[ चने की उन्नत किस्में 2023 ] जानिए विशाल, 315, 202, चना दिग्विजय, फूले, विजय चना वैरायटी | चने की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है – Best Gram varieties in hindi

Last Updated on May 18, 2023 by krishi sahara

दुनिया मे गरीब हो या अमीर सभी की दाल-रोटी मे, दाल की व्यवस्था, इसी चने की उन्नत किस्मों से होती है चना फसल मुख्यतः ठंडे जलवायु की फसल है, जो बारानी भूमि/बिना सिंचाई व्यवस्था मे तैयार की जाती है| हमारे भारत देश में चने की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार आदि राज्यो में की जाती है |

चने-की-उन्नत-किस्में

आज हम बाते करेंगे इसी और चने की टॉप उन्नत किस्मों के बारे मे जो उपज उत्पादन मे अपना बेहतर योगदान देती आ रही है –

टॉप 10 चने की उन्नत किस्में ?

किसान भाइयों बता दे की चने की उन्नत किस्मों मे टॉप प्रचलित विशाल, 315, 202, चना दिग्विजय, फूले, विजय चना वैरायटीयां आदि है, जिनको लगाकर किसान सामान्य बीजों की तुलना मे अच्छा उत्पादन और लाभ कमा सकते है –

315 चना की वैरायटी –

इस किस्म को JG-315 के नाम से भी जाना जाता है यह वराइटी अपने अच्छी पैदावार के कारण जानी जाती है – जो 28 से लेकर 32 क्विंटल/हैक्टेयर तक उपज ली जा सकती है JG-315 चने की फसल तैयार होने में 110 से 125 दिनों का समय लगता है| ध्यान रखे किसान भाई इसमे 2 सिंचाई करने पर ही अच्छा पैदावार मे असर देखा जा सकता है |

विजय चना वैरायटी –

इस किस्म की बुआई का समय अक्टूबर से नवंबर के मध्य की जाती है, विजय चने वैराइटी के पौधे की जड़े ज्यादा गहरी होती है, जो फसल को सिंचाई से दूर करती है इस किस्म की खास विशेषता यह है की, इसकी फसल को असिंचित खेती में भी उत्पादन दर 25 कुंटल/हेक्टेयर तक लिया जा सकता है| इसे ज्यादातर राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि असिंचित स्थति वाले क्षेत्रों मे बुवाई की जाती है |

हरा चना बीज वैभव –

अधिक ठंड, एव सूखे जैसी विषम परिस्थति मे तैयार होने वाली किसान अनेक प्रकार के रोगों के प्रति काफी प्रतिरोधी किस्म है | औसत उपज पैदावार की बात करें तो, 13 से 16 क्विंटल / हेक्टेयर तक ली जा सकती है | चने की वैभव किस्म को पकने में 110 से 120 दिनों तक का समय लगता है |

202 चना की वैरायटी –

इस किस्म की मुख्य विशेषता अधिक ठंड/पाले की समस्या को सहन करने के लिए तैयार किया गया है मध्य और उतरी भारत के किसान इस वैराइटी की खेती करना अधिक पसंद करते है, 202 चने के बीज की पैदावार 22 से लेकर 26 क्विंटल/हेक्टेयर तक देखी जाती है इस फसल को पकने में 120 से 130 दिनों तक समय लगता है बेहतर परिणामों के चलते महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश मे इस किस्म को सर्वोधिक बोया जा रहा है |

चने-की-सबसे-अच्छी-वैरायटी-कौन-सी-है

GNG 1581 चना –

राजस्थान के लिए मुख्यतः अनुमोदित इस किस्म को जी.एन.जी. गणगौर चना बीज के नाम से भी जाना जाता है इस किस्म की फसल उच्च उत्पादन देने वाली फसल है, इस किस्म के पौधे की ओसत ऊंचाई 40 सेंटीमीटर तक होती है, पैदावार की बात करें तो, 14 से 16 कुंटल प्रति एकड़ तक लिया जा सकता है |

विशाल चने की किस्म –

चने की सभी वैराइटियों मे से विशाल चने की किस्म को सर्वगुण सम्पन्न किस्म माना जाता है, इसको पकने में 110 से 120 दिनों का समय लगता है इस किस्म के दाने हल्के से पीले होते है और बीजों/दानों का आकार बड़ा होता है, विशाल चने की किस्म से प्रति हेक्टेयर उत्पादन पैदावार की बात करें तो – 35 क्विंटल के आस-पास ली जा सकती है |

चना दिग्विजय (फुले 9425-5) –

दिग्विजय फुले वैराइटी की बुआई अक्टूबर से नवंबर के मध्य में होती है लगभग 40 क्विंटल/हेक्टेयर की पैदावार क्षमता की विशेषता के कारण जानी जाती है यदि इस वैराइटी की अच्छी देखरेख की जाती है, तो 20% अधिक उत्पादन क्षमता रखती है, किस्म को पकने में 90 से 110 दिनों का समय लगता है |

चना फूले जी-08108 (फूले विक्रम) –

मुख्यतः महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के लिए तैयार की गई चना किस्म है इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 20 से 30 सेंटीमीटर तक की होती है और इसके पौधे एक दम सीधे होते है इसकी फसल 100 से 110 दिन मे पककर तैयार हो जाती है, उत्पादन पैदावार की बात करें तो, 25 से 30 क्विंटल/हेक्टेयर तक की पैदावार ली जा सकती है |

चने की उन्नत किस्में

चने की बीज दर क्या रखनी चाहिए ?

चने की बुआई के समय आपको चने का दर 30 से 45 किलोग्राम प्रति बीघा रखना है यदि आप दर पर चने की बुआई करते है, तो आपकी फसल घनी/गहरी होगी |

किसान भाई ध्यान रखे – बीज बुवाई की दर भी आपके उपज उत्पादन को प्रभावित करती है, उत्पादन दर, आपके खाद, सिंचाई और खरपतवार, जलवायु, मौसम आदि पर भी निर्भर रहेगी |

चने की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

  • यदि आप चने की अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है तो आपको बुआई के समय चने के सही बीज का चयन करना होगा |
  • खेतों की अच्छी बुवाई के साथ, खाद-उर्वरक देकर तैयार करना चाहिये |
  • आपको हमेशा चने के बीज का चयन आपने क्षेत्र के जलवायु के अनुसार करना है |
  • सिंचाई वाली किस्मो मे सिंचाई का विशेष ढेन रखें –
  • प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल में खेत से खरपतवार निवारण काम करना चाहिए |
  • अधिक मात्रा मे रसायनिक खाद को नहीं देना चाहिए |

चने की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है?

चने की कई अच्छी वैरायटीयां है जो 25+क्विंटल/हे. का उत्पादन देती है, जैसे की – 315 चना, विजय चना, चना दिग्विजय (फुले सीरीज), 202 चना, GNG 1581 चना, विशाल चने आदि अच्छी किस्म के बीज माने गए है |

चना की बुवाई कब तक करनी चाहिए?

चने की बुआई का सही समय 15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक कर लेनी चाहिए पछेती बुवाई के लिए 15 दिनों का और भी समय लग सकता है |

चना कौन से महीने में लगाया जाता है?

चना की खेती अक्टूबर या नवंबर के महीने में की जाती है| जो किस्म/वैराइटी के अनुसार 100 से लेकर 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है|

चना कितने दिन में उगता है ?

ध्यान रखे नमी की दशा मे चने के बीजों की बुवाई करें – चने का बीज 6 से 8 दिन मे अंकुरित होकर बाहर निकल जाता है |

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