Last Updated on January 31, 2024 by krishisahara
गाजर की खेती कैसे करें – गाजर फसल को, रबी सीजन में उपजाई जाने वाली प्रमुख मुनाफेदार फसलों में जानी जाता है | गाजर में भरपूर कैरोटिन और विटामिन ए की मात्रा अच्छी पाई जाती है | सर्दी के मौसम में गाजर की डिमांड मंडियों में अधिक देखी जाती है, इस समय सब्जी, हलवा, आचार, सलाद, आदि खाध्य व्यंजन बनाने में खूब काम में लिया जाता है | गाजर की फसल ठंडी जलवायु की फसल है, इसकी खेती करने के लिए 8 से 25 डिग्री तक का तापमान होना चाहिए |
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इस सुंदर लेख में आपको गाजर की उन्नत खेती की विशेष जानकारी मिलेगी – गाजर की खेती कब और कैसे करें? गाजर की उन्नत किस्में/उन्नत बीज वैराइटिया क्या है? खरपतवार नियंत्रण, लाभ-कमाई क्या है?
गाजर की खेती कैसे करें ?
किसान भाई ध्यान रखे, यदि आप केवल मंडी में बेच अच्छी आय के लिए खेती कर रहे है, तो इसके लिए आपको खेत की तैयारी से लेकर बुवाई, खाद-उर्वरक, रोग-कीट, देखभाल-सावधानियाँ, लाभ-मुनाफे सभी को ध्यान में रखकर उन्नत तरीकों से कर सकते है | उन्नत तरीकों में मिट्टी की जाँच कराए, उन्नत बीज का चयन करने अच्छी बुवाई कराए, जैविक खाद का प्रयोग करें, सिंचाई का ध्यान रखे, जिनके बारे में आगे बात करेंगे एक-एक करके –
गाजर फसल की जलवायु/मिट्टी –
इस फसल के लिए मुख्यतः ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है, लेकिन कई उन्नत किस्मों के रिसर्च/शोध से तैयार होने के कारण हल्की जलवायु में भी उगाई जा सकती है | उपयुक्त मिट्टी की बात करें, तो अच्छी जल निकासी वाली कार्बनिक उपजाऊ मिट्टी, जिसमें जलोढ़, भूरी हल्की, दोमट मृदा उत्तम मानी गई है |
गाजर की खेती कब की जाती है/गाजर की खेती का समय ?
रबी के सीजन की खेती के लिए सबसे उत्तम और सही समय सितंबर से अक्टूबर तक का समय होता है, किसान गाजर की पछेती बुआई नवंबर तक पछेती किस्म की बुवाई कर सकते है|
खेत की तैयारी कैसें करें ?
अच्छी खेती करने के लिए आपको सर्वप्रथम 2 से 3 गहरी कल्टीवेटर से जुताई करा ले, दूसरी जुताई में कंपोस्ट या पक्की हुई गोबर खाद को डालकर दूसरी-तीसरी जुताई करा लेना है | अंतिम रूप के लिए खेत को समतल करा लेवे, उन्नत तरीके में मेडबंदी में बुवाई कर सकते है |
गाजर की प्रमुख उन्नत किस्में ?
आज के समय बाजार में गाजर की कई उन्नत किस्में उपलब्ध है, जिनको किसान अपने खेत की मिट्टी, जलवायु के अनुसार बीज के बुवाई कर सकते है –
पूसा मेघाली गाजर बीज –
इस वैराइटी की बुआई अगस्त से सितंबर माह के बीज कर सकते है, किसान की बुवाई से 100 से 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है | पूसा मेघाली किस्म की पैदावार की बात करें तो, 250 से 310 क्विंटल/हैक्टेयर ली जा सकती है |
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गाजर पूसा केसर वैराइटी –
इस किस्म को मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है | पूसा केसर वैराइटी में विटामिन ए और केरोटिन की मात्रा अधिक पाई जाती है | पूसा केसर किस्म की खेती 90 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है | इसकी पैदावार 200 से 300 क्विंटल/हेक्टेयर तक ली जा सकती है |
नैनटेस गाजर बीज –
यह गाजर की हाइब्रिड किस्म है, जो खाने में अधिक स्वादिष्ट और मीठी, दानेदार होती है | नैनटेस गाजर बीज की पैदावार 200 क्विंटल/हैक्टेयर के आस-पास होती है|
हिसार रसीली गाजर बीज –
इस किस्म को स्वादिष्ट और दिखने में आकर्षक होती है | हिसार वैराइटी की गाजर में विटामिन ए और केरोटिन की मात्रा अधिक होती है | हिसार रसीली गाजर बीज की पैदावार 250 से 300 कुंटल तक देखी जा सकती है |
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गाजर की खेती में सिंचाई कितनी होती है ?
किसान भाइयों गाजर की फसल को 5 से 6 बार सिंचाई करने की आवश्यकता होती है | मेड़बंदी तरीकों से खेती करने पर किसान को 1-2 सिंचाई अधिक करनी चाहिए | पानी मेड़ से ऊपर नही जाना चाहिए, बल्कि तीन बट्टे चार भाग तक ही रहे | सामान्य दिनों में सिंचाई आवश्यकता अनुसार हर 10 से 15 दिनों के भीतर करनी चाहिए |
गाजर में कौन सी खाद डालें?
जब आप खेत की तैयारी के समय 20 से 30 टन सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टर दूसरी जुताई के समय डाल देनी चाहिए | बुवाई के बाद जब फसल 25 से 30 दिनों की हो जाए, 20 kg नाइट्रोजन खड़ी फसल में लगाकर मिट्टी चढ़ाते समय देनी चाहिए |
गाजर की खेती में खरपतवार नियंत्रण कैसें करें ?
खेत में गाजर के साथ-साथ कई खरपतवार भी उग जाती है, जो आपकी फसल के उपज उत्पादन को प्रभावित करते है | यह अनावश्यक खरपतवार खेत की नमी और पोषक तत्वों में कमी लाते है, प्रत्येक 15 दिन में फसल में निराई गुड़ाई करनी चाहिए |
खरपतवार ज्यादा होने की स्थति में प्रेटीलाफ्लोर दवा 1250 मिलि प्रति हेक्टेयर की दर से रसायनिक दवा का छिड़काव कर सकते है |
गाजर की खेती से कमाई ?
सब्जी फसलों से किसान अच्छी आय कमा सकता है, गाजर की खेती करके भी किसान 3 महीनों की फसल से 50 से 1 लाख रुपये प्रति एकड़ की कमाई आसानी से कर सकता है | शहरी क्षेत्रों के नजदीकी कई किसान भाई सीजन में इन फसलों की अगेती और पछेती खेती करके 2 से 3 लाख रुपये प्रति एकड़ भी कमा रहे है |
गाजर के बीज कितने दिन में अंकुरित होता है?
गाजर के बीज को अंकुरित होने में लगभग 5 से 10 दिनों तक समय लगता है| इसी कारण ध्यान रखे इस समय सिंचाई ना करें |
एक बीघा में गाजर का बीज कितना लगता है?
बीज की लागत किसान द्वारा बुवाई के तरीकों पर निर्भर करता है, सामान्य तरीकों में देखा जाए तो, 1.5 से 3 किलोग्राम प्रति बीघा गाजर का बीज लगता है – गाजर की खेती pdf
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