Last Updated on March 6, 2024 by krishisahara
शुरू से ही भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में पशुपालन का एक विशेष स्थान रहा है | पशुपालन, डेयरी उद्योग की जीवन रेखा बना हुआ है| दुनियाभर में दुग्ध उत्पादन में गाय का भी बहुत योगदान रहता है | भारत में आज भी कई किसान कम से कम एक गाय एवं बड़े स्तर पर गाय पालन कर रहे है | आज बात करेंगे गाय के रोग और उपचार एवं प्रमुख बिमारियों के बारें में –
गाय बीमार होने पर क्या करें?
गायों की स्वास्थ्य सम्बधित कई बीमारियाँ हो सकती है, जिनका समय निवारण करना बहुत जरुरी है | यदि आपकी गाय बीमार हो रही है, तो आपको यह काम करना चाहिए –
पशु चिकित्सक /वेटरिनरी संपर्क करें – सबसे पहले, एक पशु चिकित्सक से संपर्क करें और उन्हें गाय की समस्या के बारे में जानकारी दें| वेटरिनरी चिकित्सक गाय की जांच करेंगे और सही निदान और उपचार प्रदान करेंगे|
आपातकालीन घरेलू उपचार – यदि आप अपनी गाय को तुरंत मदद की जरूरत होती है, तो वेटरिनरी के निर्देशानुसार आप उपाय कर सकते है| उदाहरण के लिए, आपको उपचार के लिए दवाओं को प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है, जिन्हें गाय को देने के लिए समय-समय पर और सही मात्रा में ले सकते है|
स्वास्थ्य की देखभाल – अपनी गाय के संपूर्ण स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण है| अच्छा आहार प्रदान करें, पशु के आस-पास स्वच्छता का ध्यान रखें और नियमित रूप से वेटरिनरी जांच और टीकाकरण करवाएं|
गाय के रोग और उपचार 2024 ?
जब एक पशु बीमार होता है, वह अपने व्यवहार, शारीरिक स्थिति और अन्य लक्षणों के माध्यम से संकेत देता है| एक बीमार पशु में यह प्रमुख लक्ष्ण देखे जा सकते है –
खाने में आहार की मात्रा कम होना – यदि पशु बीमार है, तो उसे खाने के प्रति कम रुचि या बिलकुल रुचि नहीं हो सकती है| वह खाना छोड़ सकता है या अपेक्षाकृत नीचे की मात्रा में खा सकता है|
पेट में समस्या – गंभीर पेट की समस्याएं जैसे कि दस्त, पशु के पेट में गेस/वायु बनना या पेट में दर्द बीमार पशु के लक्षण हो सकते है|
पशु में कमजोरी या सुस्ती – बीमार पशु में कमजोरी या सुस्ती की दिखाई दे सकती है| पशु में सामान्य चाल-चलन में बदलाव आना |
पशु में ठंड या बुखार – बीमार पशु में शरीर का तापमान बदल सकता है| वह ठंड या उच्च तापमान के साथ बुखार दिखा सकता है|
पशु के मुह से बदबूदार लार निकलना – आहार में अशुद्ध और पाचन तन्त्र ठीक नही होने से पशु लार जैसी गतिविधियाँ करने लगता है |
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गाय के मुंह से लार गिरना ?
बीमार पशु में कई बिमारियों के लक्षण देखे जा सकते है, बीमार पशु के रोगों की पहचान एवं निवारण उपाय करना पशुपालक के लिए बहुत जरुरी है |
पाचक तंत्र में समस्या – गाय के पाचक तंत्र में संक्रमण, पेट में उलटी, गैस, असामान्य खाने के कारण आदि के कारण लार गिर सकती है | इसके उपचार एवं उपाय के लिए घरेलू नुस्के या बीमारी अधिक प्रभावित लगती है, तो पशुचिकित्सक को दिखाना चाहिए |
मसूड़ों की समस्या – दांतों या मसूड़ों में समस्या होने पर गाय मुंह से लार गिरा सकती है | जब मसूड़े सूजते है या संक्रमण होता है |
बाहरी वातावरण में उच्च तापमान – जब गायों को गर्मी के मौसम में अधिक तापमान होता है, तो वे अधिक लार बना सकती है| गाय में लार आना रोग के निवारण के लिए पशु के आस-पास का वातावरण नियन्त्रण करना चाहिए |
आंत्र इंफेक्शन – गाय को आंत्र में संक्रमण होने पर भी लार गिर सकती है | इसके साथ-साथ, गाय को खाने पीने में कमी और वजन कम हो सकता है |
यदि आपकी गाय के मुंह से लार गिर रही है, तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप एक पशु चिकित्सक की सलाह लें | वेटरिनरी चिकित्सक गाय की जांच करेंगे |
गाय के नाक से पानी आना ?
गाय के नाक से पानी आने के कई संभावित कारण हो सकते है –
सर्दी जुकाम – गायों को सर्दी जुकाम होने पर नाक से पानी आ सकता है | यह एक सामान्य रोग है जिसमें नाक में संक्रमण होता है और नाक से बहुत सारा स्राव होता है |
नाक की संक्रमण – गाय के नाक में संक्रमण होने पर भी पानी आ सकता है | यह आमतौर पर बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण होता है और नाक से लाल या पीले रंग का पानी निकल सकता है|
संक्रमण से जुड़ी बीमारी – कुछ संक्रमणों जैसे नाक संक्रमण, सिनसाइटिस, या बकरी बीमारी (पनजा) गाय के नाक से पानी बहने का कारण बन सकते है|
खाने पीने की समस्या – गायों के खाने पीने में समस्या होने पर भी नाक से पानी आ सकता है| यह उच्च तापमान, पानी की कमी, अशुद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन या पाचन संबंधी समस्याओं के कारण हो सकता है |
यदि आपकी गाय के नाक से पानी आ रहा है, तो आपको एक पशु चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए |
गाय के थन के रोग ?
गायों के थन (गाय के मांसपेशियों) में कई प्रकार के रोग हो सकते है | यहां कुछ प्रमुख थन के रोग दिए जाते है –
मस्सा (लिपोमा) – यह एक अतिरिक्त मांसपेशी का विकास होता है, जो सामान्य रूप से अनहोनी और गूंगा होता है | यह गायों के थन में एक या अधिक मस्से के रूप में प्रकट होता है और ज्यादातर अहस्तित्व में हानिकारक नहीं होता है |
रेसिदुआल अट्रोफी (रेड) – यह एक ऊतक का लक्षण है, जो गाय के थन में होता है| इसमें थन के एक या अधिक हिस्सों का मांसपेशी और ऊतकों का गिरना होता है, जिससे थन कमजोर और दुर्बल हो जाता है|
सूजन या संक्रमण – गाय के थन में सूजन या संक्रमण होने पर थन के क्षेत्र में दर्द, गर्मी, गाय के चलन में कमी और अपेक्षाकृत बेचैनी दिख सकती है| इसमें पेशाब करने में समस्या, थन की गर्मी और गाय की आंतरिक उबाऊ की स्थिति शामिल हो सकती है|
गांठें – थन में छोटी या बड़ी गांठें हो सकती है, जिनसे कैंसर जैसी बीमारी फैलने की भी सम्भावनाये बन सकती है | इस रोग का उपचार कराना बहुत जरुरी है, क्योकि इससे दुग्ध की क्वालिटी खराब होती है |
गाय दूध नहीं उतरता है ?
गाय के दूध का ना उतरना इसके कई संभावित कारणों से हो सकते है –
मस्तित्व की कमी – गाय के दूध का ना उतरना मस्तित्व की कमी के कारण हो सकता है | अगर गाय के थन में या थन के निकट किसी अन्य क्षेत्र में मस्तित्व कम है, तो दूध का उत्पादन कम होगा और यह नहीं उतरेगा|
थन में संक्रमण – थन में संक्रमण होने पर गाय के दूध का ना उतरना कारण हो सकता है| संक्रमण के कारण थन के मांसपेशी में संक्रमण हो सकता है, जिससे दूध का उत्पादन प्रभावित होता है|
थन में गांठ – गाय के थन में गांठ होने पर भी दूध का ना उतरना संभव है| ये गांठें थन के मांसपेशियों में बन सकती है और दूध के निकट संक्रमण, ट्यूमर या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है |
प्रजनन समस्याएँ – गाय के प्रजनन संबंधी समस्याएँ, जैसे गर्भाशय इंफेक्शन, प्रजनन रोग या अन्य हार्मोनल समस्याएँ, भी दूध के ना उतरने का कारण बन सकती है|
गाय का हांफना ?
गाय का हांफना (हांकना) एक सामान्य व्यवहारिक प्रवृत्ति हो सकती है जो कई कारणों के कारण हो सकती है। यहां कुछ मुख्य कारण दिए जाते है –
- गर्मी और तापमान
- पशु में थकान और आराम की इच्छा
- संतुलित श्वसन प्रणाली
- पशु शरीर में संक्रमण या स्वास्थ्य समस्याएँ
गाय के दस्त की अंग्रेजी दवा ?
किसान भाई इस रोग या समस्या के लिए बेहतर होगा कि आप वेटरिनर/ पशुचिकित्सक से सलाह लें और वह उचित इलाज का सुझाव देंगे | गाय के दस्त के लिए कुछ सामान्य अंग्रेजी दवाएं निम्नलिखित है-
- Kaolin Pectin Suspension
- Neomycin Sulfate
- Metronidazole
- Sulfadimethoxine
- Enrofloxacin
- Tetracycline
- Amoxicillin
- Ciprofloxacin
- Loperamide (डायरिया रोकने के लिए)
- Probiotics (गुड़ बैक्टीरिया सप्लीमेंट्स)
यह सिर्फ कुछ उदाहरण है और अधिक विवरण और सही दवा के लिए आपको वेटरिनर से परामर्श करना चाहिए|
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गाय के खुरपका रोग का देसी इलाज ?
गाय के खुरपका रोग (फुटरोट) के लिए कुछ देसी इलाजों को निम्नलिखित रूप हो सकते है –
- लहसुन के तेल को खुरपके के प्रभावित भागों पर लगाने से उपयुक्त हो सकता है| इसे लगाने से पहले, खुरपके को धोएं और अच्छी तरह सुखा लें| फिर लहसुन के तेल को धीरे-धीरे खुरपके पर मलें| यह एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण फायदेमंद हो सकता है|
- नींबू के रस में थोड़ा नमक मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इसे खुरपके पर लगाएं| इसके बाद खुरपके को सुखा रखें| नींबू के एंटीबैक्टीरियल गुण और नमक के एंटीफंगल गुण मददगार हो सकते है|
- नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे खुरपके पर लगाएं। नीम में विषाक्तता के गुण इसके उपचार में बहुत सहायक होता है |
गाय के पैर में दर्द है ?
गाय के पैर में दर्द कई कारणों से दर्द हो सकता है –
- घाव या चोट – पैर में घाव, चोट, या अन्य यातना के कारण दर्द हो सकता है| यह चोट जहां भी हुई हो सकती है, जैसे खुरपके, नखूनों, या अन्य भागों में|
- थन में संक्रमण – पैर के थन में संक्रमण होने पर दर्द का अनुभव हो सकता है| इसमें थन के भीतरी हिस्से में संक्रमण, पशु के खिलाफ उत्तेजना, गांठों, या अन्य समस्याएँ शामिल हो सकती है|
- पैर की जोड़ों में संक्रमण, गठिया, घाव, या अन्य समस्याएँ भी पैर में दर्द का कारण बन सकती है|
- पोलियो (फुटरोट), जिसे फुटरोट भी कहा जाता है, गायों में एक आम संक्रामक रोग है | जिसके कारण पैर में दर्द, जलन, और अन्य लक्षण हो सकते है|
यदि आपकी गाय को पैर में दर्द है, तो आपको एक पशु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए |
बीमार गाय को क्या खिलाना चाहिए?
बीमार गाय को उपचार के साथ सही आहार देना महत्वपूर्ण है| यह उसकी स्वास्थ्य और आराम को बढ़ाने में मदद कर सकता है| नीचे दिए गए कुछ आहारिक सुझावों को विचार में रखें, लेकिन बेहतर होगा कि आप एक पशु चिकित्सक से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें –
ग्रास (हरी घास) – गाय के लिए हरी घास मुख्य आहार होनी चाहिए| यह उच्च आयोडीन, विटामिन, मिनरल और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है| ताजी, स्वच्छ, और सुरक्षित घास को प्राथमिकता दें |
पोषण युक्त चारा – अच्छी गुणवत्ता वाले चारे को भी गाय को प्रदान किया जा सकता है | यह उच्च प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का स्रोत होता है |
गेहूं का भूसा – गेहूं का भूसा या चोकरी गाय के लिए अच्छा आहार हो सकता है | इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और विटामिन होते है |
पोषण द्रव्य – बीमार गाय के लिए पोषण द्रव्य जैसे कि पोषण खाद्य और विटामिन सप्लीमेंट्स को देने की आवश्यकता हो सकती है |
गाय के चारा न खाने का कारण?
अनुकंपा रोग, नया चारा, ग्रास बदलना, गंभीर स्वास्थ्य समस्या, चारे की गुणवत्ता में परिवर्तन, या भूखमरी की वजह से बदलते खाद्य परिस्थितियों जैसे कारणों से गाय-भैस हरा चारा खाना कम पसंद करती है |
गाय को मीठा सोडा देने से क्या होता है?
हल्की मात्रा (10 से 20 ग्राम ) में पशु को मीठा सोडा देने से पाचन तन्त्र संतुलित एवं पशुओ के पेट में गेस/हवा जैसी समस्या को कम करता है |
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