Last Updated on February 8, 2023 by krishi sahara
भारतीय किसान भाईयो को बागवानी खेतियाँ अधिक लागत के साथ लंबे समय तक अच्छी कमाई भी करा रही है | बागवानी फसलों के निर्यात के चलते पिछले कुछ समय (वर्षों) से भारत देश में सुपारी की खेती करने वाले किसानों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है| विश्व में सुपारी उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है, यदि हम एक आंकड़ों पर नजर डाले तो, आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 925 हेक्टेयर क्षेत्र में सुपारी की खेती होती है, जिसमे से 50 प्रतिशत उत्पादन हमारा भारत में होता है|
![[ सुपारी की खेती 2023 ] सम्पूर्ण जानकारी सुपारी की खेती कैसे करें, बीज कैसे लगाएं, देखभाल, लाभ-कमाई - Supari Ki Kheti In Hindi 1 सुपारी-की-खेती](https://www.krishisahara.com/wp-content/uploads/2022/12/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%80.jpeg)
क्या आपको पता है – सुपारी की खेती कैसे की जाती है? सुपारी के पेड़ कैसा होता है? सुपारी का बीज कैसे लगाएं? पेड़ कितनो दिन में तैयार होगा? सुपारी कितने रुपए किलो बिकती है? आदि की जानकारी प्राप्त हेतु आप हमारे साथ अंत तक जुड़े रहे-
सुपारी के पेड़ कैसा होता है ?
यदि आपने अभी तक सुपारी का पेड़ नही देखा है तो, बता दे की सुपारी का पेड़ नारियल के पेड़ जैसा होता है आपने नारियल का पेड़ तो निश्चित रूप से देखा ही होगा, जो की सर्वाधिक समुद्र तट पर देखने को मिलते है| सुपारी के पेड़ की ऊंचाई लगभग 50 से 70 फिट लंबी होती है| इस पेड़ को तैयार होने में लगभग 5 से 6 साल का समय लगता है, सुपारी का उपयोग पान, गुटखा मसाला के रूप में किया जाता है तथा इसका उपयोग हिंदू मान्यताओं के अनुसार धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है|
उपयुक्त जलवायु मिट्टी ?
सुपारी की खेती समुद्र तटीय क्षेत्र में की जाती है, इसकी खेती के लिए आमतौर पर सभी मिट्टी में उपयुक्त मानी जाती है, परंतु दोमट चिकनी मिट्टी इसके लिए बहुत उपयुक्त है| सुपारी की खेती के लिए क्षेत्र का तापमान 25 से 30 डिग्री तक होना चाहिए, सुपारी की खेती भारत देश में सर्वाधिक केरल, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक में होती है|
सुपारी की किस्में /वैराइटी ?
हमारे भारत देश में सुपारी दो अलग-अलग वेरायटी होती है, सफेद सुपारी और लाल सुपारी| सफेद सुपारी को पेड़ से तोड़ने के बाद उसे कम से कम 2 माह तक सुखाया जाता है, फिर लोग इसका सेवन करते है और यदि हम लाल सुपारी की बात करें, तो आधे पके हरे सुपारी को काटकर उसका छिलका उबालकर तैयार किया जाता है| भारतीय बाजारों में सुपारी की कई किस्म उपलब्ध है जैसे की मोहितनगर, श्री मंगल, सुमंगला, हीरेहल्ली बौना और मंगल आदि सुपारी की किस्म होती है|
सुपारी की खेती कैसे करें ?
- सुपारी की खेती के लिए आपको सबसे पहले नर्सरी तैयार लेनी है, या विश्वसनीय नर्सरी से अच्छी पौध ले सकते है |
- नर्सरी में सुपारी के पौधे को तैयार होने पर, आपको खेत तैयारी में भी विशेष ध्यान रखना है |
- इसके बाद आपको एक बार खाली खेत की सिंचाई कर देनी है, इससे खेत में नमी होगी|
- सिंचाई के लगभग 5 दिनों के बाद जब खेत सुख जाए तब रोटावेटर के द्वारा पुन: खेत की जुताई करे|
- फिर आपको पाटा/समतल लगाकर खेत को समतल कर देना है|
- आपको अच्छी तरह से खेत की 4 से 5 जुताई कर लेना है, गड्डे तैयार करके एक महीने पहले खुले रखे |
- फिर आपको निश्चित दूरी पर सुपारी के पौधे की रोपाई कर देनी है|
- रोपाई के लिए 90 सेंटीमीटर लंबी, 90 सेंटीमीटर चौडाड़ी और 90 सेंटीमीटर गहराई के गड्ढे तैयार कर लेना है|
- ध्यान रखें, इन गड्ढों की दूरी लगभग 2 से 3 मीटर ही रखे|
- किसान भाई को अपनी मिट्टी की उर्वराशक्ति के अनुसार गड्डे की मिट्टी तैयार करके, पौधे खेत में लगा देने है|
सुपारी का बीज कैसे लगाएं ?
सबसे पहले आपको अपनी जलवायु के अनुसार सुपारी का बीज चयन कर ले जो की एक अच्छा किस्म हो और प्रमाणित बीज हो| इसकी बिजाई के लिए 2.7*2.7 मीटर का फासला उपयुक्त है आपको पौधे को नर्सरी में ही तैयार करना है | सुपारी के बीज को सीधे खेत में न लगाए| 90*90*90 सेंटीमीटर आकर के गड्डे खोदे इसे बीजों के द्वारा काश्त किया जाता है|
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सुपारी का पेड़ कहां मिलेगा ?
इसकी खेती सर्वाधिक समुद्र तटीय क्षेत्र में की जाती है, यदि आप इसकी खेती करते है तो आपको सर्वप्रथम पौधे को को नर्सरी में तैयार कर ले या फिर आप सीधे अच्छी और प्रमाणित नर्सरी से पौधे खरीद भी सकते है, यह पौधे आपको नर्सरी में आसानी से मिल जाएंगे| हमारे भारत देश में इसके पेड़ सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल, असम, केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में इसके पौधे अधिक देखने को मिलेंगे|
सुपारी का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है ?
सुपारी के पेड़ को तैयार होने में के लगभग 6 वर्षो का समय लगता है, पेड़ को तैयार होने का समय आपके देखरेख के ऊपर निर्भर होता है| यदि आप आवश्यकता अनुसार पानी, खाद और उर्वरक देते है तो इसका पेड़ समय पर फल देने लग जाता है|
सुपारी कितने रुपए किलो बिकती है ?
भारतीय बाजारों में सुपारी का रेट काफी अच्छा होता है, क्योंकि इसकी मांग अंतराष्टीय स्तर पर होती है, देश में इसकी खेती का रकबा भी मांग की तुलना में कम रहा है, जिससे की इसका भाव पूरे साल काफी अच्छा रहता है| यदि हम इसके भाव की बात करे तो इसका भाव 400 से 600 रुपए प्रति किलो यानि 45-50,000 प्रति क्विंटल के आस-पास किसान इस फसल से अच्छी कमाई कर सकते है|
सुपारी की खेती से कमाई/लाभ ?
- यदि हम सुपारी की खेती से कमाई की बात करें तो, एक पेड़ से करीब 2 किलो सुपारी प्राप्त होती है| यदि आप इसकी खेती एक एकड़ में भी करते हैं, तो आप 150 से 200 पेड़ आसानी से लगा सकते हो| इसकी उत्पादन दर प्रति एकड़ 1 कुंटल के आस-पास ली जा सकती है| बाजार में सुपारी 300 से 400 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है|
भारत में सुपारी की खेती के आकड़ें ?
सुपारी की खेत में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, आंकड़ों के अनुसार विश्व में लगभग 925 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती होती है, जिसमे से भारत अकेला 50% उत्पादन करता है| इसकी खेती से किसानों का मुख्य उद्देश्य, एक बार बुवाई करके कम देखरेख के साथ लंबे समय तक अधिक लाभ कमाना होता है|
भारत में सुपारी की खेती कहां होती है?
हमारे भारत देश में सुपारी की खेती सर्वाधिक पश्चिम बंगाल, असम, केरल और कर्नाटक के समुद्र तटीय क्षेत्रों में सर्वोधिक रूप मे की जाती है |
सुपारी का बीज/पौधा लगाने का उत्तम समय?
गर्मी के सीजन में पौधे को मई से जुलाई के मध्य और सर्दी के सीजन के लिए सितंबर से अक्टूबर के मध्य का समय बुआई का उत्तम समय माना गया है|
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