[ शिमला मिर्च की खेती कैसे करें 2023 ] जानिए उन्नत किस्में, बुवाई का समय, सिंचाई, खाद-उर्वरक, लागत और कमाई – Shimla Mirch Ki Kheti in Hindi

Last Updated on February 8, 2023 by krishi sahara

किसान भाइयों आज के इस महगाई के ज़माने सामान्य फसलों की तुलना में सब्जी फसलों की खेत करके कमा सकते है, दोगुना मुनाफा | सब्जियों की खेती में सबसे टॉप मुनाफेदार फसलों में शिमला मिर्च का भी अच्छा योगदान रहा है | आप भी शिमला मिर्च की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हो, भारतीय बाजारों में भी शिमला मिर्च की मांग अच्छी बनी रहती है| तो आइए जानते है, शिमला मिर्च की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

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शिमला मिर्च की खेती कैसे करे?

इस खेती के लिए किसान भाई को अच्छी जानकारी होनी चाहिए, जिसमें बीज का चुनाव, जलवायु मिट्टी, रोग-कीट, देखरेख आदि उन्नत तरीकों के साथ खेती मुनाफेदार बनाई जा सकती है –

  • इस खेती के लिए जलवायु एक महत्वपूर्ण घटक होता है, शिमला मिर्च कि खेती के लिए नर्म और आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है| क्यूंकि शिमला मिर्च के पोधे अधिक गर्मी और अधिक सर्दी को सहन नही कर पाते |
  • चिकनी दोमट मिट्टी शिमला मिर्च के लिए अच्छी मानी जाती है, इसकी खेती के लिए भूमि का pH मान 6 होता है |
  • तापमान का असर भी इसकी खेती पर देखने को मिलता है| तापमान अधिक और कम होने पर इसकी पैदावार पर असर देखने को मिलता है, इसके लिए अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री होना चाहिए |

शिमला मिर्च की उन्नत किस्मे-

आज के समय किसानों की भरोसेमंद शिमला मिर्च की किस्में प्रमुख बनी हुई है, जिनमें – कैलिफोर्निया वंडर, येलो वंडर, रायल वंडर, भारत अर्का बसंत, ग्रिड गोल्ड, अर्का गोरव, अर्का मोहिनी, इन्द्रा, बाम्बे लारियों, आशा, ओरोबेली, हीरा आदि |

शिमला मिर्च कौन से महीने में लगाया जाता है-

शिमला मिर्च की खेती वर्ष में तीन बार की जा सकती है –शिमला मिर्च की नर्सरी पौध के लिए बुवाई

नर्सरी में पहली बुवाई जून-जुलाई में की जाती है और खेत में पौधो की रोपाई जुलाई-अगस्त में की जाती है |

नर्सरी में दूसरी बुवाई अगस्त-सितम्बर में की जाती है, और खेत में पौधो की रोपाई सितम्बर-अक्टूबर में की जाती है |

नर्सरी में तीसरी बुवाई नवंबर-दिसम्बर में की जाती है, और खेत में रोपाई दिसम्बर-जनवरी में की जाती है |

शिमला मिर्च की पौध को खेतों में रोपाई के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त, सितम्बर-अक्टूम्बर, दिसंबर-जनवरी माना गया है |

शिमला मिर्च की नर्सरी कैसे तेयार करें –

  • किसान भाई अपने खेत की जलवायु और मिट्टी का चुनाव करें, उपयुक्त है या नहीं |
  • शिमला मिर्च की खेती के लिए नर्सरी की बुवाई, एक महीने पहले से शुरू कर देना चाहिए |
  • नर्सरी की जगह की मिट्टी को अच्छे से तैयार करें, जिसमें बिना फसल अवशेष, उपजाऊपन वाली, जैविक खाद-उर्वरक के साथ होनी चाहिए |
  • पौधों की गिनती या कम क्षेत्र के लिए तैयार कर रहे है तो, प्रो सीड्स ट्रे, कोकोपीट आदि तकनीक का प्रयोग करना चाहिए |
  • मिट्टी/कोकोपीट तैयार होने पर शिमला मिर्च के बीजों को 1.5 से 2 सेमी के अंतराल पर लगा देना है |
  • बीज लगाने के बाद तुरंत सिंचाई या मिट्टी में पहले अच्छी नमी वाली व्यवस्था कर सकते है |
  • पौधों को अच्छे से तैयार करने के लिए बूस्टर उर्वरक, छायादार ओर धूपदार वातावरण बना सकते है |
  • जब मिर्च की पौधे 25 से 35 दिन के हो जाए तब खेत में रोपण कर सकते है |

शिमला मिर्च के पौधे खेत में कैसे लगाए

  • शिमला मिर्च के लिए सबसे पहले खेत तैयार करें, और खेत तैयार करने के लिए 3-4 बार खेत की जुताई करा ले |
  • दूसरी जुताई में खेत में गोबर की पक्की हुई खाद डाल सकते है, इससे फसल लंबे समय तक उपज और मजबूती के साथ खड़ी रहेगी |
  • खेत में आखिरी जुताई के से पहले N.P.K. की उचित मात्रा का छिडकाव करें |
  • पौधो की सामान्य रोपाई में पौधो के बीच की दुरी 42-45 सेंटीमीटर रखे, ग्रीन हाउस या अन्य तकनीक में पौधे से पौधे दूरी हिसाब से रख सकते है |
  • धूप के समय खेत में पौधे लगाने से बचे |

शिमला मिर्च फसल में सिंचाई-

कम और ज्यादा पानी से शिमला मिर्च की फसल को नुक्सानदायी हो सकती है | खेत में सिंचाई मिट्टी में नमी कम होने पर करनी चाहिए, गर्मियों में 4 से 6 दिनों और सर्दियों 13-14 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए | ध्यान रखें – खुले खेतों में दिन या धूप के समय सिंचाई ना करें |

शिमला मिर्च की दवा/उर्वरक का प्रबंधन –

बीज बुवाई के समय बीजों को उपचारित करके बोए – जिसमें थायरम, मेनकोजेब, कार्बेन्डाजीम आदि दवा को काम में ले सकते है | खेत तैयारी के समय जुताई में डीएपी, गोबर खाद, कंपोस्ट खाद, जिप्सम आदि उर्वरक दवा काम में ले सकते है |

जब शिमला मिर्च में फूल लगना प्रारम्भ हो जाते है, तो प्लानोफिक्स दवा को लगभग 2 ml/ली. पानी में मिलाकर पहला छिडकाव करे, पहले छिडकाव के लगभग 4 सप्ताह बाद दुसरा छिडकाव करे, इससे फूलो का झड़ना काफी कम हो जाता है और शिमला मिर्च के उत्पादन में भी वृद्धि होती है |

शिमला मिर्च की खेती से लाभ/कमाई –

शिमला मिर्च की खेती से हमारे किसान भाई लाखों रुपयों का लाभ कमा सकते है| शिमला मिर्च के पौधो की रोपाई के लगभग 70-75 दिन बाद पौधा पैदावार देना शुरू कर देते है, 1 हेक्टेयर में लगभग 700 से 800 किवंटल के आस-पास तक शिमला मिर्च की पैदावार होती है और बाजारों में शिमला मिर्च का प्रति किलोग्राम औसत मूल्य 50 से 100 रूपये तक मिल जाता है |

शिमला मिर्च की खेती में देखरेख और सावधानियां –

  • शिमला मिर्च की खेती करते समय कीटो और बीमारियों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि शिमला मिर्च आसानी से कीटो और बीमारियों से ख़राब हो जाती है|
  • कीड़ो को हटाने के लिए डिटरजेंट और पानी के मिश्रण से छिडकाव किया जा सकता है|
  • फसल की प्रत्येक 20 दिन के अंतराल में खरपतवार प्रबंधन और निराई-गुड़ाई कर सकते है |
  • पौधों मे रोग-कीटों के प्रति रोजाना देखरेख और जागरूकता रखनी चाहिए |
  • फसल ली सिंचाई समय पर करें, फलों की तुड़ाई भी समय पर करनी चाहिए |

शिमला मिर्च की खेती कहां होती है?

विदेशों में बात करें तो, शिमला मिर्च मूल रूप से साउथ अमेरिका की एक सब्जी फसल है | भारत में इसकी खेती की बात करें तो, हिमाचल के अलावा जैसे – पंजाब, हरियाणा, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में भी शिमला मिर्च की खेती की जा रही है |

शिमला मिर्च की पहली तुड़ाई कब तैयार होती है?

शिमला मिर्च की पहली तुड़ाई बीज के रोपण के 60 से लेकर 70 दिन बाद तैयार हो जाती है, जब शिमला मिर्च का आकार एवं रंग पूरा हो जाता है, तब इसकी तुड़ाई शुरू कर देनी चाहिए |

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