[ मिश्रित खेती किसे कहते हैं 2024 ] जानिए मिश्रित कृषि की प्रमुख विशेषताएं, फसल के प्रकार, लाभ | Mixed Farming

Last Updated on February 11, 2024 by krishisahara

मिश्रित खेती किसे कहते हैं – भारत देश के जागरूक किसान अभी भी विविधकरण खेती के तरीकों को अपनाता है, क्योंकि इस प्रकार की खेती का मुख्य उद्देश्य अधिक लाभ कमाना नहीं होता है | इस प्रकार की खेती में किसान फसलों के अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, और डेयरी उत्पाद का भी सहारा लेता है |

छोटे और मध्यम रकबे वाले किसानों में इस प्रकार की खेती आज भी की जा रही है, जिससे वह पशुपालन और खेती की फसलों पर निर्भर रहता है |

मिश्रित-खेती-किसे-कहते-हैं

मिश्रित खेती किसे कहते हैं ?

मिश्रित खेती एक प्रकार की बहुप्रक्रिया की खेती है, इस खेती में पशुपालन तथा फसल उत्पादन एक दूसरे पर निर्भर रहते है| यदि कोई किसान एक फसल से अधिक फसलों की खेती और साथ में पशुपालन भी करें तो मिश्रित खेती कहलाती है | किसान अपने खेतों में खरीफ फसल तथा रबी फसल के साथ पशुपालन और बागवानी भी कर सकते है | इस प्रकार की खेती छोटे और सामान्य रकबे वाले किसान के लिए ज्यादा लाभदायक साबित होती आई है |

हमारे भारत देश में मुख्य रूप से 5 प्रकार की खेती करते है जैसे की – रैंकिंग खेती, बहु प्रकारीय खेती, शुष्क खेती, मिश्रित खेती और विशिष्ट खेती, परंतु इस लेख में हम आपको केवल मिश्रित खेती की जानकारी देंगे|

मिश्रित कृषि की प्रमुख विशेषताएं/लाभ ?

  • मिश्रित कृषि में किसान के पास आय के अनेक स्रोत बनने के कारण, नुकसान से बच सकता है, यह इसकी मुख्य विशेषता है|
  • किसान भाई पशुपालन से बाजार की नगद आय भी कमा सकता है |
  • मिश्रित कृषि में अलग-अलग सिंचाई की आवश्यकता नही होती है| यदि आप खरीफ/रबी फसल की खेती कर रहे है और साथ ही बागवानी की खेती भी कर रहे है, तो एक ही समय में दोनों फसलों की सिंचाई हो जाएगी|
  • मिश्रित कृषि में खेत की उपजाऊपन अच्छा बना रहता है, क्योंकि इसमें पशुओं की जैविक खाद, फसल विधिकरण का होना आम बात है |
  • मिश्रित खेती से किसान दुग्ध, दही, अनाज, फल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद के बदले आय अर्जित कर सकता है |

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आज के समय मिश्रित खेती का प्रचलन ?

वर्तमान समय में सभी किसान चाहते है, की उन्हें कृषि में ज्यादा से ज्यादा लाभ हो, इसके लिए सरकार भी लगातार मिश्रित खेती को बढ़ावा देती है | किसान समूह को मजबूत बनाने के लिए मिश्रित खेती एक अच्छा विकल्प है – आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मछलीपालन फसल के रूप में करते है|

mishrit kheti kya hai

मिश्रित खेती के सिद्धांत ?

  • किसान खेत फसलों में उर्वरकों का प्रयोग के लिए पशुपालन पर निर्भर रहेगा |
  • पशुओं के लिए किसान चारा और अनाज वाली फसलों को बोने के लिए प्रतिबंद रहता है |
  • खेती में आपदा या नुकसान के समय फसल या पशुपालन की और अधिक कर सकता है |
  • Mishrit Kheti करने के लिए किसानों को एक फसल उथली जड़ वाली करनी चाहिए और दूसरी गहरी जड़ों वाली की खेती करना चाहिए|
  • फसलों का चुनाव करते समय आपको उस क्षेत्र की जलवायु को ध्यान में रखते हुए मिश्रित खेती करना चाहिए|
  • उगाई जाने वाली फसल की ऊंचाई आसमान होनी चाहिए| जिससे की आप फसल को आसानी से पहचान सके|
  • मिश्रित खेती करने के लिए आपको सिंचाई, खरपतवार, खाद, पोषण तत्वों, सूर्य की रोशनी तथा नमी आदि का ध्यान आवश्य रखना है|
मिश्रित-कृषि
मिश्रित खेती किसे कहते हैं

मिश्रित खेती कैसे करें ?

  • किसान भाई मिश्रित खेती के पहले तरीकों में पशुपालन में एक या दो दुधारू पशुओं का जरूरी है, आय के लिए भेड़-बकरी, मुर्गी पालन या मछलीपालन भी कर सकता है |
  • मिश्रित खेती में अनाज और पशु चारे में खेतों की तैयारी करके, अलग-अलग फसलों की बुवाई करते है |
  • जुताई के समय 10 से 15 टन सड़ी गोबर खाद का उपयोग करना है और 2 से 3 बार अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी है|
  • फिर आपको खरीफ/रबी फसल के बीज का चयन कर लेना है| बीज का चयन आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार करना है|
  • कई प्रकार के घरेलू जैविक तरीकों से बीजोपचार करके ही आपको बुआई करनी है|
  • सिंचाई वाली फसलों की समय पर सिंचाई करते है |
  • Mishrit Kheti में खेत से खरपतवार को निकालते हुए, पशुचारे के रूप में काम में लेना है |
  • घरेलू उपयोग और अगले बीज बुवाई के अलावा फसल को बेचकर आय कमा सकते है, चारा फसल को सालभर पशुधन के लिए उपयोग में ले सकते है |

Mishrit Kheti PDF में देखें?

मिश्रित खेती की जानकारी के लिए आप नजदीकी कृषि विभाग में जाकर संपर्क कर सकते है, यहां आपको सही और पूरी जानकारी मिल जाएगी| इस खेती की जानकारी के लिए आप मिश्रित खेती किसे कहते है- पीडीएफ़ डाउनलोड कर के पढ़ सकते है|

मिश्रित कृषि के अंतर्गत आने वाली फसलों के नाम?

मिश्रित कृषि के अंतर्गत आने वाली फसलें है, जैसे की मक्का, गेहूं, चना, सरसों, ज्वार, बाजरा, ग्वार, तिलहन और बागवानी फसल आदि है|

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