[ काजू का पेड़ के बारे में 2024 ] भारत में काजू की खेती कहां होती है, उत्पादन, काजू टुकड़ी भाव | Kaju Ka Paudha

Last Updated on February 22, 2024 by krishisahara

काजू का पेड़/काजू का पौधा | काजू का बीज कहां मिलता है | ped kaisa hota hai | काजू का उत्पादन कहां होता है | काजू सबसे ज्यादा कहाँ होता है | काजू टुकड़ी भाव | काजू का पेड़ कितने दिन में फल देता है | काजू का पेड़ कैसे उगाएं

काजू-का-पेड़

देश में काजू को अच्छी और रिहायसी खुराक के रूप में जाना जाता है | काजू में कई गुणकारी खनिज-तत्व पाए जाते है, जो शरीर के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक है | सालभर काजू बढ़ती मांग के कारण खेती, उत्पादन से लेकर रेट, भाव, व्यापार आदि सक्रिय रहता है | आइए जानते जानते है काजू के पेड़ और भारत में फैले इसके पूरे रंग-रूप के बारे में –

काजू का पौधा एक उष्ण कटिबन्धीय पौधा है, जो गर्म एवं उष्ण जलवायु में फलता-फूलता और अच्छी पैदावार देता है |

काजू का पेड़ कैसा होता है ?

उष्णकटिबंधीय जलवायु में काजू का पेड़ एक बहुत हीं तीव्रता से बढ़ता है | इसका पेड़ 8-10 साल वाले नीम के पेड़ के ऊंचाई-आकार में मोटे पत्तों में होता है| kaju ka ped लगभग 13 से लेकर 14 मीटर तक की ऊंचाई में होता है | देश में काजू के उत्पादन हेतु काजू की प्रजातियों के पेड़ 6 मीटर (20 फीट) तक बढ़ते है, जो की उच्च पैदावार के साथ काजू के बीज और सूखे फल देते है |

काजू की खेती का समय/काजू का पेड़ कब लगाए जाते है? 

यदि किसान पौधा तैयार करता है तो – पौधा तैयार करने का उपयुक्त समय मई-जुलाई का महीना होता है | बागान या खेत में लगाने के लिए बरसाती समय जून-जुलाई से लेकर सितंबर तक कर सकता है, क्योंकि बरसात में इस पौधे की जड़े भूमि में अच्छे से पकड़कर-फैलने लगती है |

ज्यादातर नर्सरी में तैयार होने वाले काजू के पौधों को साफ्ट वुड ग्राफ्टिंग विधि से तैयार किया जाता है |

काजू का पेड़ कितने दिन में फल देता है ?

ग्राफ्टिंग विधि से तैयार होने वाला पौधा लगाने के 2-3 साल बाद में ही फल देने लग जाता है |

काजू कितने प्रकार के होते है- ग्रेडिंग कैसे की जाती है ?

देश में काजू की 40 से अधिक वैराइटिया पाई जाती है, जिनका अच्छा उत्पादन लेकर बाजार में लाया जाता है| काजू-फल को इनके छिलके से अलग करना बहुत कठिन होता है, फल को छिलके से अलग करने में काजू का फल टूट या कट हो जाते है, जिनको अलग-अलग ग्रेड में बाटकर बाजार में बेचने के लिए उतारा जाता है |

काजू का बाजार में भाव क्वालिटी और ग्रेडिंग/किस्में के अनुसार तय होते है |

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काजू-का-पेड़
काजू का पेड़ / काजू का पौधा

काजू का पेड़ कैसे उगाएं ?

काजू का पेड़ कैसे लगाए या उगाए इसके लिए आप नजदीकी पौधशाला या सरकारी नर्सरी से संपर्क के वहाँ खरीद सकते है | किसान काजू का पौधा घर पर तैयार करना चाहता है, तो इसके लिए अच्छे बीज किस्म का चुनाव कर दिसंबर-जनवरी में पौध तैयार कर सकते है |

नर्सरी या घर पर तैयार करने वाले पौधे को अच्छी देखरेख के साथ कम से कम 5-6 महीने और अधिकतम 1 साल तक पौधे की देखरेख की आवश्यकता होती है |

काजू का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?

काजू आमतौर पर भोजन व मिठाई, औषधीय रूप, दवाईया, तेल आदि के रूप में किया जाता है| ज्यादातर काजू का उपयोग मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, पेट और जठरांत्र संबंधी बीमारियों, त्वचा की समस्याओं आदि के लिए किया जाता है |

काजू का उत्पादन कहाँ होता है? 

काजू का उत्पादन प्रमुख रूप से भारत के दक्षिणी क्षेत्र- केरल, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पांडुचेरी जैसे राज्यों में बहुत क्षेत्र में की जाती है | भारत में हर साल करीब 7.25 लाख मेट्रिक टन काजू का उत्पादन और 10.27 लाख हेक्टेयर भूमि पर काजू खेती/बगान पर होती है |

काजू का बीज कहां मिलता है ?

काजू का बीज किसी अच्छे सरकारी संस्था या विश्वशनीय नर्सरी से लेना चाहिए, जिससे पेड़ और काजू की वैराइटी अच्छी हो ‘कैश्यू एप्पल’ से काजू बीज निकलते है, इनसे नया पौधा तैयार होता है |

काजू-का-पेड़

भारत में काजू की खेती कहां होती है ?

सूखे फलों/ड्राई फ्रूट्स में काजू को शीर्ष स्थान मिला हुआ है | काजू की व्यवसायिक एवं बड़े पैमाने पर खेती केरल, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा एवं पं. बंगाल, कर्नाटक, तामिलनाडु जैसे राज्यों में की जाती है |

देश में ये राज्य काजू की खेती के लिए जाने जाते है, क्योंकि यहाँ की जलवाऊ और मिट्टी इसकी खेती के लिए अनुकूल होती है |

काजू महंगा क्यों मिलता है? 

इस वर्ष उत्पादन और आयात-निर्यात के चलते काजू के दाम में तेजी देखने को मिल रही है | घरेलू बाजार में काजू की मांग/खपत बढ़ने के चलते भी कीमतों को बढ़ने का मौका मिल जाता है |

कम उत्पादन और गुणकारी, शरीर-सेहत के लिए अच्छे, शाही शोक के रूप में ड्राई फ्रूट के रूप में महंगे मिलते है |

काजू से जुड़ी 5 रोचक बाते –

  • देश में काजू की 40 से अधिक प्रकार की किस्मो/वैराइटियों का उत्पादन होता है |
  • ‘कैश्यू एप्पल’ से काजू बीज निकलते है, इनसे नया पौधा तैयार कर सकते है |
  • काजू के कच्चे फलों में Tenin Or CNSL नामक का रसायन होता है, जिसका त्वचा पर लगने पर इंफेक्शन होकर पूरे शरीर पर फेल जाता है |
  • काजू के पेड़ की राल (पेड़ से निकलने वाला तरल चिपचिपा पदार्थ) को औद्योगिक उत्पादों जैसे ब्रेक लाइनर और रंग-पेंट में किया जाता है |
  • कच्चे काजू का रंग-हरा होता और पकने की अवस्था में फल लाल और नट/पूछ सफेद रंग का हो जाता है |

भारत में काजू का रेट क्या है – काजू का भाव 2024 ?

  1. सभी के मन में होता है की काजू का मंडी/थोक और बाजार भाव क्या है तो – काजू क्वालिटी के अनुसार 60,000 से 1,40,000₹ प्रति क्विंटल यानि 600 से 1400 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब में बिकता है |
  2. जबकि थोक के भावों की बात करें तो दक्षिणी राज्यों की बड़ी मंडियों में 25,000 से 80,000 रुपये/क्विंटल यानि 250 से 800 (अच्छी क्वालिटी) रुपये किलोग्राम के भावों में व्यापार होता है |
  3. काजू टुकड़ी भाव 2024 – काजू टुकड़ी इन दिनों 450 से 630 रुपये/किलोग्राम के भावों में बिकती नजर आ रही है – काजू को लेकर आज की ताजा खबर

काजू का पेड़ कितने साल में फल देता है?

काजू का पौधा ग्राफ्टिंग विधि से तैयार होने पर वह लगाने के 2-3 साल बाद में ही फल देने लग जाता है |

भारत में काजू की खेती कहाँ होती है?

भारत में काजू की खेती व्यवसायिक एवं बड़े पैमाने पर खेती केरल, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा एवं पं. बंगाल, कर्नाटक, तामिलनाडु जैसे राज्यो में की जाती है |

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