Last Updated on February 11, 2024 by krishisahara
सीताफल कौन से महीने में लगाया जाता है | शरीफा कितने दिन में फल देता है | सीताफल का पेड़ कितने साल में फल देता है | सीताफल का पेड़ कैसे उगाते हैं | शरीफा पेड़ की बागवानी खेती | Sitafal Ka Paudha
आज के समय किसान भाई बागवानी खेती करके अच्छी आमदनी कमा रहे है, यह खेती किसान भाइयों की अच्छी कमाई के साथ-साथ बाजार में बढती मांग एवं ताज़ा फल फ्रूट्स की कमी को दूर कर रही है | सीताफल की बागवानी भी करके भी किसान भाई कर रहे है लाखों की बचत, आज बात करेगें सीताफल का बगीचा कैसे लगाये एवं इससे जुडी सम्पूर्ण जानकरी के बारें में –
![[ सीताफल का बगीचा कैसे लगाये 2024 ] जानिए शरीफा की खेती कब कहाँ और कैसे होती है - बीज, पौधा, पेड़, लाभ कमाई | Custard Apple Farming 1 सीताफल-का-बगीचा-कैसे-लगाये](http://krishisahara.com/wp-content/uploads/2023/05/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%9A%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87.jpg)
सीताफल / शरीफा क्या है ?
सीताफल या शरीफा (Custard Apple) एक फल है, जो कि आमतौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फलता-फूलता है | यह फल मुख्य रूप से दक्षिण एशिया, उत्तर और पश्चिम आफ्रिका, और उत्तर और दक्षिण अमेरिका में सर्वोधिक पसंद एवं उगाया जाता है | सीताफल का वैज्ञानिक नाम Annona Reticulata है|
फल का आकार अन्य फलों से अलग पहचान बनाता है, लेकिन सामान्यतः इसका आकार एक लाल बॉल जैसा होता है, जिसका वजन 100 ग्राम से 600 ग्राम तक होता है| इस फल की खाल/छिलका हल्के हरे रंग की होता है, जो मूंगफली के छिलके की तरह होती है| इसे छीलने पर मुलायम, सफेद और स्निग्ध मेम्ब्रेन से ढ़ाका हुआ रसीला होता है|
सीताफल का पेड़ कितने साल में फल देता है?
सीताफल का पेड़ अपने प्राकृतिक परिवर्तनों और प्रकृति की शर्तों पर निर्भर करता है, इसलिए इसका फलने में समय भिन्न हो सकता है| आमतौर पर सीताफल का ग्राफ्टेड पेड़ लगभग 2 से 3 वर्ष बाद एव बीज से तैयार पौधा 4 से 5 साल में फल देने लगता है| sitafal ka ped, paudha सालाना बढ़ती ग्रोथ के साथ 20 से 25 साल तक अच्छी पैदावार देता है |
सीताफल कौन से महीने में लगाया जाता है?
जलवायु एवं मिटटी –
सीताफल की बागवानी के लिए सही पौधो लगाने का महीने और जलवायु मिट्टी की विविधताओं पर निर्भर करते है| अप्रैल से जून तक का समय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सीताफल के पेड़ की बागवानी के लिए उपयुक्त होता है| इस समय पर्याप्त गर्मी, उच्च तापमान और उच्च आपदा क्षमता के साथ उपयुक्त मात्रा में वर्षा की उपलब्धता उचित जलवायु उत्पन्न करती है|
इस पेड़ की बागवानी लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है | मिट्टी में मुख्यत अच्छी गुणवत्ता, उच्च पोषक तत्वों और ओर्गेनिक खाद की मात्रा होनी चहिए |
सीताफल का बगीचा कैसे लगाये ?
सीताफल के बगीचे को सही तरीके से लगाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें : –
खेत एव मिटटी का चयन करें :- सीताफल के पेड़ों को अच्छी उपजाऊ मिटटी, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बागवानी के लिए उचित मानी जाती है| दिन भर में पेड़ को छाया एवं हल्की धुप और वायुमंडल के अनुकूल स्थान पर लगाना चाहिए| खेत या जगह को 3 से 4 बार अच्छी जुताई कराकर समतल करा लेना चाहिए | पौध रोपाई से एक महीने पहले 10 गुना 10 फिट या 10 गुना 15 फिट अन्तराल में 2*2 फिट गहराई एवं चौड़ाई में गड्डा खोद देना चाहिए |
पौधो का चयन :- अपने क्षेत्र के नजदीक किसी विश्वासपूर्ण नर्सरी या संस्था से सीताफल के ग्राफ्टेड पौधे खरीद लेना चाहिए |
सीताफल के बागवानी पौधे कैसे लगाये ?
सीताफल के पौधे /पेड़ लगाने का तरीका – एक महीने गड्डो को खुला छोड़ देंने के बाद, जैविक खाद, सिंगल, सुफर फास्फेट, या जिप्सम खाद जैसे की सभी मात्रा प्रति पौधा में 5 किलोग्राम मिटटी में मिलाकर गड्डो को भर देना चाहिए | पौधे से पौधे की दुरी में ड्रिप सिस्टम लगाकर पौधे लगा देना चाहिए | पौधे लगाने के तुरंत बाद सिंचाई कर देनी चाहिए | ध्यान रखें पौधे तेज धुप या सुबह के समय ना लगाये |
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शरीफे की खेती से बंपर पैदावार के उपाय ?
शरीफा (सीताफल) की खेती में बंपर पैदावार के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकते है : –
सिंचाई व्यवस्था अच्छी हो – शरीफा पौधे को पर्याप्त मात्रा में जल प्रदान करना बहुत जरुरी है| शुरूआती समय में पौधे को नियमित रूप से सिंचाई करें, खासकर गर्मी के मौसम में | सिंचाई के लिए ट्रिप इरिगेशन या बूंद इरिगेशन जैसी तकनीक वाली सिंचाई पद्धतियाँ उपयोग में लेना चाहिए |
समय पर खाद उर्वरक/पोषण – अच्छी पैदावार के लिए साल में पौधो को नियमित और संतुलित पोषण देना चाहिए | शरीफा पौधे के लिए उचित मात्रा में जीवाश्म, गोबर, वर्मीकम्पोस्ट खाद, और आवश्यक पोषक तत्वों के उपयोग करें| अन्य रोग किट के लक्ष्ण होने पर कृषि विशेषग्य की सलाह ले |
देखरेख एव कटाई-छटाई बागवानी प्रबंधन – शरीफा पौधे के लिए उचित बागवानी प्रबंधन अवश्यक है| यह सीधे पौधे के प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कीट और रोग नियंत्रण और प्रकृतिगत संसाधनों का समय उपयोग एवं देखरेख करना चाहिए | साल में एक या दो बार सीताफल पौधे की कटाई जरुर करना चाहिए, जिससे क्वालिटी वाली पैदावार एवं उत्पादन बढ़ सके |
![[ सीताफल का बगीचा कैसे लगाये 2024 ] जानिए शरीफा की खेती कब कहाँ और कैसे होती है - बीज, पौधा, पेड़, लाभ कमाई | Custard Apple Farming 2 सीताफल-का-पेड़-कैसे-उगाते-हैं](http://krishisahara.com/wp-content/uploads/2023/05/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%A1%E0%A4%BC-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%89%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82.jpg)
बीज से सीताफल का पेड़ कैसे उगाते हैं?
सीताफल के पेड़ को बीज से उगाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें : –
बीज हेतु फल का चयन – सबसे पहले, उचित गुणवत्ता वाले सीताफल के बीज चुनें| पके सीताफल से बीज निकालने के लिए, सीताफल को हल्के हाथों से काटकर बीज निकालें| ध्यान दें कि बीज पकने के लिए पूरी तरह से पके होने चाहिए|
बीजों को धोना – बीजों को पानी से अच्छी तरह से धो लें ताकि उनमें किसी भी धूल-मिट्टी या अन्य पदार्थों का संक्रमण न हो|
बीज को उपचारित एव संक्रमण से बचाएँ – बीजों को संक्रमण से बचाने के लिए, कोकोपीट जैसी खाद, प्रोपगेशन ट्रे में तैयार करें | बीज लगाने से पहले क्लोरपायरीफॉस, इमीडाक्लोप्रीड या थायोमेथाक्सम, क्रिस्टल बाविस्टिन (कार्बेनडाज़िम 50% डब्ल्यू पी) इनमे से कोई भी दवा से उपचारित कर लेना चहिए |
बीजों का रोपण – बीजों को पौधे के लिए रोपण करने के लिए बीज को एक उचित मिश्रण में रखें| यह मिश्रण मिट्टी, कोकोपीट, वर्मीकंपोस्ट, और खाद का मिश्रण हो सकता है| बीज लगाने के बाद हलकी सिंचाई करें, पौधों की नियमित देखरेख करते रहे, जब पौधा 4 या 6 महीने का हो जाए खेतों या बागवानी जगहों पर लगा देना चाहिए |
भारत में सबसे ज्यादा शरीफा की खेती कहाँ होती है ?
भारत में शरीफा (सीताफल) की खेती विभिन्न राज्यों में होती है, लेकिन कुछ प्रमुख क्षेत्रों में इसकी खेती ज्यादा होती है| उत्तर प्रदेश (बलिया, आजमगढ़, और जालौन), उत्तराखंड(पिथौरागढ़, चमोली, उदयसिंहनगर, और नैनीताल), बिहार(मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, और दरभंगा), महाराष्ट्र, राजस्थान, दक्षिण भारत के जैसें राज्यों में सीताफल की सर्वोधिक व्यवसायिक खेती की जाती है |
सीताफल का पेड़ /पौधा कहाँ मिलेगा?
सीताफल (Custard apple) के पेड़ और पौधे भारत की पौध नर्सरियों में व्यापक रूप से उपलब्ध होते है| आप सीताफल के पौधे और पेड़ निम्नलिखित स्थानों से खरीद सकते है – निजी नर्सरी से, कृषि विश्वविधालयों से, कृषि संस्थाओ से, सरकारी पौध शाला से, ऑनलाइन पौधे विक्रेता, घर पर बीज से उन्नत तरीको से पौधा तैयार करके आदि विकल्पों से पौधे खरीद सकते है |
Custard apple farming से लाभ कमाई?
सीताफल (Custard apple) खेती से लाभ कमाने का अनुमान क्षेत्रवार अलग-अलग हो सकता है| और इसे कई तत्वों पर निर्भर करेगी, फलों की बाजार की मांग, देश में उत्पादकता, मौसम, त्यौहार-उत्सव, खेती की देखरेख, फसल में रोग-किट, फसल की लागत और बाजार में मांग आपूर्ति व्यवस्था आदि पर निर्भर करती है | वैसें सामन्यत सीताफल की बागवानी खेती करके प्रति एकड़ 3 से 4 लाख रूपये की नगद आय कमा सकते है |
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