[ ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे होती है 2024 ] जानिए पौधे कहां मिलेंगे गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक | Dragon Fruit Cultivation

Last Updated on March 17, 2024 by krishisahara

ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे | ड्रेगन फ्रूट के फायदे | ड्रैगन फ्रूट की कीमत | ड्रैगन फ्रूट कहां पाया जाता है | राजस्थान में ड्रैगन फ्रूट की खेती | ड्रैगन फ्रूट के बीज | ड्रैगन फ्रूट खेती | Dragon food ki kheti | ड्रैगन फ्रूट की खेती कब की जाती है

अब भारत में भी इसकी खेती प्रगतशील किसानों द्वारा शुरू हो चुकी है | महंगा फ्रूट्स होने के कारण पहले इसे विदेशों से आयात किया जाता था, लेकिन भारत सरकार के सहयोग से इस खेती को अब देश में बढ़ावा मिल रहा है | ड्रैगन फूड की खेती पहले इजराइल, थाइलेंड, मलेशिया, श्रीलंका में काफी समय से होती आ रही है| इस फल की मांग और अच्छे भाव के कारण भारत के किसान भाई इसे व्यवसाय के रूप में अपना रहे है |

ड्रैगन-फ्रूट-की-खेती

स्वाद में काफी मिट्टा, देखने में सुंदर अंदर से लाल फल अपनी खूबियों से भरपूर है| सर्वोधिक इस फल को मेक्सिको और सेंट्रल एशिया में खाया जाता है| ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हिलोकेरेस अंडटस और हिन्दी नाम पिताया या स्ट्रॉबेरी पीयर है | आइए जानते है ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में पूरी जानकारी –

भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे होती है ?

इस फल की खेती भारत में कही पर भी की जा सकती है, बस बर्फ और जल भराव वाली जगहों को छोड़कर | ड्रैगन फ्रूट की खेती में 7-8 pH मान वाली मिट्टी में इसकी खेती आसानी से हो सकती है| इसके लिए सभी प्रकार की मिट्टी अनुकूल है, तापमान की बात करें, तो अधिकतम 50° सेल्सियस और न्यूनतम 5° सेल्सियस तक सहन कर सकता है |

ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे ?

किसान इसके पौधे दो प्रकार से ले या तैयार कर सकते है – 1. बीज द्वारा पौध तैयार 2. नर्सरी गराफ्टिंग पौध (कलम विधि द्वारा)

  • पहली विधि बीज द्वारा जिसमें पौधे के उगने से लेकर फल आने तक 6-7 साल लग जाते है, इसलिए किसान भाई बीज द्वारा पौध तैयार नही कर सकते |
  • दूसरी विधि ग्राफटिंग विधि जो नर्सरी द्वारा तैयार होता है, जिसमे 2 साल में फल आना शुरू हो जाता है |

ड्रैगन फूड के पौधों को कैसे लगाए?

  • ड्रैगन फल के पौधे बिना किसी सहारे के आगे नहीं बढ़ सकते है, इसलिए खेतों में किसानों को पोल लगाने पड़ते है |
  • पौधे से पौधे कीे बीच की दूरी 8-10 फिट का अंतराल |
  • ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे कतार से कतार में पौधों की दूरी 12-12 की होनी चाहिए |
  • पोल की लंबाई 6-7 फिट होनी चाहिए और भूमि में 1.5 से 2 फिट दबाना होगा |
  • एक पोल के चारों और 4 पौधे लगाए ,इनको ऊपर की और दिशा में बाँधे |
  • पोल पर आपको पौधे की बेल नुमा तनों को रखने के लिए लकड़ी के 2×2 का चोकोर भाग रखने की जरूरत होती है |

ड्रेगन फ्रूट के फायदे ?

इस प्रकार के फल का उपयोग शरीर में कई अनेक प्रकार की बीमारियों और स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए खाया जाता है –

  • शरीर में शुगर और डायबिटीज होने से बचाता है और साथ जिनको हो रखी है, उनमे नियत्रण करने में मदद करता है |
  • ड्रैगन फल पेट संबधित समस्याओ के लिए लाभदायक है |
  • कोलेस्ट्रॉल शरीर में न तो ज्यादा होना चाहिए और न ही कम होना चाहिए, इस समय ये फल शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्र को नियंत्रित करता है |
  • गर्भावस्था में महिलाओ के स्वास्थ्य में पोषक तत्वों की पूर्ति में सहायक |
  • हड्डियों और दांतो के रोग निवारण में लाभदायक होता है |
  • ड्रैगन फ्रूट्स के फायदे इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी है |
  • हर प्रकार की बीमारियों में कही-ना-कही लाभदायक है इसलिए 40% दवाइयों में इसका प्रयोग किया जाता है | 
  • बाजार में Dragon Food Ki Kheti बढ़ती मांग के कारण किसानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे है |

यह भी जरुर पढ़ें –

Dragon Fruit की खेती में खाद/उर्वरक कौनसा डाले ?

बात करे ड्रैगन फ्रूट की खेती खाद उर्वरक की तो निम्न प्रकार से –

  • इस फल की खेती में जैविक खादों का ही प्रयोग करें |
  • जैविक खाद डालने से Dragon Fruit में उत्पादन और स्वाद अच्छा बैठता है |
  • ज्यादा स्वादिष्ट ड्रैगन फ्रूट का कीमत भी अच्छा मिल जाता है |

ड्रैगन फ्रूट की वैरायटिया/ड्रैगन फ्रूट की प्रमुख किस्में ?

सामान्यतः ड्रैगन फल 3 प्रकार के होते है –

  1. सफेद पिताया (White Dragon Fruit)
  2. लाल पिताया (Red Dragon Fruit)
  3. पीला पिताया (Yellow Dragon Fruit)
  • सबसे अधिक मांग और कीमत पीले ड्रैगन फल की होती है जो काफी स्वादिष्ट और मिट्ठा होता है |
  • लाल ड्रैगन फ्रूट की भारत में ज्यादा उत्पादन होता है, जो स्वाद में मीठे होने के साथ ही इनका भाव भी कम होता है |

ड्रैगन फ्रूट की कीमत क्या है (Dragon Fruit Price) ?

भारतीय बाजारों में रेड ड्रैगन सर्वोधिक आता है, जिसकी कीमत 150 रुपये से 300 रुपये तक होती है |

किस्में/Varietiesबाजार में भाव (रुपये में/किलो ), ड्रैगन फ्रूट्स Price
सफेद पिताया (White Dragon Fruit)100-200
लाल पिताया (Red Dragon Fruit)150-300
पीला पिताया (Yellow Dragon Fruit)400-800
ड्रैगन फ्रूट्स Price

किसान भाइयों आपने इसमे ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में सिखा, आशा करते है की ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी पसंद आई होगी |

ड्रैगन फ्रूट को भारत में कमलम/Kamlam के नाम से जानेगे, क्योंकि हाल ही में गुजरात में इस खेती के बड़ावा देने के लिए ये नाम रखा है| अब आने वाले समय में गुजराज में देश की सर्वाधिक ड्रैगन फ्रूट की फसल ली जाएगी |

ड्रैगन फ्रूट की कीमत क्या है?

भारतीय बाजारों में ड्रैगन कई वैराईटीयों में आता है जिसकी कीमत 150 रुपये से 1500 रुपये /किलो तक होती है |

ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे?

किसान इसके पौधे दो प्रकार से ले या तैयार कर सकते है –
1. बीज द्वारा पौध तैयार
2. नर्सरी गराफ्टिंग पौध (कलम विधि द्वारा) |

ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में क्या बोलते हैं?

ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हिलोकेरेस अंडटस और हिन्दी नाम पिताया/कमलम या स्ट्रॉबेरी पीयर भी बोलते |

यह भी जरूर पढ़ें…

दुसरो को भेजे - link share

Leave a Comment

error: Content is protected !!