[ जैविक खाद के प्रकार और महत्व 2024 ] जानिए सबसे अच्छी जैविक खाद कौन सी है, Price, उपयोग | Organic Compost

Last Updated on February 28, 2024 by krishisahara

जैविक खाद क्या है | जैविक खाद बनाने की विधि | सबसे अच्छी जैविक खाद कौन सी है | जैविक खाद के क्या क्या फायदे हैं | जैविक खाद के प्रकार

आज के समय में खेती-बाड़ी इतनी प्रदूषित हो गई है कि किसान की लागत ज्यादा और उत्पादन कम होता जा रहा है| किसान धीरे-धीरे परेशानियों की और घिरता जा रहा है, इसका मुख्य कारण है कि किसान ने बहुत ही अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर लिया है | हानिकारक रसायनों का प्रयोग कर खेतों को बीमार कर दिया है |

किसानों और खेती की इस समस्या का इलाज अब केवल जैविक खाद खेती का उपयोग से ही संभव है, जो काफी सस्ता और भरोसेमंद है | जैविक खेती की और सरकार भी अब किसानों को सुविधाएं मुहैया करा रही है |

जैविक-खाद

भारत में जैविक खेती को अपनाने की और किसानों का ध्यान अब आकर्षित हो रहा है | लगभग पिछले 5 सालों से किसान जैविक खेती की और ज्यादा आकर्षित हुए है और प्रयोग कर फायदा ले रहे हैं |

जैविक खाद की परिभाषा ?

प्रकृति और पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए प्रकृति के सभी जीवों और तत्वों की भूमिका से खेती करना ही जैविक खेती खाद कहलाती है |

रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग न कर के खेत में गोबर की खाद, कंपोस्ट, जीवाणु खाद, फसल-अवशेष, फसल चक्र, और प्रकृति में उपयुक्त पुनः चक्रण द्वारा पौधों के पोषक तत्व दिए जाते हैं ऑर्गैनिक खाद कहलाती है |

जैविक खाद के प्रकार और नाम?

  1. हरी खाद (नीमाशास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निपुत्र, दशपर्णी-अर्क, वनस्पति जैव)
  2. पशुओं का गोबर व फसल अवशेषों से तैयार कंपोस्ट
  3. केंचुआ खाद (वर्मी कंपोस्ट)
  4. फसल अवशेष
  5. लकड़ी गोबर इत्यादि की राख
  6. फसल चक्र
  7. मुर्गी पालन जनित खाद
  8. जैविक कीटनाशक(Bio Fertilizers) जैसे ट्राइकोडरमा इत्यादि
  9. एजोटोबेक्टर  एजोस्पिरिलम, नील हरित शैवाल, एसीटोबेक्टर, फास्फोरस सॉल्युबलाइजर आदि | 

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जैविक कीटनाशक के प्रमुख लाभ ?

  • फसलों की उपज और गुणवत्ता में वृद्धि होती है, कम लागत अधिक मुनाफा, ज्यादा बाजार मूल्य |
  • मिट्टी के कटाव के रोकथाम तथा जल धारण क्षमता में वृद्धि कर दी है और भूमि मृदा में सुधार बनाए रखती है |
  • जैविक खेती टिकाऊ और लोंग टाइम खेती है, जिसका मुख्य उद्देश्य बिना मानव नुकसान तथा मृदा स्वास्थ्य को बिना हानि पहुंचाए हुए काम करती है |
  • इसके पीछे पानी की खपत में कमी आती है तथा पानी की बचत होती है जिससे भविष्य में खेती के लिए जल संरक्षण बना रहता है |
  • प्रकृति की भूमि हवा प्रदूषण पर रोक लगेगी, किसानों की रासायनिक खाद के प्रति निर्भरता कम होगी |
  • देश में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा |
  • मानव स्वास्थ्य हेतु सुरक्षित है प्रदूषण नियंत्रण एवं गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ का उत्पादन होता है |
  • पर्यावरण के लिए सुरक्षित खाद है लाभदायक जीवाणु संख्या व जैव विविधता में वृद्धि करती है |
  • जैविक खाद का मुख्य लाभ है कि पौधे को तो लाभ मिलता ही है | साथ-साथ भूमि को भी लाभ मिलता है, मिट्टी के साथ किसी भी प्रकार की कोई क्रिया नहीं करता है |
  • पर्यावरण प्रदूषण तथा मानव जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी और लाभदायक है | 
  • एक स्वस्थ भूमि के अंदर 17 प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो Jaivik Khad इन तत्वों का संतुलन बनाए रखती है |
  • इस खाद के उपयोग से किसान की खेती पर मौसम तथा पर्यावरण का भी दुष्प्रभाव कम पड़ता है |
  • जैविक खेती से किसान की भूमि में निरंतर रोगप्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होती रहती है जो किसान की आर्थिक मदद में सहायक होती है |
जैविक-खाद

जैविक खाद के मुख्य घटक –

प्रकृति में मौजूद किट-जीवाणु, जैविक कीटनाशक,गोबर की खाद, गोबर गोमूत्र, गोबर गैस सलरी इत्यादि |

जैविक खाद का प्राइस –

सामान्यतः बाजार में जैविक खाद के लिए बहुत सारी कंपनियां आगे आई हुई है या Jaivik Khad बनाती है| ये कम्पनीया बेग के माध्यम से खाद को पैकिंग कर बाजार में उपलब्ध कराती है | यह खाद आपको खाद-बीज की दुकान पर आसानी से मिल जाता है, इस खाद के मुख्यतः 25 KG 50 KG के बैग के रूप में ले सकते है |

बात करें जैविक खाद के कीमत की तो सामान्यत है 50 kg के 500 से लेकर ₹500 प्रति बैग होता है | इसी प्रकार 25 kg की बात करें तो 200 से लेकर 250 रुपये के बीच मिल जाता है |

जैविक-खाद

खेती में जैविक खाद का उपयोग कैसे करें ?

  • जैविक कीटनाशक को खेत में डालने के लिए अलग-अलग तरीके है खाद को खेत में डालने के लिए यह निर्भर करता है कि जैविक खाद द्रव अवस्था में है या सूखा खाद |
  • यदि किसान बाजार से जैविक खाद लाता है तो 1 एकड़ में 4 से 6 बैग प्रति एकड़ के हिसाब से डालें वैसे बाजार से लाई हुई Jaivik Khad की उपयोग के के लिए निर्देश उसमें दिए होते है |
  • यदि किसान जैविक कीटनाशक द्रव रूप में बनाता है तो उसे व सिंचाई के समय पानी के साथ भी छोड़ सकता है जुताई से पहले खेत में डिब्बों के माध्यम से भी डाल सकता है |
  • यदि किसान के पास स्प्रे मशीन है तो छिड़काव के द्वारा भी द्रव्य जैविक कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है इसके लिए स्प्रे मशीन का आगे का नोजल निकाल दे |
  • किसान Jaivik Khad घर पर बनाकर काम में लेना चाहता है तो 1 एकड़ में 4 से 6 बैग प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते है |

जैविक खेती अपडेट –

भारत सरकार ने जैविक खेती और मिट्टी के स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाने के लिए भारत सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की है | इस योजना के तहत किसानों को पारंपरिक कृषि के तरीके अपनाने और रासायनिक उर्वरकों को की निर्भरता को समाप्त करने की और बल दिया जाता है पूरी तरह से jaivik khad को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया | 

देश का सिक्किम राज्य पूरी तरह से जैविक खेती और खाद का प्रयोग करने वाला पहला राज्य बना है |

1 एकड़ में कितना जैविक खाद डालना चाहिए?

किसान जैविक खाद घर पर बनाकर काम में लेना चाहता है, तो 1 एकड़ में 4 से 6 बैग प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते है |

जैविक खाद क्या है कितने प्रकार की होती है?

प्रकृति और पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए प्रकृति के गोबर की खाद, कंपोस्ट, जीवाणु खाद, फसल-अवशेष, फसल चक्र, और प्रकृति में उपयुक्त पुनः चक्रण द्वारा पौधों के पोषक तत्व ही जैविक खेती खाद कहलाती है |

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