Last Updated on February 27, 2024 by krishisahara
अच्छी कमाई करने वाले किसान भाई टमाटर की फसल को लेकर काफी जागरूक रहते है | आज बात करेंगे टमाटर की अच्छी पैदावार को लेकर सम्पूर्ण जानकारी के बारें में, जो किसान को दिला सकते है अच्छी पैदावार | आइये जानते है, टमाटर में फल फूल की दवा एवं ग्रोथ के प्रमुख उपाय –
टमाटर के पौधे की अच्छी ग्रोथ के उन्नत तरीकें ?
टमाटर एक प्रसिद्ध और सदाबहार पसंदीदा सब्जी है | टमाटर के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए निम्नलिखित उन्नत तरीके आपकी मदद कर सकते है –
सही जगह का चयन – टमाटर पौधे को उगाने के लिए एक स्थान चुनें जहां धूप की भरमार होती है और उपजाऊ मिट्टी हो, अच्छी कार्बनिक और नमी वाली मिट्टी टमाटर के पौधे के लिए बेहद उपयुक्त होती है|
अच्छे बीजों का चुनाव – पौधे की ग्रोथ के लिए उच्च गुणवत्ता एव प्रमाणित बीज चुनें, अगर आप बीज खरीदना चाहते है तो स्थानीय नर्सरी से या विश्वसनीय ब्रांड का बीज खरीदें |
सीजन एव डिमांड के आधार पर बुवाई – बाजार की डिमांड के अनुसार खेती करें | टमाटर के बीजों को उगाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का, यानी मार्च-अप्रैल होता है| यदि आप उच्च गर्मी वाले स्थान पर रहते है, तो ध्यान दें कि बीज उगने के लिए तापमान कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए |
उपयुक्त सिंचाई प्रबंधन – पौधे को नियमित रूप से पानी देना बहुत महत्वपूर्ण है | टमाटर को अधिक पानी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी जड़ें गल जाती है | ध्यान रखें, समय-समय पर पौधों को सिर्फ उन्हें पोषित रखने के लिए पानी दें |
उपयुक्त खाद, पोषण देना – टमाटर के पौधे को अच्छे से पोषित करने के लिए उपयुक्त खाद देना अनिवार्य है| जैसे की कम्पोस्ट, गोबर खाद, पोश्न्युक्त खाद आदि इसमें मिश्रित खाद उपयुक्त होती है|
टमाटर के पौधों को सहारा प्रदान करना – जब टमाटर के पौधे बड़े हो जाते है, तो उन्हें जाल, या लकड़ी, तार, रस्सी, खम्भे से सहारा बहुत महत्वपूर्ण है |
खरपतवार एव निराई-गुड़ाई – पौधों के आस-पास की घास को हटाते रहे | प्रत्येक महीने में मिट्टी को पलट, निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए, इससे पौधे में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलती है |
टमाटर की पैदावार कैसे बढ़ाएं ?
टमाटर की पैदावार बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय काम आ सकते है –
- अच्छे बीजों का चयन, बुवाई के समय बिजौपाचार, नमी में बुवाई करें|
- खेत एवं मिट्टी की जाँच करवाए, आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करें | मिट्टी में धातु तत्वों, रेत और कंपोस्ट का सही मिश्रण होना चाहिए|
- जुताई के समय से फसल तुडाई तक पौधों को उच्च ग्रोथ के लिए नियमित खाद दें, घर पर तैयार किया गोबर खाद या जैविक खाद काम में लेना चाहिए |
- जब पौधे के पास 4 से 6 पत्तियां हो जाएं, तो उन्हें विकास के लिए कट दें| इससे पौधे को अधिक ऊर्जा मिलती है और वे बेहतर तरीके से बढ़ सकते है|
- टमाटर के पौधे की मजबूती को बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर प्रूनिंग/कटाई करें| इससे पौधे का आकार संयंत्री रूप से बढ़ता है और पैदावार में सुधार होता है|
- समय पर टमाटर के पौधे को सिंचाई पानी दें|
- जब पौधे बड़े हो जाते है, तो उन्हें स्टेक्स या तार से सहारा प्रदान करें। इससे पौधे को अधिक बल मिलता है और वे अच्छे से विकसित हो सकते है|
- टमाटर के पौधे को कीटाणु और बीमारियों से बचाने के लिए नियमित जाँच करें और उचित रोगनाशक और कीटनाशक का उपयोग करें|
टमाटर में फल फूल की दवा ?
टमाटर में फूल न आने के कई कारण हो सकते है जैसे कि अनुपयुक्त मिट्टी, पोषक तत्वों की कमी, पानी की कमी, जलवायु की अनुपयुक्तता, कीटाणु या बीमारियों का संक्रमण आदि| इसलिए, इसकी अधिक जानकारी आपके क्षेत्र के सफल किसान या बागवान विशेषग्य से सलाह लेना उचित होगा | सामान्यतः टमाटर में फल फूल की दवा को काम में ज्यादातर लिया जाता है –
फूल-फल झड़ने से रोकथाम के लिए एन. ए. ए. फ्लोनोफिक्स 4 मिली. प्रति 15 लिटर पानी का स्प्रे करना चहिये |
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टमाटर में कौन कौन सी दवा डाली जाती है?
टमाटर के उत्पादन में, रोगों और कीटाणु संबंधी समस्याओं का सामना किया जाना सामान्य है | इन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए कुछ रोगनाशक और कीटनाशक दवाएं उपलब्ध होती है | यहां कुछ आम रोगनाशक और कीटनाशक दवाएं है, जिनका उपयोग टमाटर में किया जा सकता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि इनका उपयोग विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह के बिना न करें –
फंगीसाइड्स (Fungicides) – फुंगीसाइड रोगों से बचने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त होते हैं | टमाटर में फूलों और पत्तियों के असमय गिरने, बीजलिंग रोग, डेड लीव रोट, और पातला अट्टा जैसी फंगल संक्रमण से बचाव के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है |
इंसेक्टिसाइड्स (Insecticides) – इंसेक्टिसाइड्स कीटाणुओं और कीड़ों के नियंत्रण के लिए उपयुक्त होते है | टमाटर में नीबु व्रुट, बॉर्डर रसीद, जास्पर बीटल, और थ्रिप्स जैसे कीटाणुओं को नियंत्रित करने के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है |
एरासिक एसिड (Erasik Acid) – टमाटर के बीजों के अधिक विकसित होने के लिए एरासिक एसिड का उपयोग किया जाता है | यह उन्हें बढ़ाने में मदद करता है और अधिक उत्पादन को प्रोत्साहित करता है |
ये दवाएं केवल अधिक उत्पादन और संभावित रोग और कीटाणु संक्रमण के लिए है | टमाटर के पौधों की समृद्धि और उचित उत्पादन के लिए भी उचित मिट्टी, पानी प्रबंधन, खेती तकनीकों का पालन, और समय पर समर्थन प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है | इसलिए, अगर आप टमाटर की खेती करने की सोच रहे हैं, तो एक निकटतम कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना अच्छा रहेगा |
टमाटर फलों के फटने को कैसे नियंत्रित करते हैं?
टमाटर फलों के फटने को नियंत्रित करने के लिए चिलेटड बोरेन 200 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर में मिलकर स्प्रे कर सकते है | फसल में जलभराव या फल पकने के समय सिंचाई अधिक ना करें |
टमाटर के फलों को गिरने से कौन रोकता है?
टमाटर के फलों को गिरने से रोकने के लिए कुछ उपाय होते है, जो पौधे को समर्थित करते है और फलों को बचाते है –
बोरोन पोषक तत्व फसल में फूलों और फलों की बनावट तैयार करता है | फूलों के आने की स्थति में 25 ग्राम बोरोन प्रति 10 लिटर का छिडकाव करने से टमाटर के फलों को गिरने से बचाता है |
टमाटर के पौधे की ग्रोथ कैसे करें?
टमाटर के पौधे की ग्रोथ बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं –
- टमाटर के पौधों के लिए उपयुक्त पोषक तत्वों वाली मिट्टी का चयन करें |
- उचित सिंचाई का प्रबंधन समय पर जरुरी है | सिंचाई में कमी या ज्यादा फसल को नुकसान पहुंचा सकती है |
- टमाटर के पौधों को उच्च गुणवत्ता वाली खाद जैसे कि कम्पोस्ट, गोबर खाद देते रहना चाहिए |
टमाटर में फल लाने के लिए क्या करें?
टमाटर में फल लाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें –
– समय पर बीज बोएं
– उचित मिट्टी और खाद
– उचित सिंचाई प्रबंधन
– समय पर प्रूनिंग (कटाई)
– पौधे को बीमारियों से बचाव हेतु उचित रोगनाशक और कीटनाशक का उपयोग करें
– टमाटर पौधे को पर्याप्त सूर्यकिरणों की आवश्यकता |
टमाटर का पौधा कितने दिन में फल देता है?
अच्छी किस्मों के टमाटर बीज से तैयार पौधा 45 से 50 दिन में ताज़ा फल तुडाई के लिए तैयार हो जाता है | अगले 20 से 25 दिन तक अच्छी पैदावार देती है |
टमाटर के फल बढ़ाने की दवा?
शाइन दवा 10ml/15 लीटर या संजीवनी 1ml/15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए | अन्य उपायों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से युक्त पोषक तत्वों वाली खाद, उर्वरक का प्रयोग भी कर सकते है |
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