[ लाल मूली की खेती कैसें करें 2024 ] जानिए किसानों को लाल मूली के फायदे | Red Radish Cultivation

Last Updated on January 28, 2024 by krishisahara

बाजार और किसानों के बीच लाल मूली की वैरायटी काफी भा रही है | Red Radish की डिमांड एवं अच्छे भाव किसानों के लिए फायदें का सौदा बन रही है | यह एक विशेष प्रकार की तकनीक से विकसित बीज की वैरायटी है, जिसमें कई लाभकारी गुण पाए जाते है | लाल मूली की खेती करना बहुत ही आसान है, तो आइये जानते है – लाल मूली की खेती कैसें करें, Red Radish Farming को लेकर सम्पूर्ण जानकारी –

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लाल मूली की किस्म क्या है ?

लाल मूली एक प्रकार की विशेष विशेषता वाली मूली (Radish) होती है | लाल मूली, सफ़ेद की तुलना में अधिक तीखी और तेज़ आइसोथियोसाइनेट के कारण होती है | पोषण की भी इसमें अच्छी मात्रा पाई जाती है | इस मूली का लाल रंग एंथोसाइनिन होने के कार होता है, यह रसायन सफेद किस्मों की तुलना में अधिक पौष्टिक बनाता है |

लाल मूली की खेती से कमाई ?

इसकी डिमांड बड़े शहरों में सामान्य सफेद मूली की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक कीमत पर बिकती है | लाल मूली की खेती से जागरूक किसान कई अधिक कमाई कर रहे है, जो बाजार की मांग पर निर्भर है |

लाल मूली की खेती कैसें करें ?

इसकी खेती भी सामान्य मूली की किस्मों के जैसी ही होती है | फसल को मुनाफेदार बनाने के लिए समय पर बुआई, बीज चयन, मिट्टी की तैयारी, उत्तम खाद, सिंचाई, पानी की व्यवस्था, देखरेख और कटाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | आइये जानते है विस्तृत जानकारी –

लाल मूली हेतु खेत तैयारी ?

सर्वप्रथम हल/ कल्टीवेटर की मदद से 2 गहरी जुताई करा लेनी चाहिए | कल्टीवेटर जुताई के बाद जैविक एवं रसायनिक खादों की पूर्ति करके, रोटावेटर की सहायता से खेत को समतल करा लेना चाहिए | खेत से पुरानी फसल अवशेष को निकाल देना चाहिए | क्यारी विधि या मेड विधि से खेत को तैयार कर लेना चाहिए |

उपयुक्त जलवायु एवं मिट्टी ?

जिन भूमियों का pH मान 5.5 से 6.8 के बीच एवं ठण्डी जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी सफल उपज ली जा सकती है | अधिक पैदावार के लिए बलुई, भुरभुरी, रेतीली दोमट मिट्टी के लिए अच्छी और उत्तम मानी गई है |

लाल मूली में कौन सी खाद-दवा डालें ?

लाल मूली की खेती में खाद और दवाओं का उपयोग करने के लिए आपको अपने खेत की भूमि की उपजाऊपन क्षमता एवं मोजूद पोषक तत्वों की मात्रा पर निर्भर करता है | इस फसल को जैविक और रासायनिक खादों के आधार पर ही तेज ग्रोथ एवं पैदावार क्षमता को सुधार सकता है और पैदावार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है |

  • कम्पोस्ट और खाद, मिनरल खाद – जैसे कि यूरिया, सुपरफोस्फेट, और पोटैशियम सल्फेट, फसल की पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए |
  • ऑर्गेनिक खाद – गोबर, खाद, और कम्पोस्ट का उपयोग करके खेत की खाद की पूर्ति कर सकते है |
  • मिक्रोन्यूट्रिएंट्स – जैसे कि बोरॉन, मैग्नीशियम, और जिंक |
  • फसल बचाव हेतु जीवाणुनाशक (फंगिसाइड) का प्रयोग कर सकते है |

लाल मुली की सिंचाई ?

इस फसल में सिंचाई की आवश्यकता अधिक होती है, जिससे उत्पादन घट-बढ़ सकता है | कम सिंचाई से मूली की पोष्टिकता, स्वाद में कमी आती है |

  • सिंचाई का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का होता है, धुप में फसल को पानी देने से बचे |
  • सिंचाई जल की मात्रा भूमि की प्रकृति, मौसम, और पौधों की आयु के आधार पर निर्धारित करें |
  • सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति के लिए बेड विधि में बूंद सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई, या डिप इर्रिगेशन जैसे तरीके का उपयोग कर सकते है |

क्या लाल मूली की खेती बना सकती है, मालामाल – फायदें ?

जागरूक एवं प्रगतिशील किसानों के लिए लाल मूली की खेती एक अच्छा कृषि व्यवसाय बना सकती है | अगर आप इसे ध्यान से उपज पैदावार और सचेती मार्केटिंग करें तो अच्छी नगद कमाई देती है | सामान्य मूली के भावों की तुलना इसके दो-तीन गुना भाव मिलते है |

लाल मूली के बीज की कीमत?

लाल मूली के बीज की कीमत भिन्न-भिन्न वजन, पेकिंग, ब्रांड आदि पर निर्भर कर सकती है | आमतौर पर 500 रूपये पेकिंग में 1500 से 2000 लाल मूली बीज मिल सकते है | लाल मूली के बीज की कीमत – https://www.amazon.in/
अधिक जानकारी के लिए – आपके स्थानीय बीज विक्रेता, कृषि उपज मंडी, या कृषि संघ के माध्यम से बीज की कीमत की जानकारी प्राप्त कर सकते है |

लाल मूली कौन से महीने में लगाई जाती है?

इस वैरायटी की मूली को दो मुख्य ऋतुओं में लगाया जा सकता है –
शीतकालीन (Winter) लाल मूली की खेती -शीतकालीन मूली की खेती उस स्थानों में की जाती है, जो मानसूनी जलवायु में ठंडी में आते है, जैसे कि भारत के उत्तर और उत्तर-पश्चिम भाग | इसके लिए लाल मूली की बुवाई अक्टूबर से फरवरी के माह में की जाती है |
गर्मी के मौसम में (Summer) लाल मूली की खेती – कुछ स्थानों में, लाल मूली की खेती गर्मी के मौसम में भी की जा सकती है, जब मानसूनी जलवायु होती है | इसके लिए बुवाई फरवरी से अप्रैल के माह में की जाती है, और फसल की उपज मई तक चलती है |

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