Last Updated on November 13, 2023 by krishisahara
रबी सीजन के शुरू होते ही हर गेहूं बुवाई वाले किसान अच्छे बीजों की तलाश में जुट जाते है, इसलिए आज हम बात करेगें, किसान की इसी समझ को लेकर – गेहूं की उन्नत किस्म 2967 | हर किसान गेहूं का बीज 2967 की डिमांड कर रहा है| इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और पैदावार भी काफी अच्छी होती है|
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपसे कई विषयों पर चर्चा करने वाले है जैसे की गेहूं की उन्नत किस्म 2967 क्या है? गेहूं की उन्नत किस्म 2967 की विशेषता? गेहूं की उन्नत किस्म 2967 का भाव? गेहूँ – एचडी 2967 बीज से पीला रतुआ रोग? आदि पर हम विस्तार से चर्चा करने वाले है-
गेहूं का बीज 2967 ?
यह किस्म एक अगेती किस्म है, इस किस्म में रोग लगने की संभावना बहुत ही कम होती है | इस किस्म के गेहूं की उपज भी काफी अच्छी मिलती है | यही कारण है की भारतीय किसान इस किस्म की बुआई करना अधिक पसंद करते है |
भारतीय कृषि विभाग भी इस किस्म के गेहूं की सिफारिश कर रहा है, क्योंकि इसमें पीला रतुआ कम आता है | किसानों को इस किस्म के गेहूं की बिजाई पर भी जोर दिया जा रहा है और इस किस्म के गेहूं की जानकारी किसानों को दी जा रही है|
गेहूं की उन्नत किस्म 2967 की विशेषता ?
- यह किस्म वृहत क्षेत्रों में अच्छी उपज देती है, इस किस्म की तैयार होने में लगभग 140 से 150 दिनों तक का समय लगता है |
- गेहूं की उन्नत किस्म 2967 की बुवाई से औसत उपज 50.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और उपज क्षमता 66.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है |
- गेहूं की उन्नत किस्म 2967 की प्रमुख विशेषता है, की इस किस्म में रोग बहुत ही कम लगता है और इसकी पैदावार भी बाकी किस्म से अच्छी है |
- गेहूं की उन्नत किस्म 2967 को सिंचाई की आवश्यकता भी अन्य किस्म की तुलना में कम होती है |
- यह किस्म कई राज्यो में प्रचिलित है, जैसे की हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आसाम, दिल्ली आदि राज्यो में यह बीज काफी प्रचलित है |
2967 गेहूं की बुवाई कब तक कर सकते हैं ?
एचडी 2967 गेहूं का बुआई का सही समय 1 नवंबर से 15 नवंबर तक का है | अगर आप इस किस्म को समय पर बुआई नही करते है, तो इसमें गेहूं की पैदावार पर असर पड़ सकता है |
एचडी 2967 गेहूं का तूड़ा अच्छा बनता है, इस किस्म की बढ़वार अधिक होती है | किसान तूडे को बाजार में बेच भी सकता है यह काफी महंगा बिकता है |
2967 गेहूं की पैदावार कितनी होती है ?
यह किस्म इसके पैदावार के लिए काफी प्रचिलित है | इसकी पैदावार आपके क्षेत्र की जलवायु और आपके खेत की मिट्टी पर इस किस्म की पैदावार निर्भर रहती है |
इस किस्म की पैदावार कम से कम 50 कुंटल प्रति हेक्टर होती है | सिंचाई समय पर मिलने पर इसकी पैदावार काफी अच्छी बढ़ोतरी हो जाती है, जो की 66 कुंटल प्रति हेक्टर तक हो सकती है |
HD 2967 wheat variety details in hindi ?
केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम सरकारी एजेंसियों द्वारा बेचे जाने वाले गेहूं के प्रमाणित बीजों पर किसानों को प्रति वर्ष अनुदान प्रदान किया जाता है |
इस किस्म की बुआई आपको समय रहते कर लेनी है, अन्यथा इसका प्रभाव पैदावार पर पड़ सकता है | कृषि विकास अधिकारी गांव-गांव में जाकर सभी किसानों को बीजोपचार के बाद ही गेहूं की बिजाई करने के लिए प्रेरित कर रहे है |
इस किस्म को किसान भाईयो इस लिए अधिक पसंद कर रहे है, क्योंकि इस किस्म में रोग होने की समस्या कम होती है | सिंचाई की आवश्यकता भी कम होती है, पैदावार भी काफी अच्छी है, बाजार में आसानी से मिल जाता है आदि कई कारण है की इस किस्म को किसान अधिक पसंद करते है |
2967 गेहूं price 2023 ?
गेहूं की उन्नत किस्म 2967 के बीज नजदीकी कृषि बाजार में आसानी से खरीद सकते है | इस किस्म का भाव लगभग 1100 रुपए प्रति बैग के आस-पास है, इस बैग में 40 किलो बीज होते है|
समय के अनुसार इस किस्म का भाव ऊपर नीचे रहता है जब गेहूं के बुआई का समय आता है तो इस किस्म का भाव बड़ जाता है|
गेहूँ – एचडी 2967 बीज से पीला रतुआ रोग ?
इस किस्म में पीला रतुआ रोग का प्रभाव देखने को मिलता है, रोग के मुख्य लक्षण पौधे के पत्तो की सतह पर पीले रंग की धारिया दिखाई देने लगती है | पाउदेरनुमा पीला प्रदार्थ पत्तो पर होना, शुरू में इस रोग से ग्रस्त खेत में कही-कही गोलाकार दायरों का दिखना तथा तापमान बढ़ने पर पीली धारियों के नीचे की सतह पर काले रंग में बदलाव आना है |
रोकथाम के लिए – इस रोग की रोकथाम के लिए किसान को जागरूक रहना चाहिए | इसका प्रभाव दिखाई देने पर 25% propiconazole और 200 मिलीलीटर E. C. की मात्रा 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में प्रत्येक 15-20 दिन के अंतराल में छिडक़ाव करना चाहिए |
गेहूं की एचडी 2967 किस्म की पैदावार?
गेहूं की एचडी 2967 किस्म की पैदावार आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी पर निर्भर रहता है | इस किस्म की ओसत पैदावार 55 कुंटल प्रति हेक्टर होती है, यदि सही समय पर खाद, खरपतवार और सिंचाई मिले तो इसकी पैदावार और भी अधिक हो सकती है |
सर्वोधिक एच डी 2967 किस्म की बुवाई कहाँ-कहाँ होती है?
इस किस्म की बुआई सर्वाधिक पंजाब, हरियाणा दिल्ली, राजस्थान, पूर्वी उत्तरप्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर के मैदानी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों में इस किस्म की सर्वाधिक बुआई होती है |
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