[ काजू की खेती कब और कैसे करें 2024 ] जानिए काजू का पेड़ कैसे लगाया जाता है | Cashew Farming in Hindi

Last Updated on February 25, 2024 by krishisahara

काजू का पेड़ कैसे लगाएं | Kaju ki Kheti kaese kren | भारत में सबसे ज्यादा काजू का उत्पादन कहां होता है | काजू का बीज कहां मिलता है | काजू की फसल के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है | काजू का पेड़ कितने दिन में फल देता है | भारत में काजू की खेती कहां होती है

काजू फल की उत्पति ब्राजील देश से माना जाती है, काजू को सन 1570 में पुर्तगाल द्वारा भारत में लाया गया, जो एक नगदी फसल है | काजू की खेती कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली बागवानी फसल है | भारत के राज्यों के किसान काजू की खेती कर अच्छा मुनाफा और विदेशी निर्यात कर रहे है | देश तथा विदेशी बाजारों में काजू की भारी मांग है, देश के किसान इसकी खेती में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है |

काजू-की-खेती

किसान भाई महंगे ड्राई फ्रूट्स की खेती करके सालाना लाखों की आमदनी कर सकते है, तो आइए जानते है काजू की खेती कैसे करे पूरी जानकारी –

काजू में आयरन, फास्फोरस, फाइबर, सेलेनियम, मैग्नीशियम, जिंक, आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है | जो मानव स्वास्थ्य के लिए और सेहत के लिए काफी लाभदायक है | देश में उत्सवों और त्यौहारों में काजू का अपना विशेष महत्व होता है | काजू से कई प्रकार की मिठाइयां स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते है काजू एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन का भी अच्छा स्त्रोत है |

काजू का वानस्पतिक वैज्ञानिक नाम?

काजू का वानस्पतिक नाम- एनाकार्डियम आशिडेंटोली है |

काजू की खेती कैसे करें पूरी जानकारी –

काजू-की-खेती

काजू का पौधा कहां से लाएं/ काजू के पौधे काजू के बीज –

काजू के पौधे के लिए किसान नजदीकी कृषि विभाग की नर्सरी से संपर्क कर सकते है | किसान स्वयं तथा काजू के बीज के द्वारा भी काजू की नर्सरी तैयार कर सकते है | काजू की नर्सरी तैयार करने के लिए एपिकोटिल ग्राफ्टिंग तथा सॉफ्टवुड ग्राफ्टिंग से सफल पौध तैयार कर सकता है |

काजू की फसल के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है?

काजू एक उष्णकटिबंधीय पौधा है उच्च तापमान तथा उच्च जलवायु में इसकी अधिक पैदावार होती है | इसकी खेती के लिए आदर्श तापमान 20 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड सेल्सियस होता है |

काजू की खेती मैदानी तथा पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में की जा सकती है, परंतु काजू की ज्यादातर खेती-बाड़ी पहाड़ी क्षेत्र में की जाती है | समुद्र तल से 780 मीटर की ऊंचाई वाली भूमि अच्छी मानी जाती है | काजू का संकर प्रजाति का पौधा रोपण करके ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है | काजू का पौधा 13 से 14 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है वैसे काजू के पेड़ की ऊंचाई इसकी वेराइटी पर निर्भर करती है | भारत में समुद्री प्रभाव वाले क्षेत्रों में लाल एवं लेटराइट मिट्टी के क्षेत्र इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम है |

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भारत में काजू किस मौसम में उगता है?

काजू की खेती का सबसे सही समय जून से दिसंबर (दक्षिण भारत लोटता मानसून के समय) तक का है | इस अवधि में किसान खेत में काजू के पौधे लगा सकता है, जून महीने से मानसून की वर्षा आरंभ होने से पौधों की रोपाई अच्छे से हो जाती है तथा पौधे की जड़ें मिट्टी में अच्छी तरह से पकड़ हो जाती है |

काजू की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें ?

  • काजू की खेती के लिए सर्वप्रथम खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए |
  • किसान मैदानी क्षेत्र इलाके में खेती करना चाहता है तो खेती की दो तीन बार जुताई करके मिट्टी को बराबर कर लें तथा अनुपयोगी कर खतपतवार को निकाल दें |
  • अगर किसान पहाड़ी इलाके में खेती करना चाहता है तो जंगल साफ करके जैविक कचरे को जला देना चाहिए |
  • काजू के दो पौधों के मध्य 7 मीटर की दूरी पर पौधे लगा सकता है इस हिसाब से 175 पौधे प्रति हेक्टेयर के अनुपात में आते है | पौधों की रोपाई के लिए 40 x 40 x 40 सेमी के गड्ढे खोदने चाहिए इसके पश्चात को 20 से 25 दिन के लिए धूप लगने के लिए खुला छोड़ देना चाहिए | इस अवधि के पश्चात गड्ढों को 10 किलो कंपोस्ट प्रति गड्ढों में ऊपरी मिट्टी के साथ मिलाकर 15 इंच की परत के साथ भर दे, इसके पश्चात गड्ढों में के साथ पौधे लगा दे |
  • खेत में पौधारोपण करने के तुरंत बाद सिंचाई कर दें |

काजू की प्रमुख उन्नत किस्में ?

भारत में काजू की किस्मों की बात करें तो लगभग 40 प्रकार की काजू के वैराइटियाँ पाई जाती है, जिनमें देश में प्रचलित 15 काजू की प्रजातियां निम्न है –

  • वेनकुर्ला -1
  • एम वेनकुर्ला -2 (…5 तक)
  • वृद्धाचलम -1
  • चितामणी
  • उल्लाल – 2
  • एन. आर. सी. सी. -1
  • एन. आर. सी. सी. -2
  • यूएन -50
  • अमृता (एच – 1597)
  • अक्षय (एच – 76)
  • धाराश्री
  • अन्नकयां
  • बी पी पी -1 से 8 ग्रेड
  • वी आई आई – 1 से 3 ग्रेड
  • आंधा – A

काजू का पेड़ कैसे लगाएं?

ज्यादातर व्यावसायिक रूप यानि बागवानी पौधे लगाने के लिए वृषा ऋतू में लगाना उत्तम माना जाता है | जून के अंतिम दिनों में काजू की पौध को तैयार खड़ो में लगा देनकर भूमि के बराबर मिट्टी भरकर समतल और संचाई कर देना चाहिए |

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काजू की खेती में सिंचाई ?

सिंचाई की बात करें तो काजू की खेती अधिकतर वर्षा वाले स्थानों पर होती है, तथा 1000 से 2000 मिली मीटर वर्षा की आवश्यकता होती है | यदि किसान बागवानी में काजू के पेड़ों में सिंचाई शुरुआत में 2 से 3 वर्ष तक प्रतिदिन सिंचाई की जरूरत होती है | काजू का पेड़ 3-4 वर्ष बड़ा होने के बाद में किसान सिंचाई में अंतराल करके धीरे-धीरे सिंचाई में 10 से 15 दिनों में सिंचाई करते रहना चाहिए |

काजू के पेड़ पर पुष्पन क्रिया ?

काजू के पौधे को लगाने के लगभग 2 से 3 वर्ष बाद में काजू के पेड़ पर पुष्पन की क्रिया आरंभ हो जाती है | काजू के फल 2 महीने में पक कर तैयार हो जाते है | काजू का फल तथा नट आरंभिक अवस्था में हरे रंग का होता है तथा बड़ा होने अर्थात पकने की अवस्था में काजू का फल लाल और नट सफेद रंग का हो जाता है |

काजू के कच्चे फल से सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि, काजू के कच्चे फल में Tenin Or CNSL नामक का रसायन होता है, कि त्वचा पर लगने पर इंफेक्शन भी हो सकता है |

काजू-की-खेती

काजू की कीमत या रेट ?

बात करें काजू की कीमत या काजू के मंडी भाव तो इसकी कीमत वैरायटी तथा बाजार की मांग के अनुसार घटती बढ़ती है | मौसम के अनुसार उत्पादन पर भी निर्भर करती है | काजू का मंडी भाव 500 रुपये से ₹700 प्रति किलो है तथा बाजार में काजू के भाव 800 से 1100 तक वैरायटी के अनुसार देखने को मिलते है |

वर्तमान काजू की कीमत या रेट/भाव 2024 देखने के लिए यहां क्लिक करें – https://hindi.alibaba.com/g/cashew-1kg-price.html

भारत में सबसे ज्यादा काजू का उत्पादन कहां होता है?

भारत में मुख्य रूप से काजू उत्पादन केरला, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, छतीसगढ़, तमिलनाडु के पूर्वी तट, ओडिशा, पश्चिम-बंगाल, पांडुचेरी के समुद्र तटीय क्षेत्र में भारत प्रमुख रूप से काजू की खेती की जाती है | काजू उत्पादन में प्रथम राज्य 2023-24 केरल राज्य है |

विश्व में काजू उत्पादक प्रमुख देश ?

विदेशों में काजू की खेती की बात करें तो ब्राजील, भारत, वियतनाम, नाइजीरिया, बेनिन, आईवेरी, फिलिपिंस, गिन्नी, इंडोनेशिया, आदि प्रमुख काजू का उत्पादक देश है |

एशियाई देशों में ज्यादातर तटवर्ती क्षेत्र में काजू का उत्पादन सर्वाधिक बड़े क्षेत्र में है |

काजू-की-खेती

भारत में काजू के उत्पादन संबंधित आंकड़े ?

विश्व के कुल उत्पादन का 10% उत्पादन केवल भारत में होता है | तथा विश्व के कुल उत्पादन में काजू उत्पादन में भारत का तीसरा स्थान है |

काजू के प्रत्येक पेड़ से 10 से 25 किलो सालाना उत्पादन लिया जा सकता है | काजू का उत्पादन या पैदावार बीज की किस्में पौधे की उम्र, जलवायु की स्थिति, मिट्टी के प्रकार, पौधे की देखभाल एवं रखरखाव पर निर्भर करती है |

काजू खाने के लाभ और फायदे ?

  1. त्वचा में निखार तथा त्वचा सुंदर और चमकदार दिखती है |
  2.  कोलेस्ट्रोल को नियंत्रण करता है |
  3.  शरीर की हड्डियां तथा मांसपेशियों को मजबूत बनाता है |
  4.  शरीर का पाचन क्षमता तथा पाचन शक्ति को बढ़ाता है काजू प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है |
  5.  शरीर में एनर्जी को बनाए रखते हैं डायबिटीज के लिए फायदेमंद है तथा शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है |
  6.  बालों को चमकदार तथा मजबूत बनाता है |
  7.  हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है तथा गर्भावस्था में भी फायदा मिलता है |
  8.  काजू का नियमित सेवन करने से शरीर के बहुत सारे रोगों से बचाता है |
  9.  दांतों तथा मसूड़ों को स्वस्थ तथा मजबूत बनाता है |
  10.  गोल्ड ब्लैडर की पथरी में लाभदायक होता है |
  11.  काजू के पुष्प से याददाश्त तेज करने वाली होम्योपैथिक औषधि बनाई जाती है |

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