[ पूसा सरसों बीज वैराइटिया 2023 ] जानिए पूसा सरसों 0025, 0028, 0030, 0031, pusa mustard 0033 – Top high yielding varieties of pusa mustard

Last Updated on December 25, 2022 by krishi sahara

सरसों की खेती करने वाले किसानों मे सीजन के समय उन्नत बीज की तलाश रहती है, कई किसान अपने क्षेत्र और उत्पादन को देखते हुए पूसा ब्रांड को चुनते है पूसा ब्रांड मे सरसों की कई वैराइटिया आती है, जो अपने उत्पादन, क्वालिटी के रूप मे जानी जाती है| ये सभी किस्में अनेक प्रकार के रोगप्रतिरोधक क्षमता की होती है |

पूसा-सरसों-बीज

इस आर्टिकल में आपको जानकारी मिलेगी जैसे की – पूसा सरसों बीज वैराइटिया 2022 | जानिए पूसा सरसों 0025, 0028,0030, 0031 | pusa mustard 0033 |

पूसा सरसों बीज वैराइटियां ?

भारतीय बाजारों में पूसा सारसो बीज की वैराइटियां कई किस्मों में उपलब्ध है जैसे की – पूसा सारसो 0025, पूसा सारसो 0028, पूसा सारसो 0030, पूसा सारसो 0031 और पूसा मस्टर्ड 0033 यह सभी पूसा संस्थान से मानक और प्रमाणित बीज किस्में है |

सरसों की नई किस्म पूसा 0025 ?

पूसा सरसों 0025 एक नई किस्म की सरसो है, यह सरसो की ऐसी प्रजाति है, जो लगभग 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है यानी इसकी फसल 3 माह में ही पक जाती है| इस पूसा सरसों 0025 की उपज के तेल को खाने में प्रयोग किया जाए तो इसका टेस्ट अन्य सरसों के तेल से काफी अच्छा होता है |

पूसा सरसों 0025 की वैराइटी से 14 से 18 कुंटल/हैक्टेयर की इसकी पैदावार होती है, यदि आपने इसकी सिंचाई पर अच्छा ध्यान दिया है, तो इसकी पैदावार भी बढ़ सकती है |

पूसा सरसों 28 ?

पूसा सरसो 28 यह प्रजाति पूसा सरसों की नवीनतम किस्म की प्रजाति है इस प्रजाति की सरसो को पकने में 105 से 110 दिन लगते है| पूसा सरसो 28 मे आपको 2 से 3 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है सामान्य परिस्थति मे इस किस्म से 18 कुंटल से 20 कुंटल/हैक्टेयर तक पैदावार ले सकते है |

पूसा सरसों 30 उन्नत किस्म ?

पूसा सरसों 30, सरसों की यह किस्म ज्यादातर हरियाणा, पश्चिम बंगाल और पंजाब में सर्वाधिक होती है| इस सरसो की फसल को पकने में कम से 130 से 135 दिनों तक का समय लगता है इसकी बुआई अक्टूबर माह में ही कर देनी चाहिए, क्योंकि यह समय पूसा सरसों 30 का बुआई के लिए उत्तम माना गया है |

यदि इसके तेल को खाने में प्रयोग करे तो इसका टेस्ट अच्छा और स्वादिष्ट तेल भी रहता है सरसो के बीज में लगभग 39% तेल होता है यही कारण है की किसान इसके पौधे पर मोयले किट का छिटकांव इस फसल पर नही करते है |

पूसा डबल जीरो सरसों 31 ?

पूसा डबल जीरो सरसों 31 की खेती सर्वाधिक – पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यो में इसकी खेती सर्वाधिक होती है |

इस फसल को तैयार होने में 135 से 145 दिन लगते है, इसमें तेल की मात्रा 41% होती है यदि हम इसकी पैदावार की बात करें तो 22 कुंटल से 26 कुंटल/हैक्टेयर उत्पादन दे सकता है |

  • सरसो की यह किस्म अपने स्वाद के लिए जानी जाती है |
  • मानव सेहत के लिए भी बहुत अच्छी तेल वाली बीज किस्म मानी जाती है |
  • इस किस्म से किसान प्रति वर्ष अच्छा उत्पादन भी प्राप्त कर सकते है |

पूसा डबल जीरो मस्टर्ड-33 ?

पूसा मस्टर्ड-33 की औसत पैदावार 26 कुंटल/हैक्टेयर है, परंतु भारत में इसकी पैदावार 15 से 17 कुंटल/हैक्टेयर है इसके दाने आकार में अन्य सरसो के बीज से थोड़े बड़े होते है इस सरसो में से 38% तक तेल निकलता है इसकी फसल 140 दिनों के अंदर पक जाती है |

पूसा संस्थान द्वारा विकसित सरसों की विशेषताए ?

भारत मे कृषि क्षेत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित पूसा बीज संस्थान अपनी उन्नत तकनीकी और कृषि विकाश के लिए जानी जाती है| पिछले कई सालों से सरसों की एक से बढ़कर एक उन्नत बीज वैराइटिया विकशीत करके किसान आय बढ़ाने मे सहायक बन रही है |

सरसों की फसल कितने दिन में तैयार होती है ?

अधिकतर सरसों 105 दिनों से 120 दिनों में ही तैयार हो जाती है, यदि आपने कटाई के कुछ दिन पहले ही इसकी सिंचाई करी है, तो आपको थोड़े दिन और लग सकते है|

1 एकड़ में सरसों कितनी होती है?

औसत बीज उत्पादन की बात करें तो एक एकड़ में 10 से 12 कुंटल सरसो पैदावार ले सकते है इसकी पैदावार आपके क्षेत्र के जलवायु और मिट्टी, सिंचाई, फसल देखभाल पर भी निर्भर करता है|

सरसों की बुवाई का सही समय कौन सा है?

सरसो की बुआई करने का सही समय 5 अक्टूबर से नवंबर तक का है आप अपने सुविधा अनुसार आप कुछ दिन बाद भी बुआई शुरू कर सकते है |

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प्रिय, किसान भाइयों यह लेख पूसा सरसों बीज की वैराइटियों के बारे मे था, आपको जानकारी अच्छी लगी है तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें यदि आप कृषि से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में रुचि रखते है तो आपको हमारी वेबसाइट कृषि सहारा पर बने रहे, शेयर करते रहे- धन्यवाद |

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