैयारी –

यदि आप बीज से पौधे उगाना चाहते है, तो पहले उचित गुणवत्ता वाले बीज चुनें | बीजों को खरपतवार एवं रोग-कीटों से मुक्त करने के लिए उपचारित करके बोये | प्राकृतिक परिस्थति के अनुसार पौधा उगा सकते है |

यदि आप नर्सरी पौधों का उपयोग कर रहे है, तो आपको उचित साइज एवं वैरायटी के पौधे खरीदने है | आप स्थानीय सफल किसानों से या प्रमाणित नर्सरी पौधा बाजार से पौधे खरीद सकते है|

भूमि की तैयारी –

लगाये जाने वाले पौधे की उचित पोषण की मांग के अनुसार मिट्टी में पोषण की  पूर्ति करें उपयुक्त मिट्टी की तैयारी करें जिसमें पौधों को पूरी तरह से पोषित किया जा सके | आप मिट्टी में कोम्पोfस्ट, वर्मीकॉम्पोस्ट, खाद, आदि मिला सकते है ताकि उपयुक्त पोषण उपलब्ध हो |

खाद उर्वरक डालना – बाग वाले खेत, जगह की मृदा जाँच कराए | मिट्टी में प्राथमिकता के तौर पर जैविक खाद डालें, जिससे पौधों को पूरी तरह से पोषित किया जा सके | खाद की विधियाँ पौधों की उपयोगिता, पौधों के प्रकार, और आपके क्षेत्र में उपलब्ध खाद की आधार पर चयन करें | एक माह पूर्व पौधों के मापदंड के अनुसार दुरी पर गड्डे खोदकर तैयार कर खुला रखना चाहिए |

फलदार पौधों को लगाना –

खुले तैयार गड्डो में पौधे के लिए जरुरी उचित खाद डालकर अच्छे से भर दे | गड्डे भरने के बाद सिंचाई करें, अगले दिन पौधों की रोपाई कर सिंचाई कर देनी चाहिए |

सिंचाई और देखभाल –

पौधों को लगाने के बाद, छोटे पौधों की रोजाना हल्की सिंचाई करनी चहिये | 6 माह बाद पौधों की सिंचाई आवश्यकतानुसार करें और आस-पास की मिटटी पूरी तरह से सूख जाने से बचाएं | साल में 2 बार गोबर या कम्पोस्ट खाद प्रति पौधा 20 से 40 kg मात्रा में देना चाहिए | पौधों में किट-रोगों, पत्तियों पर रोग लक्ष्ण आदि के प्रति देखरेख करनी चाहिए |

बाग लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

बाग लगाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है ताकि आपकी खेती सफल हो सके|

  • पौधों को बगीचे में सही जगह पर और उचित दूरी पर लगाएं, जिससे उनका उचित विकास हो सके |
  • खेत या बाग वाली मिट्टी में सही प्रकार की खाद डालें ताकि पौधों को पूरी तरह से पोषण मिल सके |पौधों की सिंचाई का समय और तरीका महत्वपूर्ण होता है | पौधे में सिंचाई की कमी से विकास रुक जाता है, उपज पैदावार काफी घाट जाती है |
  • बाग में कीट-रोगों का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है | किसान को बाग में रोगों की पहचान एवं उपयुक्त कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि पौधों को कीटों से बचाया जा सके |
  • पौधों की सालाना अच्छी ग्रोथ एवं गुणवतापूर्ण उपज के लिए साल में एक बार कटाई बहुत जरुरी है |
  • बाग में सिंचाई, कटाई, कीट-रोग नियंत्रण, और अन्य आवश्यकताओं की समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए|

बाग बगीचे की देखभाल कैसे करना चाहिए ?

बाग या बगीचे की देखभाल करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स निम्नलिखित है –

  • पौधों को अच्छे से सिंचाई देने से, यह उन्हें पूरी तरह से पोषित रखने में मदद करेगा। सिंचाई का समय सुबह या शाम के समय के आस-पास होना चाहिए, क्योंकि इस समय पर पानी की जरूरत सबसे अधिक होती है |
  • पौधों को अच्छे पोषण के लिए उपयुक्त खाद विकल्प होने चाहिए, जैसे कि कोम्पोस्ट, वर्मीकॉम्पोस्ट, गोबर खाद, पोल्ट्री खाद आदि।
  • नियमित रूप से बगीचे में कीट-रोगों और प्रदूषण की निगरानी करना आवश्यक होता है| यदि कीट-रोग पहचाने जाते है, तो उन्हें तुरंत नियंत्रण करना चाहिए, ताकि वे फसल को हानि नहीं पहुँचा सकें |
  • जब फसल पकने लगती है, तो उसकी समय पर कटाई करनी चाहिए | पौधों की समय पर कटाई न करने से वे अधिक फलने लग सकते है और उनका स्वाद भी अधिक अच्छा नहीं रहता |
  • बगीचे में पौधों की आकार को नियंत्रित करना भी जरुरी है | यदि उन्हें अधिक बड़ा नहीं होने दिया जाता, तो फसल के बीच में पर्याप्त दूरी बनी रहेगी और वे अच्छे से विकसित हो सकते है |
  • रक्षा प्रणाली: अगर आपके पास बागीचे में पौधों की रक्षा प्रणाली है, तो उसकी नियमित देखभाल करें| प्रावधान सुरक्षा साधनों की समीक्षा करते रहें और उन्हें ठीक से काम करने के लिए सुनिश्चित करें |
  • बगीचे में नियमित सफाई करते रहें | गिरी हुई पत्तियाँ, बिखरी हुई छोटी-छोटी ब्रांचें, और अन्य अवशिष्ट सामग्री को साफ करते रहें |

बाग लगाने की कौन कौन सी विधि है?

बाग लगाने के विभिन्न विधियाँ हो सकती है, जो आपकी चयनित फसल और आपके खेती की आवश्यकताओं के आधार पर बदल सकती है –

  • बीज से बाग लगाना
  • नर्सरी पौधों से बाग लगाना
  • वर्टिकल गार्डनिंग, जैसे कि पेड़ों को कच्चे खम्बों पर या दीवारों पर लगाया जा सकता है |
  • हाइड्रोपोनिक्स तकनीक, पौधों को मिट्टी की बजाय पानी में उगाया जाता है |

1 एकड़ में कितने पेड़ लगाए जा सकते है?

पेड़ों की संख्या – आकर्षणशीलता, वृक्ष की प्रकृति, उनके आकार, फसल के प्रकार और खेती के आधार पर भिन्न हो सकती है | 

बाग लगाने का सही समय क्या है?

बागवानी पौधे सिंचाई व्यवस्था की उपलब्धता के आधार पर फरवरी मार्च और वृषा जल के आधार पर बरसाती सीजन जून-जुलाई के माह में लगाना उचित माना जाता है |

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