[ नीम का पेड़ की जानकारी 2024 ] जानिए नीम के पेड़ की विशेषता, उम्र, लाभ, उपयोग, महत्व, नीम का पेड़ कैसे लगाये | Neem Tree In Hindi

Last Updated on January 4, 2024 by krishisahara

नीम के पेड़ का आयुर्वेदिक, धार्मिक और वैज्ञानिक तीनों ही नजरिये से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है | पुराने समय में नीम का पेड़ भारत में प्रत्येक घरों में पाया जाता था, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पुराने या नए नीम के पेड़ देखे जा सकते है | नीम का प्रत्येक हिस्सा औषधीय के रूप में उपयोग लिया जाता है, नीम का पेड़ कई प्रकार के चर्म रोग, आस-पास की हवा शुद्ध, दांत साफ, खून साफ हेतु जूस, आदि के रूप में काम में लिया जाता है | नीम का पेड़ की जानकारी-

नीम-का-पेड़-की-जानकारी

नीम का वैज्ञानिक नाम – “Azradirachta Indica” है, यह मिलिएसी ( Meliaceae ) पेड़ों के परिवार से संबंध रखता है |

नीम का पेड़ की जानकारी ?

नीम एक पेड़ / वृक्ष का नाम है, नीम अपने कड़वे स्वाद के लिए भी जाना जाता है| नीम के पेड़ की पत्तियां, फल और छाल आदि का स्वाद कड़वा होता है, परंतु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है| इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ पाए जाते है, जिनमें मार्गोंसी, निम्बेस्टेरोल और निम्बिदीन प्रमुख है|

नीम के पेड़ से आस-पास की वायु शुद्ध होती है, नीम के पेड़ की ऊंचाई लग-भग 50 से 130 फिट तक की होती है| नीम का पेड़ लंबे समय तक टिके रहने वाला पेड़ होता है तथा नीम के पेड़ की जीवनकाल लगभग 150 से 200 वर्ष तक माना जाता है|

नीम का कुल नाम ?

नीम का कुल नाम महोगनी परिवार है, यह मिलिएसी परिवार से संबंध रखता है|

नीम का पेड़ कैसा होता है?

नीम भारतीय मूल का एक पूर्ण पतझड़ पेड़ है, इसकी शाखाएं / डालियां काफी फैली हुई होती है | नीम का तना सीधा और छोटा होता है और व्यास 1.2 मीटर तक का होता है| नीम की छाल कठोर और सरारयुक्त होती है और इसकी पत्तियां लगभग 4 इंच से 12 इंच लंबी होती है| नीम के फूल सफेद और सुगंधित होते है, इसका फल चिकना तथा अंडाकार होता है|

Neem-Tree-In-Hindi

नीम के पेड़ की विशेषताएं ?

  • नीम एक प्रकार का औषधीय पेड़ों की श्रेणी का पतझड़ वृक्ष है|
  • नीम की पत्तियां के रस सेवन से मनुष्य शरीर का रक्त को साफ तथा शुद्ध भी किया जाता है|
  • नीम के पेड़ से नीम का तेल का भी उत्पादन किया जाता है|
  • नीम का पेड़ हिन्दू संस्कृति में पूजनीय योग्य माना गया है, इसलिए हर घर के आगन में इसे लगाया जाता था |
  • नीम की पत्तियां और छाल स्वाद में काफी कड़वी होती है, इसका उपयोग कई प्रकार के चर्म रोग को ठीक करने में किया जाता है|

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नीम का क्या उपयोग है /क्या महत्व है?

  • नीम एंटीफंगल और एंटीडायबेट गुणों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर में होने वाली समस्याओं को रोकता है |
  • नीम के पेड़ छोटी शाखाओं का उपयोग दांतो की सफाई के लिए किया जाता है |
  • त्वचा में होने वाली कई समस्या को दूर करने के लिए नीम के तेल का उपयोग किया जाता है |
  • नीम तेल का उपयोग बाल की समस्या के लिए भी किया जाता है |
  • कृषि क्षेत्र में इसकी पतियों का घोल कीटनाशक, खेत में खाद, अनाज में कीटों से बचाने आदि के रूप में किया जाता है |
  • आज के समय में भी नीम की पत्तियां, छाल और फल सभी का अधिक महत्व है |
  • किसान भाइयों को भी अपने खेतों के क्षेत्रफल के अनुसार फसलों को रोंग-कीटों से मुक्त रखने हेतू खेतों में नीम के पेड़ों को लगाना चाहिए

नीम का पेड़ लगाने का तरीका ?

  • नीम का पेड़ लगाने के पहले आपको नीम के पौधे को नर्सरी में तैयार कर लेना है, क्योंकि नर्सरी में पौधा जल्दी ग्रोथ करता है और पौधा एकदम स्वस्थ होता है|
  • जब पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको नीम का पेड़ खेत में या फिर अन्य जगह लगा देना है|
  • पौधा लगाने से पहले अपको मिट्टी की अच्छी तरह से जांच करवा लेना है|
  • मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7 के मध्य होना चाहिए|
  • नीम का पौधा लगाने के पहले आपको भूमि तैयार कर लेना है|
  • सर्वप्रथम आपको मिट्टी में सड़े गोबर का छिड़काव कर देना है|
  • इसके पहले आपको भूमि की ठीक तरीके से जुताई कर लेनी है|
  • अंत में आपको जब भूमि तैयार हो जाए तब नीम का पौधा लगा देना है|
नीम-का-पेड़-लगाने-का-तरीका

नीम का पेड़ कैसे लगाये ?

व्यवसायिक नीम की खेती में, पेड़ लगाने के समय आपको नीम के पेड़ पास-पास नही लगाना है| नीम के पेड़ की दूरी कम से कम 25 से 30 फिट की होनी चाहिए| नर्सरी में बीज 7 से 8 दिनों में नीम का अंकुरण होना शुरू हो जाता है और यह लगभग 21 दिनों तक चलता है|

नीम का पेड़ सूखने का कारण ?

मिट्टी में गड़बड़ी तथा वातावरण में परिवर्तन, अधिक पानी का भरना भी नीम के पेड़ का सूखने का कारण हो सकता है| नीम के पेड़ का सूखने का कारण बेक्टेरियल इफेक्ट भी हो सकता है| नीम के छोटे पौधे में कई बार हम गर्मी के समय पानी देना भूल जाते है, जिसके कारण भी कई बार नीम का पेड़ सुख जाता है|

नीम के पेड़ में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

नीम के पेड़ में Vitamin A, लिनोलिक, ओलिक एसिड तथा Vitamin A पाया जाता है |

हिन्दू संस्कृति में नीम के पेड़ का महत्व ?

प्राचीन भारतीय ग्रंथो और चिकित्सा शास्त्रों से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक खोज ने भी नीम के अधभुद औषधीय गुणों को साबित किया है | नीम के वृक्ष को नारायण भगवान के रूप में पूजा भी जाता है | लकड़ी की मूर्ति बनाने में नीम के पेड़ की लकड़ी का चयन किया जाता है, क्योंकि इसकी लकड़ी काफी मजबूत होती है| इसमें दीमक भी नही लगते है, यह शुद्ध और पवित्र भी मानी जाती है|

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नीम के पेड़ से हमें टॉप 10 लाभ ?

  • नीम का लेप सभी प्रकार के चर्म रोगों को नष्ट करता है |
  • नियमित रूप से नीम की दातुन करने से दांत और मसूड़े दोनों ही मजबूत होते है|
  • नीम की औषधियों से मधुमेह से लेकर एड्स, कैंसर और आदि बीमारियों का इलाज कर सकते है|
  • छाल को जलाकर उसकी राख में तुलसी के पत्ते का रस मिलाकर लगाने से दाग और अन्य चर्म रोग की समस्या खत्म होती है|
  • नीम के फूल और फल खाने से पेट संबंधित रोग नही होते है|
  • नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार दूर हो जाता है|
  • 25 ग्राम नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर रखें, यह तेल फोड़ा, फंसी और घाव आदि में उपयोग होता है|
  • बिच्छू के काटने पर नीम के पत्ते मसल कर काटे गए स्थान पर लगाने से जलन नही होती है और जहर भी कम हो जाता है तथा जहर कम फैलता है|
  • गर्मी के समय लू लग जाने पर नीम के बारीक पंचांग चूर्ण को पीने में मिलाकर पीने से लू का प्रभाव कम हो जाता है|
  • नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर की समस्या खत्म हो जाती है|

हरे-भरे नीम का पेड़ सुखाने की दवा ?

नीम का पेड़ सुखाने के लिए आपको जड़ के आस-पास खोद कर यूरिया या फिर नमक, साबुन पानी, केमिकल दवा आदि डालने से पेड़ सुख जाता है|

नीम के पेड़ की उम्र क्या होती है?

नीम के पेड़ की उम्र लगभग 150 वर्ष तक होती है, जलवायु के अनुसार इसकी उम्र कम ज्यादा भी हो सकती है |

नीम के पेड़ में कौन से देवता का वास होता है/किसका प्रतीक है?

नीम के पेड़ में माँ दुर्गा और नारायण का वास माना जाता है, यह अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रतीक है|

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