[ एनपीके उर्वरक क्या है 2024 ] जानिए n p k खाद का पूरा नाम, एनपीके उर्वरक का उपयोग कैसे करें

Last Updated on April 7, 2024 by krishisahara

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एक स्वस्थ पौधे और फसल को उसके समुचित विकास के लिए 17 प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है | NPK- यह पौधों में प्रमुख घटक है, जो फसल के लिए बहुत जरूरी है | फसल के बढवार और विकास के लिए जरूरी माना जाता है- एन पी के खाद, इस खाद को पौधों में जमीन से और ऊपरी भागों में से भी दे सकते है |

एनपीके-उर्वरक-क्या-है
एनपीके उर्वरक क्या है

दूसरी खाद उर्वरक की तुलना करें, तो यह खाद फसलों में तुरंत असर दिखाती है, क्योंकि इस खाद को खेत में डालने पर पौधे शीघ्र ही अपना भोजन के रूप में ग्रहण कर लेते हैं |

आइए जानते है एनपीके खाद कैसे बनाएं जाते है, एनपीके खाद में क्या क्या होता है, एनपीके खाद के बारे में सम्पूर्ण जानकारी –

एनपीके उर्वरक क्या है – एनपीके खाद में क्या-क्या होता है ?

एन-पी-के मुख्य रूप से तीन ग्रेडों से मिलकर बना हुआ खाद है जिसमें –

  • एन(N) यानी नाइट्रोजन
  • पी(P) यानी फास्फोरस
  • के(K)- यानी पोटेशियम

N नाइट्रोजन/ Nitrogen – फसल/पौधे में हर एक भाग को नाइट्रोजन पहुंचता है | नाइट्रोजन प्रमुख रूप से पौधे के विकास में अच्छा, पौधों को हरा भरा रखता है | पौधे की पेशियों को फैलाने और सुचारू रूप से काम करने में सहायक करता है |

जब पौधा वृद्धि या बढ़वार के समय पर होता है, उस समय पौधे और फसलों में नाइट्रोजन देना अति आवश्यक होता है | पौधों में नाइट्रोजन ज्यादा देना भी नुकसान दाई हो सकता है | फसल पीली पड़ सकती है| नाइट्रोजन प्रमुख रूप से वायुमंडल और कृत्रिम खाद के रुप में प्राप्त कर सकते है |

नाइट्रोजन पेड़ पौधों के हर हिस्से यानी पत्तियों/शाखाओं आदि के विकास में मदद करता है | पौधों में क्लोरोफिल यानी हरे हिस्से को बनाने में मदद करता है |

P फास्फोरस/ Phosphoros – पौधों में कई जड़े और रूट जॉन होते हैं, उनमें अच्छे विकास के लिए जरूरी होता है | फास्फोरस यह खाद फल-फ्रूट, फूलों की बनावट को व्यवस्थित करती है| फास्फोरस की उचित मात्रा फसल में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को अच्छे से बनाता है| फास्फोरस उर्वरक के उपयोग से पौधे में प्रजनन की क्रिया बहुत अच्छी बन जाती हैं |

यह खाद, पौधे CO2 गैस अंदर लेता है और ऑक्सीजन क्रिया छोड़ने की प्रक्रिया में काफी अच्छे से बनती है | बता दें कि अधिकतर भूमियों में फास्फोरस की मात्रा बहुत ही कम होती है |

K पोटाश/ Potash – पौधों की पत्तियों के अंदर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जो पौधे को स्वास क्रिया को संपन्न करते हैं | यह छिद्र बार-बार ओपन होते हैं और बंद होते हैं, जिसकी सहायता से CO2 अंदर लेते हैं ऑक्सीजन छोड़ते हैं| Potash स्वास क्रिया में पौधे को आवश्यक पोषक तत्व को पूर्ति कर पौधे के हर अलग-अलग भागों में भेजने में सहायता करता है |

पौधों/फसलों में पोटाश उर्वरक जब पौधों पर फूल पौधों में फल लगना फ्रूटिंग क्रिया शुरू होती है, उस समय देना सबसे उत्तम माना जाता है | साथ ही पौधे में जड़ और तने को मजबूत और उनके विकास में सहयोग करता है |

इस प्रकार पौधे के समुचित विकास के लिए यह तीनों उर्वरक (NPK) अत्यंत आवश्यक माने गए हैं |

एनपीके उर्वरक क्या है

एनपीके उर्वरक का उपयोग कैसे करें ?

यह खाद 3 ग्रेडों में मिलता है- हर ग्रेड का खाद अलग-अलग काम करता है| इस खाद का उपयोग करने से पहले आपको समझना होगा कि फसल में कौन सी चीज की कमी है| किसी भी खाद की मात्रा ज्यादा दे देंगे तो पौधों की ग्रोथ ज्यादा हो जाएगी| इसलिए पौधों को बैलेंस बनाए रखना होता है, जिसमें NPK की अलग-अलग ग्रेड की खाद काम में लेते हैं| फसल में इसका प्रयोग किस प्रकार करना है जानिए नीचे –

यह खाद पौधे के संतुलित विकास के लिए हर समय आवश्यक होती है | लेकिन बता दें, इस समय इन खादों को ज्यादा जरूर होती है वह प्रमुख रूप से हैं-

  1. जब पौधों की ऊंचाई बढ़ रही हो इस समय नाइट्रोजन अधिक मात्रा में देनी चाहिए | क्योंकि इस समय फसल/पौधों में नाइट्रोजन की अधिक मांग होती है, जिससे पौधों की बढ़वार अच्छी तरह कैसे हो सके |
  2. जब फसल में जड़ों की संख्या और जड़ रूट को बढ़ाना हो तब फास्फोरस का प्रयोग कर सकते हैं| साथ ही जब फसल में फ्लोरिंग के समय फास्फोरस की मात्रा ज्यादा देनी चाहिए, जिससे फूलों का अच्छा तरह से खिलना हो जाता है| इस खाद को फसल के शुरुआत और फुल आने के समय फास्फोरस की ज्यादा आवश्यकता होती है |
  3. फसल में फल लगना शुरू हो जाए या उपज देना शुरू हो जाए, तब पोटाश का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए | पोटाश के प्रयोग से फसल के फलों का बनावट, रंग, रूप, चमक और स्वाद में काफी सुधार होगा| इस खाद के प्रयोग से उपज यानी फल-फ्रूट, सब्जी, अनाज आदि उपज की क्वालिटी अच्छी आ जाती है |

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एनपीके-उर्वरक-क्या-है
एनपीके उर्वरक क्या है

एनपीके के कमी से फसलों पर प्रभाव ?

इस प्रकार पौधे के समुचित विकास के लिए यह तीनों NPK बहुत आवश्यक माने गए हैं | यदि यह तत्व समय पर ना मिले तो इसके प्रमुख लक्षण देखने को मिलते हैं-

  • नाइट्रोजन की कमी से पौधों का विकास रुक जाता है पत्तियां पीली हो जाती है, फसल सिकुड़ जाती है |
  • फास्फोरस की कमी से पौधे का विकास रुक जाता है, फूल और फल की मात्रा भी घटने लगती है, पत्तियां झड़ने लग जाते है| फसल/पौधों की पत्तियों के किनारों पर धब्बे पड़ जाते हैं, फुल अंकुरण कम होने लगता है |
  • पोटेशियम की कमी से जड़ और तनों का विकास काफी प्रभावित होता है, जिसकी कमी से पौधे का विकास रुक जाता है |

एनपीके खाद कितने प्रकार के होते है ?

बता दें कि यह खाद अनेक प्रकार के ग्रेड में आता है| NPK ग्रेड का नंबर यह दर्शाता है कि इस खाद में कौन से तत्व की कितनी (%) मात्रा है| किसान पौधों मे आवश्यकता के अनुसार बाजार में से खरीद सकता है- एनपीके ज्यादातर बाजार में निम्न ग्रेड में उपलब्ध है-

  • NPK- 19 19 19
  • NPK- 18 18 18
  • NPK- 20 20 20
  • NPK- 0 52 34
  • NPK- 10-26-26
  • npk 15 15 15
  • npk 20 10 10
  • एनपीके 12 32 16
  • npk 20 10 20
  • NPK – 0-0-50

उदाहरण के तौर पर बता दें कि जैसे एनपीके 19 19 19 है- इसमें प्रथम 19 में 19% नाइट्रोजन होता है, दूसरे नंबर का 19 में 19%फास्फोरस होता है, तीसरे नंबर के यानी 19% पोटाश की मात्रा को दर्शाता है |

एनपीके का रेट क्या है?

इफको के अनुसार इन खादों का मूल्य निम्न –

NPK- 10:26:261175 रुपये 50 kg
NPK-12:32:161185  रुपये 50 kg
सभी ग्रेड की एनपीके उर्वरक की कीमत –एनपीके उर्वरक मूल्य लिस्ट 2024
एनपीके उर्वरक क्या है

NPK खाद का पूरा नाम?

NPK यह भी केमिकल खादों में से एक है | किसान इसका उपयोग अपनी फसलों में करते है इसका पूरा नाम “Nitrogen Phosphorus and Potassium” है |

NPK कितने प्रकार के होते हैं?

NPK के प्रकार कुछ इस प्रकार है –
NPK- 19 19 19
NPK- 18 18 18
NPK- 20 20 20
NPK- 0 52 34
NPK- 10-26-26
NPK 15 15 15
NPK 20 10 10
NPK 12 32 16
NPK 20 10 20
NPK – 0-0-50

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