Last Updated on July 22, 2023 by krishi sahara
टपक सिंचाई पद्धति प्रोजेक्ट | ड्रिप सिंचाई किट की कीमत | ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 2023 | ड्रिप सिंचाई प्रणाली | प्रति एकड़ ड्रिप सिंचाई प्रणाली लागत | टपक सिंचाई पद्धति क्या है | ड्रिप इरिगेशन की जानकारी
खेती में सिंचाई करने का एक आधुनिक और नई तकनीक ड्रिप सिंचाई प्रणाली आगमन हुआ है | ड्रिप सिंचाई में प्लास्टिक की छोटी-छोटी पाइप होती है, जिसके माध्यम से फसल की जड़ों में पानी दिया जाता है | टपक सिंचाई पद्धति का आविष्कार इजराइल देश में हुआ था, वहा से इसका प्रसार धीरे-धीरे दूसरे देशों में हुआ | देश के किसान इसका उपयोग करेके काफी खुशहाल और अच्छा खासा लाभ कमा रहे है |
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पुराने जमाने और सिंचाई की पुरानी तकनीक से सिंचाई पानी एव समय का बहुत लगता था, जो इन समस्याओ का रामबाण इलाज आ गया है | आज हम बात करेंगे ड्रिप इरिगेशन का प्रति एकड़ खर्चा, कितनी सब्सिडी मिलती है, कौन कौन से डॉक्यूमेंट लगते हैं, भारत में ड्रिप इरिगेशन की मांग कितनी है, इरिगेशन के लाभ और हानियां जानिए संपूर्ण जानकारी –
टपक सिंचाई पद्धति क्या है ?
ड्रिप सिंचाई को टपक सिंचन भी कहते हैं | सिंचाई की इस पद्धति में फसलों की जड़ों में एक छोटी ट्यूब के माध्यम से बूंद-बूंद पानी देने की एक आधुनिक प्रणाली है | सिंचाई की यह प्रणाली इजराइल देश में विकसित हुई थी जो धीरे-धीरे दुनिया के सभी देशों में पहुच रही है और किसान इसे बहुत जोर शोर से अपना रहे हैं |
टपक सिंचाई पद्धति का महत्त्व देश की खेती में बढ़ रहा है | फसल को संतुलित और सम्पूर्ण विकास के लिए पानी की मात्रा, खाद, मिट्टी जाँच, वायु की आवश्यकता होती है, लेकिन इन कारकों के मात्रा में कम या ज्यादा से पूरी फसल और खेती की लागत पर असर पड़ जाता है| टपक सिंचन का मुख्य उद्देश्य जमीन को पानी न देकर फसलों को देना है |
देश में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का आगमन लगभग 20 साल पहले ही हो चुका था, लेकिन किसानों की और आधुनिक कृषि ज्ञान के अभाव में किसान इसको लगाने में कम आगे आए | वर्तमान में इच्छुक किसान ड्रिप सिंचाई सिस्टम की परिणामों को देखते हुए, देश में इतना फैला की लगभग 10 साल से सरकार और किसान ड्रिप सिंचाई पद्धति को अपनाने और अनुदान पर यह सिस्टम काफी लगे |
सरकार भी टपक सिंचाई पद्धति प्रोजेक्ट के तहत देश के किसानों को सब्सिडी देकर इस कृषि तकनीक को विकसित करने में लगी है, जिससे किसान की लागत घटे और किसान परिवार आमदनी बढ़े |
ड्रिप सिंचाई किट की कीमत ?
ड्रिप सिस्टम की लागत प्रयुक्त सम्मान एवं क्वालिटी पर निर्भर करती है, जो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम ड्रिप इरिगेशन मॉडल, कंपनी, फसल का प्रकार आदि पर निर्भर करती है | लगभग और औसतन अनुमान से देखें तो प्रति एकड़ ड्रिप सिंचाई प्रणाली में लागत 12,000 से लेकर ₹16,000 प्रति एकड़ आ जाता है जो औसत रूप से बताया गया है |
बाजार में बहुत से हल्के क्वालिटी के भी ड्रिप सिस्टम है, जो 10000 से कम में भी लग जाते हैं और इनसे ज्यादा क्वॉलिटी के भी ड्रिप सिस्टम है, जो प्रति एकड़ लागत 35 हजार से ₹50,000 तक भी हो जाती है |
ड्रिप सिंचाई किट की कीमत फसल, मॉडल, क्वालिटी, सरकारी सब्सिडी आदि पर निर्भर करती है, इसलिए इसका सही कीमत बताना मुश्किल है | किसान अपने खेत में लगाने के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें |
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने से पहले किसान को अपने खेत की पहले पूर्ण नियोजन करें | नियोजन स्थापना से ड्रिप सिंचाई सिस्टम प्रतिस्थापित करने में कम से कम खर्च आएगा |
ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 2023 ?
किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई सिस्टम का प्रयोग करता है और सरकार द्वारा अनुदान या सब्सिडी प्राप्त करता है, तो इसके लिए किसान को सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही समान खरीदने होते हैं| किसान ड्रिप सिस्टम खरीदते समय ISI मार्क वाले पार्ट्स/समान ही खरीदें | बिना ISI मार्क वाले ड्रिप सिस्टम पर सब्सिडी नहीं मिलती है |
देश के हर राज्य में ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 2023 के तहत अलग-अलग प्रावधान और सब्सिडी का % है | ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 35% से लेकर 90% तक मिलती है, जो राज्य सरकार की योजना पर निर्भर है| किसान अपने खेत में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए आज ही अपने कृषि कार्यालय में संपर्क करे |
सरकार के प्रयास और किसानों की इच्छा शक्ति के आधार से देश में अभी कुल सिंचित क्षेत्र के 12%-15% में ड्रिप सिंचन सिस्टम लग चुका है| तो अभी कृषि सेक्टर में ड्रिप इरिगेशन का 80-85% भाग बचा हुआ है |
सरकारी आकड़ों से ड्रिप फिटिंग का भविष्य और भी अधिक बना हुआ है और कृषि की आय में बढ़ोतरी के बहुत ज्यादा अनुमान लग रहा है |
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ड्रिप सिंचाई के प्रमुख घटकों के नाम ?
देश में चल रही ड्रिप सिंचाई प्रणाली के प्रमुख पार्ट्स है जो –
- हेडर असेंबली
- फिल्टर्स – हायड्रोसायक्लोन, सैंड और स्क्रीन फिल्टर्स
- रसायन और खाद देने के साधन – व्हेंचुरी, फर्टिलाइज़र टैंक
- मेनलाइन
- सबमेन लाइन
- एण्ड वाल्व
- जोइनर
- इमीटर/डिपर
- RPL बाल वाल्व
- मिनी ड्रिपर
- जोइनर कॉक
- पेप्सी कॉक
- पेप्सी एण्ड कप
- टी
- ग्रोमेट
- ड्रिल
- नेटा प्रकार ग्रोमेट
- बंद ग्रोमेट
- ऐल्बो
- वॉल्व
- लेटरल लाइन (पॉलीट्यूब)
- एमीटर्स – ऑनलाइन/इनलाइन/मिनी स्प्रिंकलर/जेट्स
टपक सिंचाई पद्धति के फायदे कौन से हैं?
- ड्रिप सिंचाई के उपयोग से कम पानी में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन मिल जाता है |
- रासायनिक उर्वरकों की बचत होती है जिसमें किसान की लागत भी घट जाती है |
- खेत में सिंचाई करने का समय वाले मजदूरों की संख्या तथा मजदूरी भी बच जाती है |
- टपक सिंचाई पद्धति का प्रयोग करने से किसान 30% से लेकर 80% तक की सिंचाई पानी की बचत कर सकता है |
- सिंचाई के संतुलित प्रयोग से मिट्टी की भी कुशलता/उपजाऊपन क्षमता बनी रहती है |
- घास नियंत्रण, कीट रोग आदि का ना होने से फसल का उत्पादन और श्रम शक्ति में बचत होती है |
- यदि किसान सिंचाई पाइप विधि, नाली विधि से करें तो 1 एकड़ पानी से, ड्रिप इरिगेशन से 3 एकड़ भूमि को अच्छी सिंचाई कर सकता है |
- कम समय में सिचाई करने से बिजली/डीजल/केरोसिन/फ्यूल की भी बचत होती है |
- किसान की लागत और पानी की बचत हेतु देश में जल भंडार को सुरक्षित रखने हेतु इस प्रणाली को अपनाना चाहिए भविष्य के लिए खेती को बचाए रखना यह भी टपक सिंचाई का प्रमुख लाभों में से एक है |
- बिना समतल जमीन पर भी ड्रिप सिंचाई के द्वारा खेती की जा सकती है |
- टपका विधि द्वारा सिंचाई करने से होने वाले लाभो में एक है, की सरकार इस सिस्टम मे अच्छा खासा अनुदान के रूप में दे देती है |
ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 2023?
देश के हर राज्य में ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 2023 के तहत अलग-अलग प्रावधान और सब्सिडी का % है | वैसे ड्रिप सिंचाई सब्सिडी 35% से लेकर 90% तक मिलती है जो राज्य सरकार की योजना पर निर्भर है| किसान अपने खेत में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए आज ही अपने कृषि कार्यालय में संपर्क करे-
ड्रिप सिंचाई प्रणाली कैसे काम करती है?
ड्रिप सिंचाई प्रणाली का महत्त्व देश की खेती में बढ़ रहा है, फसल को संतुलित और सम्पूर्ण विकास के लिए पानी की मात्रा, खाद, मिट्टी, वायु की आवश्यकता होती है | इन कारकों के मात्रा में कम या ज्यादा से पूरी फसल और खेती की लागत पर असर पड़ जाता है| टपक सिंचन का मुख्य उद्देश्य जमीन को पानी न देकर फसलों को देना है |
सिंचाई का बेहतर तरीका क्या है?
टपक सिंचाई पद्धति का आविष्कार इजराइल देश में हुआ था वहा से इसका प्रसार धीरे-धीरे दूसरे देशों में हुआ| देश के किसान इसका उपयोग करेके काफी खुशहाल और अच्छा खासा लाभ कमा रहे है |
सिंचाई की आधुनिक पद्धतियां कौन कौन सी है वर्णन कीजिए?
खेती में सिंचाई करने का एक आधुनिक और नई तकनीक ड्रिप सिंचाई प्रणाली आगमन हुआ है| ड्रिप सिंचाई में प्लास्टिक की छोटी-छोटी पाइप होती है, जिसके माध्यम से फसल की जड़ों में पानी दिया जाता है |
टपक सिंचाई के लिए कौन सी फसल उपयुक्त है?
देश में ज्यादातर टपक सिंचाई कम पानी वाली परिस्थतियों या फिर बागवानी, सब्जी फसलों की खेती, पॉली हाउस में उपजाई जाने वाली फसलों में ड्रिप सिंचाई आसानी से की जा सकती है |
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