[ पॉली हाउस क्या है 2024 ] जानिए पॉली हाउस खेती के फायदे, नुकसान, प्रशिक्षण, सब्सिडी, प्रकार | Poly House in Hindi

Last Updated on March 1, 2024 by krishisahara

पॉली हाउस और नेटहाउस पर सब्सिडी कितनी मिलती है | पॉली हाउस क्या है | Poly house बनाने के लिए ट्रेनिग कहाँ से ले | पॉली हाउस प्रोजेक्ट PDF | पॉली हाउस कीमत | ग्रीन हाउस क्या है | पॉलीहाउस खेती क्या है | पॉली हाउस कैसे बनाएं | पॉलीहाउस के फायदे

आज के समय में खेती की आधुनीक तकनीकों में फसलों को छायादार और फसल के अनुकूल स्थान देकर खेती की जा रही है, जिसे ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, नेट हाउस आदि के नाम से जानते है | पॉली हाउस/नेट हाउस में की जाने वाली खेती को संरक्षित खेती भी कहते है, जिसे सरकार अनेक तरीकों से बढ़ावा दे रही है |

पॉली-हाउस-क्या-है

खेती के इस प्रकार में किसान फल-फूल-सब्जी के पौधों में जरूरी कारकों को नियंत्रण में करके पौधे को विकसित करता है | Poly House में किसी भी फसल का पूर्ण दक्षता के साथ उत्पादन लिया जा सकता है | सरकार किसानों की आय दुगनी करने और किसानों को बाजार भाव दिलाने के लिए खेती में कई नए परिवर्तन ला रही है | आइए जानते है, पॉली हाउस से जुडी सम्पूर्ण जानकारी –

पॉली हाउस क्या है ?

पॉलीहाउस नाम से ही पता चलता है, कि पॉलीथिन से बना हुआ खेती के लिए घर पॉलीहाउस कहलाता है| पॉली हाउस में तापमान आद्रता, वायु का बहाव, प्रकाश की तीव्रता आदि कारको को नियंत्रित करना आसान है, और इन्ही कारणों से फसलों से भरपूर पैदावार लिया जाता है| पौधों को उपयुक्त वातावरण देकर पौधों की उत्तम बढ़वार और अच्छा उत्पादन ले सकते है |

पॉली हाउस कितने प्रकार के होते है ?

Poly house मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जो मुख्यतः देश में प्रचलित दो प्रकार के ही पॉली हाउस बनाए और ट्रेनिंग दी जाती है –

पॉली हाउसनेट हाउस/शेड नेट हाउस  ग्लास हाउस 
सरक्षित खेती के इस प्रकार् में खेत में टेंट नुमा एक ढांचा तैयार किया जाता है और उस लोहे के पाइपों पर प्लास्टिक ढक कर पॉली घर बनाया जाता है | शेड नेट हाउस यह भी एक प्रकार का Poly house की तरह ही है लेकिन इसमें केवल छाया बनाए रखने के लिए ही काम में लेते हैं | छाया जाल हरा रंग या सफेद रंग का हो सकता है| शेड नेट हाउस में प्रकाश की किरणों को नियंत्रण में किया जाता है जो ग्रीन या सफेद जाल पर निर्भर करता है ग्रीन नेट 80%, 50% 40% 35% में मिलते हैं| 50% का मतलब इसमें प्रकाश की किरणें 1/2 ही पहुंच पाती है |आमतौर पर ग्लास हाउस का प्रयोग भारत देश में ना के बराबर है लेकिन जहां पहाड़ी इलाके हैं और वहां बरसात और बर्फबारी ज्यादा होती है वहां ग्लास हाउस का प्रयोग किया जाता है |

ग्लास हाउस देश के ट्रेनिंग स्थानों पे देखने को मिल सकते हैं लेकिन व्यवसायिक तौर पर ग्लास हाउस का प्रयोग देश में नहीं के बराबर है| विदेशों में यह ग्लास हाउस बहुत प्रचलित है, जो उनके वातावरण पर आधारित बनाए जाते है |

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पॉली-हाउस-क्या-है

पॉली हाउस और नेट हाउस में कौन-कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती है ?

पॉली हाउस और नेट हाउस दोनों अलग-अलग प्रकार के होते है जिनमें खेती की फसलें और खेती करने का तरीका भी अलग-अलग होता है –

पॉली हाउस में उगाई जाने वाली सब्जियांग्रीन हाउस में उगाई जाने वाली सब्जियां
Poly house में मुख्य रूप से फूल वाले पौधे जिसमें विदेशी और देसी फूल भी शामिल होते है | देश में कंद वाले फूल और गेंदई वाले फूल 95% पॉलिहाउस में ही करते है |नेट हाउस का अधिकतर किसान प्याज-सब्जी की पौध नर्सरी बनाने में |
Poly house में होने वाली मुख्य सब्जियां भी है, जो पॉलीहाउस के बिना नहीं हो सकती जिसमें येलो, रेड, पिंक शिमला मिर्च, बेल वाले टमाटर | इनकी ऊंचाई 10 से 15 फीट तक होती है | बीज रहित खीरे की खेती भी पॉलीहाउस में ही संभव है |फलदार छायादार पेड़ों के पौधों की नर्सरी बनाने में भी ग्रीन घर काम में लिया जाता है, जिसमें 50% प्रकाश की किरणों का आना होता है |
देश में मिलने वाली प्रमुख विदेशी सब्जियां पोली हाउस में ही होती है |देश में अधिकतर 50% किरणों वाली नेट जाल का ही प्रयोग किया जाता है |

देश का कोई भी किसान पॉली हाउस का निर्माण और Poly house में काम बिना ट्रेनिंग के नहीं करना चाहिए | बिना ट्रेनिंग करें किसान खेती में अधिक लागत और नुकसान भी भुगत सकता है |

पॉलीहाउस के फायदे और नुकसान ?

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है, कि किसान किसी भी माह की सब्जियां-फूल पौधे की पैदावार अच्छे भावों से ले सकता है| देश के अधिकतर कस्बों में जहां बारिश ज्यादा होती है, वहां किसान को Poly House लगाना चाहिए, क्योंकि पॉलीहाउस में पानी का अंदर नहीं जाना होता है | जबकि शेडनेट हाउस में पानी का अंदर जाता है |

  • सब्जियों की खेती करने के लिए अधिकतर किसान नेट हाउस का प्रयोग कर सकते है| जबकि फूल और विदेशी सब्जियों की खेती के लिए पॉलीहाउस का ही चयन करना चाहिए |
  • खेती के इन तरीकों से फसल वायुमंडलीय प्रदूषण से मुक्त और बाहरी रोगमुक्त फसल होती है |
  • देश में आज हर गांव कस्बे क्षेत्र में नर्सरी के लिए किसान अपना छोटा व्यवसाय चालू कर सकते हैं, जिसमें हर किसान उच्च क्वालिटी गुणवत्ता की पौध तैयार कर सकता है |
  • किसान शेडनेट बनाकर उच्च गुणवत्ता की पौध और फसल तैयार कर सकते है |

पॉली हाउस और ग्रीन नेट के बारे में और Poly House क्या है अधिक जानकारी जानिए पॉली हाउस प्रोजेक्ट PDF

पॉली हाउस बनाने के लिए ट्रेनिग कहाँ से ले?

नेटहाउस और Poly house की ट्रेनिग के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि महाविधालय, कृषि विज्ञान केंद्र, उद्यान विभाग, जिला उद्यान अधिकारी, आदि | इन जगहों पर पता करें की ट्रेनिग की कोई योजना/सुविधा चल रही है, क्या | वैसे देश में हर राज्य में नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन/राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बहुत सारे पॉली हाउस बनाने और Poly house के बारे में ट्रेनिंग जैसी बहुत सारी सुविधाएं दी जा रही है |

पॉली हाउस पर सब्सिडी कितनी मिलती है?

देश में हर समय सरकारे अपने राज्यो में अलग-अलग योजनों के माध्यम से Poly house पर सब्सिडी देती रहती है | इसलिए किसान को पॉली हाउस पर सब्सिडी जानने के लिए अपने नजदीकी कृषि महाविधालय, कृषि विज्ञान केंद्र, उद्यान विभाग, जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर जानकारी लेवे |

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