[ तुलसी की खेती कैसे करें 2024 ] तुलसी की फसल कहां बेचे, कमाई, बीज का भाव | Basil / Tulsi Farming

Last Updated on January 27, 2024 by krishisahara

खेती में मेहनत के सहारे हर एक फसल से अच्छी आमदनी कमा सकते है, सबसे अच्छी मुनाफेदार फसलों में तुलसी औषधीय फसल भी अच्छी कमाई में वरदान साबित हो रही है | बाजार में तुलसी के बीज, तेल, लकड़ी, पत्ते, इत्र आदि की मांग काफी अधिक होती है| तुलसी के बीजों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि दवाओं, प्राकृतिक उपचार उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि |

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तुलसी की खेती कैसे करें

प्रगतिशील किसान तुलसी की खेती को व्यवसायिक रूप से करके कमाई एवं रोजगार अच्छा जरिया बना रहे है, आइये जानते है – तुलसी की खेती कैसे करें और कहां बेचे, तुलसी से कमाई से जुडी सम्पूर्ण जानकारी –

Contents

तुलसी खेती क्या है, तुलसी बीज की डिमांड ?

तुलसी (Tulsi) औषधीय फसल का विशेष प्रचलित पौधा होता है, जो भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में उगाई जाती है| तुलसी खेती के लिए उचित मौसम और जलवायु अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। तुलसी एक मनुष्यों एव जानवरों के स्वास्थ्य हेतु बहुत महत्वपूर्ण फसल है, जिसे धर्म, आयुर्वेदिक चिकित्सा और वैदिक संस्कृति में भारी उपयोग एव डिमांड में रहता है |

तुलसी के बीज का भाव ?

अधिकतर मामलों में, तुलसी के बीजों की मूल्य उनकी गुणवत्ता और प्रकार पर निर्भर करता है| बीजों की गुणवत्ता के साथ-साथ, वे ऑनलाइन या स्थानीय बीज विक्रेताओं से भी उपलब्ध होते है| बीज की कीमत वर्षावनों और पैकेजिंग आकार के अनुसार भी अलग-अलग हो सकती है |

तुलसी के बीज का भाव सामान्यतः 200 से 600 रु/किलोग्राम के भाव आसानी से मिल जाते है | बाजार में भाव कम-ज्यादा होना, उत्पादकता, मौसम, बाजार की मांग और विदेशी निर्यात, आपूर्ति के स्तर आदि शामिल होते है |

तुलसी की खेती से कमाई कितनी हो सकती है ?

उत्पादकता के अनुसार, तुलसी की खेती से लाभ बुवाई क्षेत्रों के अनुसार, लाख रुपये तक हो सकता है| यह विशेष रूप से खेती की स्थानीय बाजार मांग पर निर्भर होता है |

अगर आप एक छोटे स्तर पर खेती कर रहे है, तो इससे आप प्रति एकड़ से 3 से 5 लाख रुपये तक कमाई कर सकते है| अगर आप बड़े स्तर पर खेती करने जा रहे है, तो इससे अधिक रुपये तक कमाई कर सकते है |

तुलसी की खेती कैसे करें

तुलसी की खेती कैसे करें – सम्पूर्ण जानकारी ?

तुलसी की खेती करने के लिए निम्नलिखित जरुरी बातों को ध्यान में रखना होगा : –

  1. भूमि का चयन : तुलसी की खेती के लिए कार्बनयुक्त अच्छी उपजाऊ, काली लाल, दोमट मिट्टी के अनुकूल क्षेत्रों में फसल उपजाना उत्तम माना गया है |
  2. बीज की खरीद : एक उत्तम वैरायटी/गुणवत्ता वाले तुलसी के बीजों का चयन करें | बीज उत्पादक कंपनियों से या स्थानीय बीज विक्रेताओं से खरीद सकते है |
  3. खेत की तैयारी : खेत को अच्छी तरह से उगाई जाने वाली जड़ी बूटियों, घास आदि से साफ करें फिर खेत को हल्की जुताई करें | अंतिम जुताई में जैविक खाद मिट्टी में आवश्यकतानुसार डालना चाहिए |
  4. बीज बुवाई : बीज को आमतौर पर मार्च-अप्रैल के बीच बोना जाता है| बीजों को पौधे की फैलाव के हिसाब से दुरी पर छिडकाव विधि या हाथों से रोपाई कर सकते है |
  5. सिंचाई व्यवस्था : तुलसी के पौधों को नियमित रूप से पानी दें| हल्की मिटटी में हर एक दिन के अन्तराल में सिंचाई करें, काली एव जलभराव वाली मिट्टी में सप्ताह में एक बार सिंचाई करनी चाहिए |

तुलसी कितने प्रकार की होती है ?

तुलसी या ओसिमम बेसिलिका कई प्रकार में अपनी-अपनी गुणवत्ता और वैज्ञानिक नामों के कारण चर्चित है| कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित है :-

  1. श्याम तुलसी (Ocimum tenuiflorum or Krishna Tulsi) : इस प्रकार का तुलसी अंग्रेजी में Holy Basil के नाम से जाना जाता है| इसकी पत्तियां और फूल काले रंग के होते है और इसमें तागड़ा अरोमा होता है| व्यापारिक खेती में इस किस्म को भी अच्छे रकबे में बोया जाता है |
  2. राम तुलसी (Ocimum sanctum or Rama Tulsi): इस प्रकार की तुलसी को सामान्यतः सफेद तुलसी के नाम से जाना जाता है| इसकी पत्तियां लगभग विराट और सफेद होती है| पूजन सामग्री और औषधीय रूप में डिमांड में रहती है |
  3. वान तुलसी (Ocimum gratissimum or Wild Leaf Tulsi): यह तुलसी का प्रकार अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है | इसकी पत्तियां बड़ी होती हैं और उनमें गहरा हरा रंग होता है |
  4. अमेरिकन तुलसी (Ocimum americanum or Sweet basil) : यह तुलसी का प्रकार सबसे आम है और इसे स्वीट बेसिल भी कहा जाता है | इसकी पत्तियां छोटी होती है और उनमें एक मीठी अद्भुत खुशबू होती है |

तुलसी की खेती का समय, तुलसी कौन से महीने में बोई जाती है?

भारत में तुलसी की बुवाई सिंचाई स्थति में अप्रैल-मई, बरसात आधारित जून-जुलाई महीने में की जाती है | इन महीनों में मौसम अनुकूल होता है और जलवायु उपयुक्त होती है| तुलसी के बीज को धूप में सुखाकर खेत में बोया जाता है|

तुलसी की खेती के लिए समय देश और क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकता है, लेकिन आमतौर पर तुलसी को गर्मियों के महीनों में बोया जाता है |

तुलसी फसल में सिंचाई कब एवं कैसें करनी है ?

तुलसी फसल को सही मात्रा में पानी देना बहुत जरूरी होता है | निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए तुलसी फसल की सिंचाई करनी चाहिए : –

सिंचाई की आवश्यकता का निर्धारण करें – तुलसी फसल को जल की अधिक आवश्यकता होती है| फसल के विकास के लिए एक साप्ताहिक सिंचाई आवश्यक होती है, लेकिन अधिक या कम सिंचाई फसल में कमी ला सकती है| तुलसी को उन्नत विकास के लिए उचित तापमान, जल की मात्रा और उपजाऊता के साथ प्रदान करना आवश्यक होता है|

सही समय पर सिंचाई करें – तुलसी फसल को सही समय पर सिंचाई करना जरूरी होता है| इसके लिए सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का होता है| समय के साथ बदलते हुए मौसम के अनुसार सिंचाई के अंतराल में बदलाव करने की आवश्यकता होती है|

तुलसी के पौधे में कौन सी खाद डालें ?

तुलसी के पौधों के लिए कुछ खाद विकल्प होते है जो उन्हें अच्छी तरह से पोषण देते है –

वर्मीकम्पोस्ट – यह एक बेहतरीन उर्वरक होता है, जो तुलसी के पौधे को खुशबूदार और स्वस्थ बनाए रखता है| यह भूमि को उर्वरक के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है और मिट्टी में पोषण के लिए आवश्यक जैविक तत्वों को बढ़ाता है|

नीम खाद – नीम के बीजों से नीम खाद बनाई जा सकती है, जो तुलसी के पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाती है| नीम खाद भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है जो तुलसी के पौधों को स्वस्थ बनाए रखते हैं|

फोस्फोरस खाद – फोस्फोरस खाद भी तुलसी के पौधों को पोषण देने के लिए अच्छा विकल्प होता है| यह उपलब्ध फॉस्फोरस को बढ़ाता है, जो तुलसी के पौधों के लिए अत्यंत आवश्यक होता है|

तुलसी की खेती कैसे करें

तुलसी एक बीघा में कितनी होती है -उत्पादन ?

तुलसी की उत्पादन उपजाऊपन के आधार, देखरेख, मौसम, बीज किस्म के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है| इसलिए, यदि सही ढंग से तुलसी की खेती की जाए तो एक बीघा में 1500 से 2000 किलो तक तुलसी उत्पादन हो सकता है |

फिर भी, अन्य फसलों की तुलना में तुलसी की उत्पादन कम होती है| उतरी भारत के राज्यों में तुलसी की खेती से 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर की औसत पैदावार ली जाती है |

तुलसी की खेती में खरपतवार नाशक दवाई कौनसी डाले ?

तुलसी की खेती में खरपतवार नाशक दवाई का चयन खरपतवार के प्रकार और मात्रा के आधार पर किया जाना चाहिए | खरपतवार का प्रकार विभिन्न हो सकता है, जिसमें छोटे-बड़े कीट, फंगस संक्रमण, बीमारियां आदि शामिल होती है |

सबसे ज्यादा प्रयोग में ली जाने वाली खरपतवार नाशक दवाइयों में इमिडाक्लोप्रिड, थायमेथोक्साम, क्लोरपायरिफोस, डायमेथोएट, सल्फोरनित्राइल आदि शामिल है| फंगल संक्रमण के लिए मैनकोझेब, वेटेबल, कॅप्टन आदि फंगिसाइड उपयोगी हो सकते है|

ध्यान रखें कि किटनाशक दवाइयों का उपयोग बहुत सावधानीपूर्वक करना चाहिए और सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए|

प्रति एकड़ तुलसी की खेती लाभ ?

अनुमानित रूप से, प्रति एकड़ तुलसी की खेती से 3 से 5 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है | यह आमदनी तुलसी की उपज, उसकी गुणवत्ता, बाजार मूल्य, बीजों और उर्वरकों के लागत आदि पर निर्भर करती है|

यदि आप तुलसी की खेती करने के लिए नए है, तो सरकार द्वारा संचालित कृषि योजनाओं की जानकारी लेने और सलाह लेने के लिए कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए |

तुलसी की खेती कैसे करें

भारत में तुलसी की खेती कहाँ-कहाँ होती है ?

किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर सरकार के प्रयासों से आज के समय भारत में तुलसी की खेती लगभग राज्यों में की जाती है| तुलसी की व्यवसायिक खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मुख्यतः की जा रही है |

तुलसी की खेती मध्य प्रदेश – तुलसी की उत्पादन राज्यों में से एक है| यहां तुलसी की खेती साल के अनुसार और बारिश की आवश्यकताओं के अनुसार अधिकतर जगहों पर की जाती है| मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में तुलसी की उत्पादन काफी अधिक है, जैसे कि उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, होशंगाबाद आदि |

तुलसी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवाने वाली दवा कंपनियां या एजेंसियों के सम्पर्क ?

तुलसी की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवाने वाली दवा कंपनियों या एजेंसियों के सम्पर्क के लिए आप निम्नलिखित विकल्पों का उपयोग कर सकते है : –

  • कृषि विभाग के जिला कार्यालयों या राज्य कृषि विभाग के संबंधित विभागों से संपर्क कर सकते है |
  • अन्य कृषि संबंधित संगठनों जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विपणन संगठन, भारतीय फसल विज्ञान संस्थान आदि से संपर्क कर सकते है |
  • आप इंटरनेट के माध्यम से भी संबंधित दवा कंपनियों या एजेंसियों से संपर्क कर सकते है| उनके वेबसाइट या ईमेल पते पर संपर्क कर सकते है |
  • कृषि विभाग या अन्य कृषि संबंधित संगठनों के अधिकारियों से पूछें कि वे आपको किसी स्थानीय तुलसी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कंपनी या एजेंसी के संपर्क के बारे में सलाह दे सकते है |
तुलसी की खेती कैसे करें

काली तुलसी की मंडी कहां है?

किसान भाइयों काली तुलसी की मंडियों की बात करें –
दिल्ली कृषि उपज मंडी
उत्तर प्रदेश मंडी एवं फल मंडी परिषद्
राजस्थान राज्य कृषि मंडी बोर्ड
मध्य प्रदेश राज्य कृषि उपज मंडी मंडल लिमिटेड
गुजरात कृषि उपज मंडी

यदि आप किसी विशेष स्थान पर काली तुलसी की मंडी के बारे में जानना चाहते है, तो आप स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है|

एक एकड़ में कितने तुलसी के पौधे होते है?

एक एकड़ में तुलसी के पौधों की संख्या उन पौधों की सघनता, पौधे से पौधे की पर निर्भर करती है | तुलसी की उचित खेती के लिए उन्नत तकनीकों के साथ एक एकड़ में 40,000 से 60,000 तुलसी के पौधे उगाए जा सकते है |

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