Last Updated on February 29, 2024 by krishisahara
सबसे अच्छी कपास की वैरायटी कौन सी है | कपास की उन्नत किस्में 2024 | कपास कौन से महीने में बोई जाती है | देसी कपास की उन्नत एवं संकर किस्में | कपास के बीज किस्म Haryana, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब
नमस्कार किसान भाइयों, कपास बुवाई को लेकर किसानों की सबसे बड़ी समस्या कपास की किस्म/वैरायटी का चयन करना | इसी समस्या का समाधान और आज हम चर्चा करने वाले है, उत्तरी भारत में बोई जाने वाली टॉप प्रमाणिक प्रमाणित बीटी कॉटन की 10 हाइब्रिड वैराइटियों के बारें में जो आपको दिला सकती है अच्छा लाभ एवं उत्पादन –
![[ कपास की उन्नत किस्में 2024 ] नरमा के बीज की नई किस्म, वैरायटी | Variety of Cotton 1 कपास-की-उन्नत-किस्में](http://krishisahara.com/wp-content/uploads/2022/04/%E0%A4%95%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%89%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82.jpeg)
आइए जानते है, उतरी भारत की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली कपास की उन्नत किस्में के बारे में –
कपास की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?
प्रगतिशील किसानों को विशेष सलाह यही रहेगी की अपने खेत की मिट्टी, सिंचाई जल के अनुसार फलने-फूलने वाली किस्म का ही चयन करें | कपास की और भी यहा निम्न उन्नत एवं संकर किस्में है, जिनका चुनाव कर सकते है –
श्री राम 6588 और बुनटी | श्री राम की यह दोनों बायोसीड बीटी कपास की वैराइटी संकर किस्मे है, जो लगभग सभी प्रकार के सूँडी कीट रोगों ओर पत्ती सुकड़न बीमारी से मुक्त प्रतिरोधी है | इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 150 से 175 सेमी की होती है | श्री राम 6588 किस्म की औसत पैदावार 24 से लकेर 28 क्विंटल/हेक्टेयर तक होती है – यह ज्यादातर राजस्थान, मध्यप्रदेश मे लगाई जाती है – अधिक जानकारी |
रासी – 773 वैरायटी | नरमा का यह बीज अगेती बिजाई के लिए सर्वोधिक उत्तम माना गया है | रासी – 773 को ज्यादा पानी, काली-जलोढ़ मिट्टी उपयुक्त मानी गई है | |
रासी – 776 वैरायटी | इस किस्म का बीज सामान्य हल्की मिट्टी, कम सिंचाई पानी वाले क्षेत्रों में इसकी बुवाई किसान भाई कर सकते है | इस वैरायटी का बुवाई का समय अप्रेल से जून का माह उत्तम, जो 160 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है, इस किस्म में रस चुसक रोग नही लगता है | |
बायर सरपास 7172 बीजी | यह कपास बीज अगेती और सामान्य समय बुवाई के लिए उत्तम माना गया है, जिसकी बुवाई अप्रेल-मई माह में पूरी कर लेनी चाहिए | फसल के शुरूआती अवस्था में रस चूषक कीट के प्रति पूर्ण सहिष्णु है | यह 155 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है – इसी में एक वैरायटी बायर सरपास 7272 आती है, जो भारी मिटटी वाली भूमि और अधिक सिंचाई वाले क्षेत्रो के लिए उचित मानी जाती है – अधिक जानकारी |
अंकुर अजय – 555 बीजी | अंकुर अजय – 555, इसका पौधा लम्बा और मजबूत होता है | फल-पत्ती चूसने वाले कीड़ों के प्रति सहनशील, नहर और मीठे सिंचाई पानी वाले क्षेत्रों में उत्कृष्ट उत्पादन क्षमता रहती है | इस कपास में उच्च फाइबर के गुण पाए जाते है | |
US एग्री सीड (us – 51, 71, 81, 91) | US एग्री सीड कम्पनी का बीज भी पिछले 7-8 सैलून से मध्य और दक्षिण भारत के क्षेत्रो में अपना विश्वास बढ़ा रहा है | यह एक अमेरिकन कपास की किस्मे है, जो 155-160 दिन में पककर तैयार हो जाती है| रेशो की लंबाई 30-31 mm तक होती है | US एग्री सीड की खास बात यह होती है, की इनकी बोल/टिंडे का वजन 5.5-6 ग्राम तक होता है – अधिक जानकारी |
RJ Nuziveedu Sim Sim(NCS 495) – नुजिवेदु सिम सिम | आरजे नुजिवेदु सिम सिम (एनसीएस 495) यह किस्म भी काफी चर्चित है, जो किसानो की पसंद बनी हुई है | जून माह या खरीफ समय में बुवाई होती है| फसल पकने की अवधि 160-165 दिन है – अधिक जानकारी |
रासी – 650 | इस किस्म को बहुत ही कम पानी यानि सिंचाई में हर प्रकार की मिट्टी से अच्छा उत्पादन ले सकते है| प्रति एकड़ उत्पादन 10-12 क्विंटल तक लिया जा सकता है | मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात में सर्वोधिक फल-फूल रही है – अधिक जानकारी |
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US एग्री सीड 51 (us – 51) | इस वैराइटी पर किसानों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है – लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में लगा सकते है | अगेती, पछेती, सामान्य किसी भी समय बुवाई कर सकते है – कीट-रोग, सूँडी का वजन, उत्पादन सभी प्रकार से यह अच्छा परिणाम दे रही है – अधिक जानकारी |
बलराज + | सामान्य ओर हल्की भूमि में अच्छा उत्पादन देना इसकी विशेषता बनती है| इस किस्म में नरमा तुड़ाई के अंतिम समय तक हरी रहती है – अधिक जानकारी |
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बता दे की अगेती बुवाई अप्रेल के पहले सप्ताह से की जा सकती है, जिसके लिए सिंचाई पलाव करके ही बुवाई जरूरी है | | नरमा बुवाई का सबसे उत्तम समय अप्रेल का अंतिम सप्ताह से लेकर 20 मई तक बुवाई का काम पूरा कर लेना उचित माना जाता है | | पछेती बुवाई के लिए 20 जून तक पूरी कर लेनी चाहिए – वैसे बीज वैराइटी के उपयोग दिशा-निर्देशों से अनुसार बुवाई करके ओर भी ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है | |
कपास की उन्नत किस्मों के नाम?
ऊपर दी गई उन्नत किस्मों के आलावा भी कई बीज के प्रकार है, जिनको लगाकर किसान भाई काफी सराहना कर रहे है – रासी – 602, रासी जेट, US-51, अंकुर 3228 बीटी-2, Ajeet-199 BG, एएएच-1 व 32, US कपास की एच-1117, 1226, 1236 और H -1300, PRCH -7799, बायो 6588, केसीएच-999 आदि |
सबसे अच्छी कपास की वैरायटी कौन सी है?
किसान सबसे बढिया बीज का चयन कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे – खेत की मिट्टी, जलवायु, मौसम, खाद-बीज, निराई-गुड़ाई, रोग-किट की देखभाल आदि| उन्नत तरीकों को ध्यान में रखकर खेती करें तो लागु किसी भी किस्म आपके खेत में सबसे अच्छी कपास की वैरायटी के रूप में काम करेगी |
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