Last Updated on April 19, 2024 by krishisahara
सागवान की खेती कैसे करें – प्रिय किसान भाईयो का कृषि सहारा में आपका स्वागत है, इस लेख के माध्यम से सागवान की खेती के बारे में चर्चा करेंगे – आज के समय यह खेती, किसानों के लिए अतरिक्त कमाई का जरिया कैसे बन सकती है | भारत में सागवान की लकड़ी की कमी और मांग हमेशा बनी रहती है, सागवान की लकड़ी को सबसे महंगी तथा मजबूत लकड़ियों में जाना जाता है और इसकी फूल, पत्तियों-पौधे का उपयोग दवाई बनाने में भी किया जाता है|
यदि आप भी सागवान की खेती करने का मन बना रहे है तो, यह लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है, क्योंकि इस लेख में, सागवान का पेड़/लकड़ी क्या है ? सागवान की नर्सरी पौध ? सागवान फसल की सिंचाई कैसे करें ? सागवान की खेती से लाभ-कमाई प्रति एकड़ ? सागवान की लकड़ी का रेट क्या है ? सागवान फसल की सिंचाई कैसे करें ?
सागवान का पेड़/लकड़ी क्या है ?
सागवान का वैज्ञानिक नाम टैक्टोना ग्रांडिस है, सागवान को कई नामों से जाना जाता है, जैसे की सागौन, सगुन, टीकवुड और सग आदि | सागवान का वृक्ष लगभग 40 फिट लंबा और मुख्य तना 40 इंच मोटा होता है, सागवान का पेड़ 200 वर्षो से अधिक समय तक जीवित रहता है| सागवान से प्राप्त होने वाली लकड़ी काफी कठोर, कीट-रोगों से मुक्त, हल्की और टिकाऊ होती है|
सागवान की लकड़ी में दीमक लगने का खतरा नही होता है, सागवान की लकड़ी से फर्नीचर, प्लाईवुड तैयार किया जाता है| इसके अलावा सागौन की लकड़ी का उपयोग जहाजों, नावों, बोंगियों, तथा खिड़कियों, चौखट रेल के डिब्बे के निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है |
सागवान की खेती कैसे करें – सम्पूर्ण जानकारी ?
सागवान को इमारती लकड़ी का राजा भी कहते है, जो की वर्बेनेसी परिवार से संबंध रखता है| सागवान की खेती अधिक ठंड प्रदेशों के अलावा सभी जगह इसकी खेती की जा सकती है| इसकी खेती में आपको बहुत ही कम मेहनत करनी पड़ेगी और कमाई बहुत अधिक होगी| यदि आप भी इसकी खेती के करना चाहते है तो आपको अपने खेत के चारो और 10 फिट की दूरी पर सागवान के पौधे को जून -जुलाई में लगा देना है|
यदि आप केवल खेत के चारो और सागवान के पौधे लगाते है, तो 1 एकड़ में आप 100 से 150 सागवान के पौधे लगा सकते है|
उपयुक्त जलवायु/मिट्टी ?
सागवान की पैदावार सर्वाधिक जलोढ़ मिट्टी में होती है, जिसमें चुना पत्थर, शिष्ट शैल, भूसी और ज्वालामुखीय चट्टानों जैसे की बैसाल्ट मिली होती है| सागवान के लिए नमी और उष्णकटिबंधिय वातावरण होना चाहिए तथा इसके लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त है| सागवान के पौधे की बेहतर विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा 39 डिग्री से 44 डिग्री और कम से कम 13 से 18 डिग्री तापमान उपयुक्त है| सागवान की खेती के लिए बारिश, नमी, मिट्टी के साथ-साथ रोशनी और तापमान की भी अहम भूमिका होती है| 6.5 से 8.5 पीएच मान वाली मिट्टी सागवान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है|
सागवान की नर्सरी पौध ?
सागवान के बीजों को सीधा खेत में लगना यह रुपाई की सही विधि नही है, अधिक पौध की आवश्यकता के समय – आपको सबसे पहले पौधे को नर्सरी में तैयार कर लेना है, जब पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको पौधे को खेत में रुपाई कर देनी है|
- सागवान की नर्सरी फरवरी से मार्च माह के दौरान लगाई जाती है|
- नर्सरी में आपको पौधे को क्यारी में ही लगाना है, सागवान की नर्सरी में पौधारोपण के लिए क्यारी को 0.3 मीटर तक खोदा जाता है |
- क्यारी की मिट्टी से अनावश्यक प्रदार्थो को निकाल दिया जाता है|
- इसको 1 माह के लिए ख़ाली छोड़ देना है फिर 1 माह बाद आपको क्यारियों में बालू और ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर के साथ भर देना है|
- साथ ही आपको जल जमाव को रोकने के लिए जमीन के स्तर की क्यारी को 30 सेंटीमीटर ऊंचा उठाना है|
- सागवान की नर्सरी में एक मानक क्यारी की लंबाई 12 मीटर तक होती है|
- इस क्यारी में लगभग 3 से 10 किलो बीज का इस्तेमाल किया जाता है|
- सागवान का रोपन 2m*2m, 2.5m*3m या फिर 3m*3m के बीच होना चाहिए|
- नर्सरी में सागवान का पौधा 1.5 से 2 साल तक तैयार करना चाहिए |
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सागवान के पेड़ की खेती की भूमि तैयारी ?
- सागवान के पौधे को खेत में लगाने से पहले आपको खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना है|
- आपको पुरानी फसल के अवशेषों को खेत से बहार कर देना है|
- इसके बाद आपको अपने खेत की 2 से 3 बार अच्छी गहरी जुताई करा लेनी है|
- अब आपको खेत में 9 फिट की दूरी रखते हुए, 2 फिट चौड़ी तथा 1.5 फिट गहरे गड्डे खोद लेना है|
- सागवान के पौधे की रुपाई के 1 माह पूर्व आपको गोबर की खाद के 500 GM NPK की मात्रा को मिट्टी में मिलाकर छोड़ देना है|
- फिर आपको पौधे की रुपाई कर देनी है, पौधे लगाने के बाद आपको सिंचाई कर देनी है|
सागवान की खेती में पौधा रोपण कैसे करें ?
सागवान की रोपाई के लिए लाए गए पौधे 2 वर्ष पुराने होना चाहिए, क्योंकि पुराने पौधे जल्दी और अच्छे से ग्रोथ करते है| पौधे को गड्डे में रुपाई से पहले उन्हें राख या गोमूत्र से उपचारित कर लेना है| सिंचाई व्यवस्था वाले खेतों में गड्डों में पौधे की रुपाई का सबसे उत्तम समय मई और जून के माह उपयुक्त है|
सागवान फसल की सिंचाई कैसे करें ?
मानसून के मौसम तथा बरसात के मौसम में सिंचाई सागवान की फसल को सिंचाई की आवश्यकता नही होती है| सिंचाई की आवश्यकता केवल गर्मी के समय अधिक होती है| आपको इसमें आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करना है, इस प्रकार से सिंचाई करने पर काफी हद तक पैदावार में सुधार आता है| यदि आप इसकी फसल में आवश्यकता से अधिक सिंचाई करते है, तो सिंचाई से पानी के धब्बे और फंगस ज्यादा हो जाती है|
सागवान के पेड़ों को गर्मी के मौसम में आपको सप्ताह में 2 बार सिंचाई करना है और सर्दी के मौसम आपको 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए|
किसान भाई सागवान की खेती प्रमुख देखरेख सावधानियाँ ?
- किसान भाई को सागवान की खेती में शुरुवाती समय में खरपतवार नियंत्रण का बहुत ही ध्यान रखने की जरूरत होती है|
- इसकी खेती में कैल्शियम की आवश्यकता अधिक होती है, इसके लिए आपको कैल्शियम की पूर्ति के लिए जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए|
- इसकी खेती में आपको मौसम के अनुसार ही खेती करना है|
- गर्मी तथा सर्दी के मौसम में सिंचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए |
- सागवान बड़ा पौधा 5 वर्ष से अधिक है, तो आपको 20 से 25 दिन के अंतराल में सिंचाई कर देनी है|
- सागवान की खेती में खरपतवार नियंत्रण और हल्की जुताई पहले साल तीन बार, दूसरी बार दो बार और तीसरी साल एक बार आवश्य करना चाहिए|
सागवान की लकड़ी का रेट क्या है ?
भारतीय बाजार में सागवान की लकड़ी का रेट 50 हजार रुपए से 60 हजार रुपए प्रति घनमीटर है, 10 से 12 साल का पुराना सागवान पेड़ 25,000 से 30,000 में आसानी से बिक जाता है | सागवान की लकड़ी की मांग भारतीय बाजार में अधिक है, जिसके कारण इसका रेट भी काफी अच्छा है|
सागवान की लकड़ी कितने समय में तैयार होती है ?
सागवान का पेड़ 10 से 12 साल में तैयार होता है, इस पेड़ में 4 सल बाद अच्छी बढ़वार और फैलाव देखने को मिलता है | इसकी कीमत भी समय के अनुसार बढ़ती चली जाती है, सागवान का पेड़ यदि आप एक बार काट दे तो फिर से बड़ा हो जाता है|
सागवान की खेती से लाभ-कमाई प्रति एकड़ ?
यदि हम सागवान की खेती से लाभ और कमाई की बात करें तो, एक एकड़ खेत में सागवान की खेती करते है में लगभग 300 से 500 सागवान के पौधे लगते है| सागवान के पेड़ की लंबाई और मोटाई के हिसाब से 25 से 40 हजार रुपए तक की बिकती है|
आज के समय सागवान की मांग और किसानों में जागरूकता ?
वर्तमान समय में सागवान की मांग अधिक है, क्योंकि सागवान की लकड़ी में कई तरह के गुण पाए जाते है | इसकी लकड़ी काफी हल्की, अधिक समय तक टिकाऊ, दीमक लगने का खतरा भी नही होता है| अब भारतीय किसानों ने भी इसकी खेती करना आरंभ कर दिया है | इसकी खेती लोग पहले भी करते थे, परंतु अब इसका रकबा और बुवाई प्रतिशत आकड़ा बढ़ा है |
सागवान की नर्सरी कैसे तैयार करें?
सागवान की नर्सरी फरवरी से मार्च माह के दौरान लगाई जाती है, नर्सरी में आपको पौधे को क्यारी में ही लगाना है| नर्सरी में सागवान का पौधा कम से कम एक साल तैयार करना चाहिए, 2 साल तक तैयार होने वाला पौधा अच्छा माना जाता है |
सागवान की लकड़ी की विशेषताए?
सागवान की लकड़ी की विशेषता यह है- यह लकड़ी काफी कठोर, हल्की और टिकाऊ होती है| इसका उपयोग आज के समय महगें फनीचर, हवाई जहाज, रेल, शाही दरवाजों, दवाइयों आदि में भरपूर मांग के साथ किया जा रहा है |
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