[ हरी खाद क्या है 2024 ] जानिए हरी खाद के लिए सर्वोत्तम फसल, विधि, फायदे और उपयोग | Green Manures Farming

Last Updated on February 28, 2024 by krishisahara

हरी खाद क्या है – हरी खाद भूमि की उत्पादक क्षमता को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए उपयोग की जाने वाली कार्बनिक खादों में हरी खाद का एक अपना विशेष स्थान है | इस खाद का उपयोग करने से जमीन में नमी बनी रहती है, फसलों की उपज में अच्छी वृद्धि होती है | इसके प्रयोग के किसान अपनी आमदनी में आसानी से बढ़ोतरी कर सकता है, और अधिक मुनाफा कमा सकता है |

हरी-खाद-क्या-है

इस सुंदर लेख के माध्यम से आज हम आपको हरी खाद के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है, जैसे की – हरी खाद के प्रकार? हरी खाद के लाभ? हरी खाद कैसे तैयार की जाती है? हरी खाद के उपयोग? इत्यादि विषयों पर आज हम विस्तार से चर्चा करने वाले है-

हरी खाद क्या है ?

गोबर खाद की तरह ही हरी खाद भी एक जैविक खाद है, जो की एक हरी चारा रूप में खेत में उगाकर मध्यम अवस्था में रोटावेटर और पलाऊ से मिट्टी में मिला दी जाती है | हरी खाद खेत में उगाई जानी वाली विशेष फसल को कहते है इस फसल को इसके हरी स्थति में ही हल चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है| खेत की मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए हरी खाद एक सस्ता विकल्प है |

हरी खाद कितने प्रकार की होती है?

हरी खाद वाली फसलों में दलहनी या अदलहनी दोनों प्रकार की फसलें सम्मिलित होती है | हरी खाद के लिए दलहनी फसलों में सनई, लोबिया, मूंग, अरहर, चना, मसूर, मटर, मोठ, ग्वार और कुल्थी आदि इसकी प्रमुख फसलें है |

हरी खाद कैसे बनती है/हरी खाद कैसे तैयार की जाती है ?

  • अच्छी उपज के अच्छी हरी खाद वाली फसल का चयन करकें, बुवाई करें |
  • रबी की फसल की कटाई के बाद आपको खेत की अच्छे से सिंचाई कर लेनी है |
  • इसके बाद आपको 50 किलोग्राम प्रति हेक्टर हरी खाद वाली फसल की बीज छिड़काव कर देना है, या फिर ढैंचा का 50 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टर छिड़काव देना है |
  • 15 दिन के बाद अगर पानी कम लगे तो एक बार फिर सिंचाई आवश्य कर दे |
  • 20 दिनों के बाद आपको 25 किलोग्राम प्रति हेक्टर यूरिया को खेत में डाल देना है |
  • 2 महीने के बाद आपको इसमें अच्छे तरह से हल चला कर खेत मिला दीजिए |
  • इस प्रकार आप हरी खाद बना सकते है |

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हरी खाद के लाभ ?

  1. इस खाद के उपयोग करने से खेत मृदा में जीवांश पदार्थ की वृद्धि होती है |
  2. इसका उपयोग करने से खेत की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है |
  3. हरी खाद से खेत में नमी रहती है, जिससे अगली फसलों के पौधे की वृद्धि भी जल्दी होती है |
  4. रेतीली मिट्टी में हरी खाद की फसल लगाने से आयरन की कमी नही आती है |

हरी खाद के उपयोग ?

हरी खाद का उपयोग आप कई प्रकार की फसलों में कर सकते है, जैसें गेहूं, बाजरा, धान, मक्का, सरसों, मूंगफली, तिल, कपास, दलहन, जौ, सोयाबीन आदि फसलों के अच्छे विकास और खेत की मिट्टी में जीवाश्म वृद्धि के लिए अमृत मानी जाती है |

सनई की हरी खाद

हरी खाद का उपयोग आप सनई की खेती में कर सकते है | इसकी बुआई मई से जुलाई तक की जाती है | इस फसल में 20 टन हरा प्रदार्थ, 100 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर मृदा को प्राप्त होती है |

ग्वार की हरी खाद

यह फसल खरीफ में बोई जाने वाली दलहनी फसल है, कम वर्षा वाले क्षेत्र और बलुई भूमि में भी यह सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है |

लोबियो की हरी खाद

लोबियो की खेती में भी हरी खाद का उपयोग किया जा सकता है | यह एक दलहनी फसल को सिंचित क्षेत्रों में अधिकांश रूप से हरी खाद के रूप में उगाया जा सकता है |

हरी खाद और जैविक खाद में अंतर ?

हरी खादजैविक खाद
यह खाद हमें पौधे/फसल के माध्यम से प्राप्त होती है|इस खाद को ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है|
इस खाद को तैयार होने में 40 से 60 दिन का समय लगता है|यह खाद कम समय में तैयार हो जाता है (1 सप्ताह में)
इस खाद के लिए बीज की बुआई करनी पड़ती है|जैविक खाद को बनाने के लिए सड़े गोबर और आदि चीजों की आवश्यकता होती है|

हरी खाद बीज कहाँ मिलेगा ?

हरी खाद वाली फसलों का बीज आपको आसानी से कृषि स्टोर या बाजार में मिल जाएंगे | यदि आपको कृषि स्टोर पर नही मिलते है तो आप इस खाद के बीज को ऑनलाइन माध्यम से भी मंगवा सकते है |

हरी खाद फसल कौन-कौनसी है ?

हरी खाद के लिए सर्वोत्तम फसल सनई, लोबिया, उड़द, मूंग, ग्वार, ढैंचा आदि फसल प्रमुख है | अधिक वर्षा वाले स्थान में जहाँ जल पर्याप्त है, वहा सनई का उपयोग करे और सूखे क्षेत्र में ढैंचा को उपयोग करें |

हरी खाद की हानियां ?

हरी खाद से होनी वाली हानियाँ अभी तक कोई किसानों को नही आई है, परंतु इसमें थोड़ी बहुत कठिनाइयाँ आती है जैसे की बाजारों में अच्छे बीज न मिलना, देश में हरी खाद के लिए प्रदर्शन फार्मों की कमी है |

हरी खाद वाली फसलों के नाम?

हरी खाद वाली फसल निम्न है – जैसे की सनई, लोबिया, मूंग, ढेचा, अरहर, चना, मसूर, मटर, मोठ, ग्वार और कुल्थी इत्यादि इसकी प्रमुख फसले है |

हरी खाद देने से फसलों को क्या-क्या लाभ होते हैं?

हरी खाद से खेत और फसल को बिना किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए, पौधे का जल्दी विकास करना, उपज/पैदावार में वृद्धि होना आदि इसके लाभ है |

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