Last Updated on June 22, 2023 by krishi sahara
हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी सब्जी उत्पादक किसानों के नुकसान की समुचित भरपाई इस योजना के तहत करने का प्रावधान रखा है | सरकार इस योजना में सब्जी और बागवानी की लगभग 19 फसलों को शामिल किया है | बाजार में उपज के तय भाव एव खरीदी भाव के अंतर के नुकसान की किसानों को सरकार द्वारा दिया जाएगा | हरियाणा राज्य के किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना कृषि कवच के रूप में काम कर रही है –
![[ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भावांतर भरपाई योजना 2023 ] किसानों को नुकसान से बचाएगी यह स्कीम | जानिए भावांतर का पैसा कब मिलेगा 1 bhavantar-bhugtan-yojana-haryana](http://krishisahara.com/wp-content/uploads/2021/03/bhavantar-bhugtan-yojana-haryana.jpeg)
Bhavantar Bhugtan Yojana से अब बागवानी और सब्जी उत्पादक किसानों के सुनिश्चित हुए मंडी दाम | उचित दाम योजना में शामिल की गई लगभग 19 फसलें –
सरकार के इस फैसले पर किसान को सब्जियों और फलों के लगाने पर घाटा नहीं होगा | सरकार का मानना है, कि किसान इस भाव से ज्यादा भाव में भी अपनी फसल को बेच सकता है| लेकिन यदि खरीदार उसको तय रेट से कम में खरीदता है, तो भरपाई का Bhavantar Bhugtan Yojana में इसका प्रावधान है |
![[ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भावांतर भरपाई योजना 2023 ] किसानों को नुकसान से बचाएगी यह स्कीम | जानिए भावांतर का पैसा कब मिलेगा 2 भावांतर-भरपाई-योजना](http://krishisahara.com/wp-content/uploads/2021/03/WhatsApp-Image-2021-03-31-at-20_opt.jpg)
भावांतर योजना क्या है ?
भावांतर भरपाई योजना का मकसद भी यही है, कि यदि किसान को उसकी फसल का उचित भाव ना मिले तो सरकार उचित मूल्य पर किसान का उत्पाद खरीदने के लिए तैयार ताकि किसान को नुकसान ना हो |
हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत 19 फसलों के दाम की गारंटी दे दी है | अगर मंडी में बेचने पर किसानों को तय रेट से कम दाम मिले और जो भी अंतर होगा उसकी भरपाई की जाएगी |
भावांतर योजना में किस फसल का कितना रेट तय हुआ ?
भावांतर फसल का नाम | भावांतर तय किमत ₹/ क्विंटल |
टमाटर | 500 |
आलू | 500 |
प्याज | 650 |
फूलगोभी | 750 |
किन्नू | 11,00 |
अमरूद | 1300 |
आम | 1950 |
बैंगन | 500 |
भिंडी | 1050 |
मटर | 100 |
एनपीके उर्वरक क्या है | पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग |
हरी मिर्च | 950 |
लौकी | 450 |
करेला | 1350 |
शिमला मिर्च | 900 |
मुली | 450 |
पत्ता गोभी | 650 |
गाजर | 700 |
ट्रैक्टर स्प्रे मशीन | ट्रैक्टर लोन पर कैसे |
हल्दी | 1400 |
लहसुन | 2300 |
इसका फायदा लेने के लिए राज्य के किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीयन करवाना होगा | पहले फसल पंजीयन से सरकार को पता चले कि आपने कौन सी फसल उगाई है |
फसल का नाम | पंजीकरण अवधि | सत्यापन अवधि | सत्यापन इत्यादि के विरुद्ध अपील अवधि | बिक्री अवधि | |
---|---|---|---|---|---|
आरंभ तिथि | समापन तिथि | तक | तक | दौरान | |
आलू | 15 सितंबर | 31 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
प्याज | 15 दिसम्बर | 15 फरवरी | 15 मार्च | 25 मार्च | 1 अप्रैल – 31 मई |
टमाटर | 15 दिसम्बर | 15 फरवरी | 15 मार्च | 25 मार्च | 1 अप्रैल- 15 जून |
मटर | 1 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 31 दिसम्बर | |
गाजर | 1 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 31 दिसम्बर | 1 दिसम्बर – 28 फ़रवरी |
फूलगोभी | 15 सितंबर | 31 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
शिमला मिर्च | 10 फरवरी | 15 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
सिंगल सुपर फॉस्फेट | डीएपी खाद का रेट | फसलों की गिरदावरी | ट्राइकोडर्मा कीटनाशक | गेहूं का भंडारण | |
बैंगन | 10 फरवरी | 15 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
भिन्डी | 1 फरवरी | 31 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
मिर्च | 1 फरवरी | 31 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
लौकी | 1 फरवरी | 31 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
करेला | 1 फरवरी | 31 मार्च | 31 मार्च | 15 अप्रैल | 15 अप्रैल – 30 जून |
मूली | 1 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | |
पत्ता गोभी | 1 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
लहसुन | 1 अक्तूबर | 30 नवम्बर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 1 अप्रैल – 15 मई |
हल्दी | 1 जून | 31 जुलाई | 15 अगस्त | 15 अगस्त | 1 अप्रैल – 30 अप्रैल |
अमरूद | 15 अप्रैल | 15 मई | 15 जून | 30 जून | 1 जुलाई – 31 अगस्त |
आम | 1 मार्च | 15 मई | 15 मई | 31 मई | 15 जून – 31 अगस्त |
किन्नू | 1 सितंबर | 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर | 31 दिसम्बर | 1 दिसम्बर – 28 फरवरी |
भावांतर भरपाई योजना का लाभ कैसे लेवे ?
सब्जियों के मंडी में बिक्री के समय घाटे से बचना है, तो सबसे पहले किसान को जिला ई दिशा केंद्र या मार्केटिंग बोर्ड या बागवानी बागवानी विभाग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा लें |
इस योजना के तहत सब्जियों की 15 फसलें ली गई है, तथा फलों की 3 किस्में तथा मसालों में 1 फसल की भावांतर भरपाई करने का फैसला लिया है |
भावांतर योजना के आकड़े ?
इस योजना के तहत हरियाणा राज्य के लगभग 4187 किसानों को 10 करोड 12 लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है |
भावांतर योजना में शामिल 19 फसलों के नाम ?
यह प्रमुख फसलें हैं, जिन पर सरकार भरपाई भत्ता देती है –
- आलू
- प्याज
- फूल गोभी
- टमाटर
- किन्नू
- आम
- अमरूद
- गाजर
- मूली
- मटर
- शिमला मिर्च
- बैंगन
- हरी मिर्च
- लहसुन
- लौकी
- करेला
- बंद गोभी
- अदरक
- हल्दी
भावांतर भरपाई योजना हरियाणा कब शुरू हुई?
योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी, जो वर्तमान में भी चालू है और किसान इसका फायदा ले रहे हैं | किसानों का मानना है, कि bhavantar bhugtan yojana haryana से वह काफी खुश है ,तथा किसान को बाजार भाव गिरने पर उनकी लाज बनी रहती है |
प्याज भावांतर की राशि कब तक डाली जाएगी?
पात्र किसान की प्रोत्साहन राशि किसान के आधार कार्ड से लिंक हुए, बैंक खाते में बिक्री के 15 दिन के अन्दर जारी कर दी जाती है |
यह भी जरूर पढ़ें . . .