खरबूजे की खेती | kharbuja ki kheti | खरबूजे की बुआई की विधि। खरबूजे की खेती कैसे होती है | खरबूज के बीज कैसे लगाएं | खरबूजा कौन से महीने में लगाया जाता है | kharbuja ki kheti kaise ki jaati hai | kharbuja ki kheti in hindi
अच्छी विधि और तकनीक से खरबूजे की खेती करके किसान सब्जियों से भी अच्छी कमाई कर सकता है | गर्मी के शुरूआती दिनों और मध्य दिनों में बाजार में खरबूजे की अच्छी मांग के साथ भाव भी अच्छे मिल जाते है, इसलिए कई प्रगतिशील किसान इसकी समय पर खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है | आज हम बात करेंगे खरबूजे की खेती करने का सही तरीका क्या है, सही समय क्या है, साथ प्रमुख सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है –

खेत की तैयारी कैसे करनी चाहिए ?
अच्छी जल निकास वाली और जीवांश युक्त बलुई मिट्टी या दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वोत्तम मानी जाती है, जिसको हेरो / रोतावेतर / कल्तिवेतर की सहायता से 3-4 बार जुताई कराकर समतल बना लेनी चाहिए |
खरबूजे की बुआई की विधि ?
बेड से बेड की दुरी | 6 फिट या 1.5-2.0 मीटर |
बीज से बीज की दुरी | 1 से 1.5 फिट |
बीज की गहराई | 1.5-2.0 से.मी. |
मिल्चिंग पेपर | 25 माइक्रोंन |
शुरुआत में खाद | गोबर की खाद बीज से 3-5 सेमी निचे |
तरबूज के बीज कैसे लगाएं –
लगभग एक हैक्टेयर क्षेत्रफल के लिए 3-4 किलोग्राम बीज की आ आवश्यकता पड़ती है |
खरबूजे की खेती का समय –
मैदानी क्षेत्रों में खरबूजे की बुआई | नदियों के कछार क्षेत्र | पहाड़ी क्षेत्रों में | दक्षिण एवं मध्यम भारत |
1 – 20 फरवरी के बीच | नवम्बर में लेकर जनवरी के अंतिम सप्ताह तक | अप्रैल से मई | अक्टूबर- नवंबर |
kharbuja ki kheti में जलवायु –
आज के समय ज्यादातर ऐसी खेती पोलीहाउस में करते है लेकिन ओपन खेती में भी इसकी सफल खेती की जा सकती है | गर्म एवं शुष्क जलवायु सर्वोत्तम, बीज के जमाव व पौधों के बढ़वार के लिए 22-26 डिग्री तापक्रम अच्छा होता है |
खरबूजे की खेती सिंचाई कैसे करें –
खरबूजे की फसल में सिंचाई की आश्यकता अधिक पड़ती है | सामान्यतः ग्रीष्म काल में उगाई जा रही फसल में 3 से 5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते है | नदियों के कछार में बोई गई फसल को केवल 1-2 सिंचाई की आश्यकता पड़ती है | खुले में खेती करने पर सिंचाई नालियों में कर सकते है, मिल्चिंग विधि से तैयार खेती में हर एक दिन के अन्तराल में 1 घंटे पानी देना चाहिए |

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खरबूजे की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है –
खरबूजे की किस्में |
काशी मधु मधुलिका – Nunhems सागर कस्तुरी बीज सागर – 60 अर्का अजीत गोल्डन ग्लोरी – ग्रीन फिल्ड ब्रांड हरा मधू सेमिनिस ब्रांड – केसर खरबूजा बीज पंजाबी सुनहरी नोन ब्रांड – बॉबी बीज अंकुर कुंदन – Nunhems ब्रांड का -मधुराजा बीज |
काशी मधु खरबूजा बीज –
इसके फल धारीदार पकने पर हल्के पीले रंग के होते है | फल मिठास लगभग 13% एवं गुदे का रंग गहरा नारंगी होता है | फल का औसत वज़न 800 ग्राम, इसकी औसत उपज 200-250 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है |
आर्का अजीत किस्म –
इसका फल छोटा (350 ग्राम), चपटा, गोलाकार होता है, बाजार में मांग भी अच्छी रहती है | तुड़ाई के समय फल का रंग सुनहरा नारंगी होता है | इसकी उपज लगभग 140-150 कु./है. होती है |
हरा मधु खरबूजा सीड –
फल का औसत भार 1 किलोग्राम तथा फलों पर हरे रंग की धरिया पाई जाती है | खाने में स्वादिष्ट और गुदा भरवा होता है | इसके फल 100-110 दिन में पककर तैयार हो जाता है | इसकी औसत उपज 150 कुंटल प्रति हैक्टेयर होती है I

पंजाबी सुनहरी –
खरबूज की इस किस्म की लता मध्यम लंबाई, फल गोलाकार एवं पकने पर हल्के पीले रंग का, गूदा नारंगी रंग का तथा रसदार होता है | इसके फलों का लगभग भार 1 किलोग्राम तक होता है | पंजाबी सुनहरी किस्म की औसत उपज 175-200 कुंटल प्रति हैक्टेयर होती है |
खरबूजे के बीज का भाव ?
किसान ज्यादातर खेती में 5 से 10 किलोग्राम बीज तक ही बुवाई करते है जो 2-3 हेक्टेयर के लये काफी होता है | अच्छी क्वालिटी का बीज 1 किलोग्राम में 150 से 600 रु / किलोग्राम के भावो में मिल जाता है | थोक भावो की बात करें तो 10,000 से 25000 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भावो में बिकता है | – खरबूजा बीज ऑनलाइन भाव
खरबूज का प्रति हेक्टेयर उत्पादन ?
अच्छी प्रकार की किस्मो और देखभाल से की गई खेती प्रति हेक्टेयर 200 से लेकर 300 / क्विटल तक का उत्पादन दे सकती है |
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