भारत में हींग की खेती – जानिए हींग का पौधा कैसे लगाएं, बीज, पैदावार, कीमत | Hing Cultivation in India

Last Updated on May 17, 2024 by krishisahara

Hing ki kheti kaise hoti hai | हींग का पौधा कैसे लगाएं | हींग का पौधा कहां मिलेगा | हींग की कीमत 1kg | भारत में हींग की खेती कहां होती है | हींग का होलसेल मार्केट | हींग का वैज्ञानिक नाम | Asafoetida Cultivation | hing ka ped

    हींग का पौधा और हींग की खेती भारत के लिए दुर्लभ मान सकते है, क्योंकि इसकी पैदावार और बढ़वार के लिए भारत की जलवायु भूमि मिट्टी उपयुक्त नहीं मानी जाती है | बता दे कि हींग की खपत भारत में अन्य देशों की तुलना में ज्यादा होती है | हाल ही में CSIR और इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT) ने 2016 से की जा रही रिसर्च ने भारत में हींग की खेती करने को सफल बनाया है |

हींग-की-खेती

भारत में CSIR की पहल पर – सफल रिसर्च में आगे कहा गया की आने वाले समय में कश्मीर, हिमालय के क्षेत्र और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके इसकी खेती करके देश में महंगी हींग के आयात की समस्या को कम कर देंगे | वर्तमान में कश्मीर, हिमालय के क्षेत्र और हिमाचल, लद्दाख, उत्तराखंड, पंजाब के किसान इसकी खेती करके अच्छा लाभ कमा रहे है |

भारत की हर रसोईयो में हींग की खुशबु-सुगंध और भोजन-व्यंजनों में तड़का प्रसिद्ध हो चुका है| hing ki kheti kaise hoti hai यह बात सब के मन में होती है, तो आइए जानते है हींग की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी –

हींग की खेती कब और कैसे की जाती है ?

हींग सोफ की प्रजाति का एक ईरानी मूल का पाैधा है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में फलत-फूलता है | पिछले कुछ-कुछ सालों से भारत में हींग की खेती की शुरुआत बड़े स्तर पर हो चुकी है | नए किसानों को सलाह है, की उचित ज्ञान और प्रशिक्षण प्राप्त करके ही इसकी खेती करें | बता दे की इस रिसर्च से पहले भारत में हींग की खेती सम्भव नहीं हो सकी थी या फ़िर यू कहे की एक ग्राम भी हींग की उत्पादन नहीं हो सका |

हींग पौधे के किस भाग से प्राप्त की जाती है ?

इनके पौधे के नीचे मिट्टी में प्रकन्दों और ऊपरी जडों से गोंद के जैसे शुष्क वानस्पतिक दूध रिसता रहता है, इनको एकत्र करके पाउडर बनाके हींग के रूप में प्रयोग लिया जाता है | बाजारों में हिंग को स्टार्च व गोंद मिला कर ईट के रुप में बेचा जाता है |

हींग की प्रसिद्ध किस्में –

ठंडे और शुष्क वातावरण वाले क्षेत्रों में इसका उत्पादन सबसे अच्छा होता है | पूरी दुनिया में हींग की करीब 130 किस्में हैं, भारत में हिंग की 3-4 प्रजातीया की खेती की जाती है |

दूधिया सफेद हींगलाल हींग
दूधिया सफेद जिसे काबुली सफाई द बोला जाता है |
लाल हींग सल्फर के मौजूद होने के कारण इस हींग की पहचान गंध बहुत तीखी होती है |
इसके भी तीन रुप होते है टिमर्स, मास और पेस्ट यह गोल, पतला राल शुद्ध रुप में होता है, जोकि 30 मि.मी. का होता है यह भुरा और फिका पीला होता है |
दूसरी सफ़ेद व पीला पानी घुलनशील है |
जबकि गहरे व काले रंग वाला तेल में ही घुलनशील है, स्टार्च व गोंद मिला कर ईट के रुप में बेचा जाता है |

हींग की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु –

हींग की खेती अभी तक केवल पहाड़ी क्षेत्रो में ही संभव हो पा रही है | कम ठंडे और शुष्क वातावरण वाले क्षेत्रों में इसका उत्पादन उत्तम माना जाता है | हींग की खेती के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान क्षेत्रों में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है |

खेत की तैयारी –

विशेष ध्यान इस बात पर देना चाहिए, कि इसे रेतीली मिट्टी यानि इसकी खेती रेत, मिठ्ठी के ठेले व अधिक चिकनी जमीन में उगाया जाए | पहाड़ी क्षेत्र जहां पानी किसी भी तरह से रुक ना सके तो मिट्टी में आप अलग से 40% तक रेत को मिला सकते है| इसके पौधों के अच्छे विकास के लिए जैविक खाद ज्यादा उत्तम माना जाता है |

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हिंग की खेती के लिए अनुमति ?

नए किसानों को हींग के बीज लेने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी, इसके बीज आपको सरकार की सहायता से ही मिलने की संभावना होगी क्योंकि हिंग बीज पर अभी भी शोध चल रहा है | आप इस पर सरकार से विचार विमर्श करके उनकी आज्ञा से बीज ले सकते है, जिसके पश्चात आप अपनी खेती शुरू कर सकते है | इसके बीज के लिए आप नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट एंड जेनेटिक विभाग से संपर्क कर सकते है |

हींग-की-खेती

हिंग फसल में रोगो से बचाव ?

इसमें आपको रोगों के लगने की समस्या नहीं आती, इस पर अभी रिसर्च की जा रही है | इस खेती को लेकर वर्तमान में तापमान और अनुकूल जलवायु-मिट्टी ही रोग बने हुए है | 30-35 डिग्री तक ये पौधा सामान्य रहेगा उससे अधिक होने पर इसकी फसल खराब हो सकती है |

हिंग की खेती से कमाई ?

कमाई के लिहाज से आपको इससे अच्छी खेती की फसल दूसरी शायद ही कोई मिले, इसका बाज़ार का भाव 35000 रुपए किलो से शुरुवात होती है जो इसकी गुणवत्ता के अनुसार और भी बढ़ जाता है | देश में हिंग का व्यापार काफी फेला हुआ है, क्योंकि इसका उत्पादन भारत में नहीं होता है | हर वर्ष करोड़ों का व्यापार सम्पन्न होता है |

हींग प्राइस- माल कहा बेचे ?

आप चाहे तो हींग को सीधा अपने बाजार में लोकल कस्टमर के बीच उतार सकते है | आप इसे रिटेल भी कर सकते है एवं बेहतर डिल मिलने पर होलसेल की दर पर भी बेच सकते है, इसके कई व्यापारी आपको एडवांस तक देते है |

भारत में हींग की खेती ?

भारत पुरे विश्व का सबसे बड़ा हींग उपभोक्ता है, लेकिन इसके बावजूद भी भारत को हींग विदेशों से आयात करना पड़ता है | भारत को हर साल लगभग 1100 टन हींग आयात करना पड़ता है, प्रतिवर्ष 70 मिलियन रुपये की खरीद करते है |

बता दे की सबसे पहले हींग की खेती भारत में हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति में हुई है जो, CSIR एव इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी ने रिसर्च सफल कर पहली बार देश में ही हींग उगाने का काम शुरू कर दिया |

भारत में हींग की खेती कहां होती है?

हींग की खेती कहां होती है- वर्तमान में भारत में हींग की खेती पंजाब, कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में उपजाई जाती है |

हींग की कीमत क्या है?

इसका बाज़ार का भाव 35,000 से लेकर 50,000 रुपए किलो से शुरुवात होती है, जो इसकी गुणवत्ता के अनुसार और भी बढ़ जाता है |

हींग को क्या बोलते हैं?

अंग्रेजी- Asafoetida, हिन्दी- हींग, कन्नड – हिंगर, कश्मीरी – यांग, मलयालम- कायम, मराठी- हींग, उड़िया – हेंगु, तेलुगु – इगुवा, उर्दू – हींग, संस्कृत – हिंगू आदि नामों से जाना जाता है |

हींग पौधे के किस भाग से प्राप्त की जाती है?

पौधे के नीचे मिट्टी में प्रकन्दों और ऊपरी जडों से गोंद के जैसे शुष्क वानस्पतिक दूध रिसता रहता है, इनको एकत्र करके पाउडर बनाके हींग के रूप में प्रयोग लिया जाता है |

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